देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हालात बदतर हो चले हैं. आयुर्वेद विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर का वायरल वीडियो इस बात की तस्दीक कर रहा है. दरअसल, आयुर्वेद के डॉक्टर बनाने वाले आयुर्वेद कॉलेज के पास एक भी स्टाफ नर्स नहीं है. नतीजतन, ओपीडी के भरोसे ही छात्रों के बैच संचालित किए जा रहे हैं. यही नहीं खुद विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर आयुर्वेद कॉलेज का बंटाधार होने की बात कुबूल कर रहे हैं.
त्रिवेंद्र सरकार विकास कार्यों के गुणगान करने में मस्त है. तो उनके मंत्री अधिकारियों और सरकार से रूठने-मनाने में ही व्यस्त हैं. नतीजतन विभागों में स्थितियां बदतर होती जा रही है और इसको देखने वाला कोई नही. आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं. अंदाजा लगाइए कि विश्वविद्यालय में आयुर्वेदिक कॉलेज बिना नर्स के ही संचालित हो रहे हैं. यानी ओपीडी के अलावा यहां मरीजों को भर्ती करने की कोई गुंजाइश नहीं. अब सोचिए कि जिस आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में छात्रों को बिना मरीजों के ही बीएएमएस कोर्स करवाए जा रहे हो वहां क्या हाल होंगे? अब आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर सुनील जोशी की इन बातों को भी सुनिए जो वह कांग्रेस नेता के साथ में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की स्थिति को लेकर कह रहे हैं.
पढ़ेंः आयुष छात्र आंदोलन: 'हाथ' के समर्थन पर भड़के हरक, कहा- कांग्रेस शासनकाल में ही बढ़ी थी फीस
वीडियो में वाइस चांसलर के इस बयान से साफ है कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के हालात ठीक नहीं है. हैरानी इस बात की है कि विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत है जो कभी मुख्यमंत्री तो कभी विभागों के अधिकारियों से नाराज रहने में ही इन दिनों सुर्खियों में हैं. वाइस चांसलर इस वीडियो में साफ तौर पर सचिव स्तर से कार्रवाई नहीं होने की बात कहकर नर्सों की नियुक्ति नहीं हो पाने की बात कह रहे हैं.
पढ़ेंः फीस बढ़ोत्तरी मामला: छात्रों ने निकाली आयुष मंत्री की निकाली शव यात्रा
अब जानिए कि नर्सों की नियुक्ति को लेकर क्या झोल है?
22 जुलाई 2017 को नर्सों की नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी. इसी साल 18 फरवरी को काउंसिलिंग भी हो गई और अंतिम चयन भी हो गया. लेकिन विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलसचिव का दखल इन नियुक्तियों पर ऐसा रहा कि चयन की गई अभ्यर्थी आज भी विरोध कर रहे है. लेकिन अब तक उनकी नियुक्ति नहीं हो पाई है. यहां 30 अभ्यर्थी धरने पर बैंठे और अनशन तक कर डाला. जिन्हें कुलसचिव माधवी गोस्वामी ने जूस पिलाकर शांत कराया.
पढ़ेंः जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक, कई अहम मुद्दों पर चर्चा
बहरहाल, एक समिति का गठन किया गया है जो इनकी नियुक्ति को लेकर जांच करेगी. हांलाकि, कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने नर्सों की नियुक्ति नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है. उधर दूरभाष पर कुलसचिव ने ईटीवी भारत को समिति बनाने की पुष्टि की. जबकि अभ्यर्थी स्मिता कोठियाल ने एक हफ्ते में मांगें न माने जाने पर विश्वविद्यालय में तालाबंदी करने की चेतावनी दी है.