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निजी कंपनी पर UPCL का करोड़ों का बकाया, ऊर्जा सचिव को सौंपी गई जांच रिपोर्ट

एक निजी कंपनी ने कोरोना काल के दौरान UPCL से बिजली खरीद कर बाजारों में बेचा था. कंपनी ने बिजली का भुगतान अभी तक नहीं किया है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर एमडी यूपीसीएल नीरज खैरवाल ने जांच रिपोर्ट ऊर्जा सचिव राधिका झा को सौंप दी है

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निजी कंपनी पर UPCL का करोड़ों का बकाया
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Published : Oct 1, 2020, 11:27 AM IST

देहरादून: बिजली खरीदने पर यूपीसीएल का करोड़ों का भुगतान न करने वाली कंपनी और यूपीसीएल के वित्त एवं वाणिज्य अनुभाग के अधिकारियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं. दरअसल, इस पूरे मामले को लेकर एमडी यूपीसीएल नीरज खैरवाल ने जांच रिपोर्ट ऊर्जा सचिव राधिका झा को सौंप दी है

दरअसल, कोरोना काल में राज्य में उपयोग होने के बाद बची बिजली को एक प्राइवेट कंपनी के माध्यम से बाजारों में बेचा गया था. लेकिन कंपनी ने बिजली खरीदने का भुगतान UPCL को नहीं किया. जिस निजी कंपनी को बिजली बेची गई, उस पर पहले ही UPCL का करोड़ों का बकाया है. ऐसे में डिफॉल्टर कंपनी के साथ दोबारा करार किए जाने पर ऊर्जा सचिव राधिका ने नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही पूरे मामले में UPCL के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर जांच बैठा दी है. ऐसे में इस पूरे मामले में UPCL के कई अधिकारी और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है.

ये भी पढ़ें: निजी स्कूल की मनमानी की खिलाफ सड़क पर उतरेंगे अभिभावक

जानकारी के मुताबिक UPCL का करोड़ों का भुगतान बिजली खरीदने वाली कंपनी ने रोक रखा है. फिलहाल कंपनी ने खुद पर शिकंजा कसता देख 50 करोड़ रुपए की बकायेदारी के पोस्ट डेटेड चेक उपलब्ध करा दिए हैं. वहीं, सभी राज्यों के ऊर्जा सचिवों और ऊर्जा निगमों के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर सतर्क रहने को कहा गया है.

देहरादून: बिजली खरीदने पर यूपीसीएल का करोड़ों का भुगतान न करने वाली कंपनी और यूपीसीएल के वित्त एवं वाणिज्य अनुभाग के अधिकारियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं. दरअसल, इस पूरे मामले को लेकर एमडी यूपीसीएल नीरज खैरवाल ने जांच रिपोर्ट ऊर्जा सचिव राधिका झा को सौंप दी है

दरअसल, कोरोना काल में राज्य में उपयोग होने के बाद बची बिजली को एक प्राइवेट कंपनी के माध्यम से बाजारों में बेचा गया था. लेकिन कंