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उत्तराखंड को मिला कृषि कर्मण पुरस्कार, PM मोदी ने किया सम्मानित - trivendra singh rawat

उत्तराखंड में साल 2017-18 में कुल खाद्यान्न उत्पादन को लेकर बेहतर काम करने के लिए राज्य को कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

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Published : Jan 2, 2020, 4:06 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 10:17 AM IST

देहरादून/बेंगलुरु: उत्तराखंड को कृषि के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए केंद्र तरफ से कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को सम्मानित किया है. इस पुरस्कार के साथ उत्तराखंड को केंद्रीय कृषि मंत्रालय पांच करोड़ रुपए भी दिए हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र और कृषि मंत्री उनियाल बुधवार को ही बेंगलुरु पहुंच गए थे.

उत्तराखंड को मिला कृषि कर्मण पुरस्कार

उत्तराखंड में साल 2017-18 के दौरान कुल खाद्यान्न उत्पादन को लेकर बेहतर काम करने के लिए राज्य को कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार कुल कृषि उत्पाद में हुई वृद्धि के लिए किसानों को दिए गए तकनीकी सहयोग के लिए दिया गया है. ये घोषणा काफी पहले कर दी गई थी. अवॉर्ड के रूप में राज्य को 5 करोड़ की राशि पुरस्कार स्वरूप मिलेगी. समारोह में राज्य के दो प्रगतिशील किसानों कपकोट की कौशल्या व भटवाड़ी के जगमोहन राणा को भी सम्मानित किया गया.

पढ़ें- PM ने प्रदेश के दो किसानों को किया सम्मानित, कर्मण पुरस्कार पाकर खिले किसानों के चेहरे

बता दें कि उत्तराखंड में केद्र के सहयोग से कृषि को लेकर कई महत्वपूर्ण योजनाएं चल रही हैं. उत्तराखंड ने परंपरागत कृषि विकास योजना और जैविक कृषि को बढ़ावा देने के क्षेत्रों में काम किया है. इसके अलावा बागवानी के लिए भी राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. हाल ही में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य सरकार ने नर्सरी एक्ट और ऑर्गेनिक फार्मिंग एक्ट विधान सभा से पास किया हैं. ये नर्सरी एक्ट बागवानी को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है. इसमें किसान को खराब पौध उपलब्ध कराने वाली नर्सरी को दंडित करने का प्रावधान है तो ऑर्गेनिक फार्मिंग एक्ट के तहत एक विशेष क्षेत्र में अगर ऑर्गेनिक खेती होगी तो वहां किसी भी किस्म के रसायनिक उर्वरक नहीं बेचे जा सकेंगे.

uttarakhand
PM मोदी ने किया सम्मानित

वहीं, इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि-

  • राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी के वर्ष 2022 तक कृषकों की आय दोगुना करने के संकल्प को पूरा करने के लिए पूरी निष्ठा के साथ प्रयासरत है.
  • प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना के पात्र लाभार्थियों की संख्या 8.38 लाख है, जिनमें से 6.84 लाख कृषक लाभान्वित किए जा चुके हैं.
  • प्रदेश सरकार का लक्ष्य पहले चरण में पर्वतीय क्षेत्र को पूर्ण जैविक कृषि के दायरे में लाने का है. उत्तराखंड को जैविक प्रदेश बनाने के लिए प्रथम चरण का कार्य शुरू हो चुका है। कृषि यंत्रीकरण के तहत अब तक 755 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जा चुके हैं.
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 23 विभागों की 212 परियोजनाओं को शामिल किया गया है.
  • अगले दो वर्षों में परंपरागत कृषि विकास योजना के जरिए करीब 1.50 हेक्टेयर कृषि भूमि जैविक प्रमाणीकरण के दायरे में होगी, इसे निरंतर बढ़ाया जाएगा.
  • सरकार का लक्ष्य प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर फार्म मशीनरी स्थापित करने का है.
  • जंगली जानवरों से फसलों को बचाने को 108 गांवों में 183 किमी घेरबाड़ का कार्य किया गया है.
  • वर्ष 2018-19 में 1.38 लाख किासन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, 55 हजार किसान पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में बीमित हुए हैं.
  • दोनों योजनाओं में 84687 किसानों को 7236.69 लाख क्लेम का भुगतान हुआ.
  • व्यापारियों के मध्य ऑनलाइन ट्रेड को प्रोत्साहित करने को मंडी शुल्क में 10 फीसद छूट का प्रावधान किया गया है.
  • प्रदेश में हिल सीड बैंक की परियोजना शुरू की गई है.
  • मृदा एवं जल संरक्षण के लिए दो वर्षों में जल संचय संरचनाओं के निर्माण से 2250 हेक्टेयर सिंचन क्षेत्रफल बढ़ा है. प्रदेश में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 तक समस्त कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं.
  • मंडियों में आनलाइन ट्रेड को प्रोत्साहित करने के लिए मंडी शुल्क में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है.

देहरादून/बेंगलुरु: उत्तराखंड को कृषि के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए केंद्र तरफ से कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को सम्मानित किया है. इस पुरस्कार के साथ उत्तराखंड को केंद्रीय कृषि मंत्रालय पांच करोड़ रुपए भी दिए हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र और कृषि मंत्री उनियाल बुधवार को ही बेंगलुरु पहुंच गए थे.

उत्तराखंड को मिला कृषि कर्मण पुरस्कार

उत्तराखंड में साल 2017-18 के दौरान कुल खाद्यान्न उत्पादन को लेकर बेहतर काम करने के लिए राज्य को कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार कुल कृषि उत्पाद में हुई वृद्धि के लिए किसानों को दिए गए तकनीकी सहयोग के लिए दिया गया है. ये घोषणा काफी पहले कर दी गई थी. अवॉर्ड के रूप में राज्य को 5 करोड़ की राशि पुरस्कार स्वरूप मिलेगी. समारोह में राज्य के दो प्रगतिशील किसानों कपकोट की कौशल्या व भटवाड़ी के जगमोहन राणा को भी सम्मानित किया गया.

पढ़ें- PM ने प्रदेश के दो किसानों को किया सम्मानित, कर्मण पुरस्कार पाकर खिले किसानों के चेहरे

बता दें कि उत्तराखंड में केद्र के सहयोग से कृषि को लेकर कई महत्वपूर्ण योजनाएं चल रही हैं. उत्तराखंड ने परंपरागत कृषि विकास योजना और जैविक कृषि को बढ़ावा देने के क्षेत्रों में काम किया है. इसके अलावा बागवानी के लिए भी राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. हाल ही में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य सरकार ने नर्सरी एक्ट और ऑर्गेनिक फार्मिंग एक्ट विधान सभा से पास किया हैं. ये नर्सरी एक्ट बागवानी को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है. इसमें किसान को खराब पौध उपलब्ध कराने वाली नर्सरी को दंडित करने का प्रावधान है तो ऑर्गेनिक फार्मिंग एक्ट के तहत एक विशेष क्षेत्र में अगर ऑर्गेनिक खेती होगी तो वहां किसी भी किस्म के रसायनिक उर्वरक नहीं बेचे जा सकेंगे.

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PM मोदी ने किया सम्मानित

वहीं, इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि-

  • राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी के वर्ष 2022 तक कृषकों की आय दोगुना करने के संकल्प को पूरा करने के लिए पूरी निष्ठा के साथ प्रयासरत है.
  • प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना के पात्र लाभार्थियों की संख्या 8.38 लाख है, जिनमें से 6.84 लाख कृषक लाभान्वित किए जा चुके हैं.
  • प्रदेश सरकार का लक्ष्य पहले चरण में पर्वतीय क्षेत्र को पूर्ण जैविक कृषि के दायरे में लाने का है. उत्तराखंड को जैविक प्रदेश बनाने के लिए प्रथम चरण का कार्य शुरू हो चुका है। कृषि यंत्रीकरण के तहत अब तक 755 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जा चुके हैं.
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 23 विभागों की 212 परियोजनाओं को शामिल किया गया है.
  • अगले दो वर्षों में परंपरागत कृषि विकास योजना के जरिए करीब 1.50 हेक्टेयर कृषि भूमि जैविक प्रमाणीकरण के दायरे में होगी, इसे निरंतर बढ़ाया जाएगा.
  • सरकार का लक्ष्य प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर फार्म मशीनरी स्थापित करने का है.
  • जंगली जानवरों से फसलों को बचाने को 108 गांवों में 183 किमी घेरबाड़ का कार्य किया गया है.
  • वर्ष 2018-19 में 1.38 लाख किासन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, 55 हजार किसान पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में बीमित हुए हैं.
  • दोनों योजनाओं में 84687 किसानों को 7236.69 लाख क्लेम का भुगतान हुआ.
  • व्यापारियों के मध्य ऑनलाइन ट्रेड को प्रोत्साहित करने को मंडी शुल्क में 10 फीसद छूट का प्रावधान किया गया है.
  • प्रदेश में हिल सीड बैंक की परियोजना शुरू की गई है.
  • मृदा एवं जल संरक्षण के लिए दो वर्षों में जल संचय संरचनाओं के निर्माण से 2250 हेक्टेयर सिंचन क्षेत्रफल बढ़ा है. प्रदेश में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 तक समस्त कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं.
  • मंडियों में आनलाइन ट्रेड को प्रोत्साहित करने के लिए मंडी शुल्क में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है.
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Last Updated : Jan 3, 2020, 10:17 AM IST
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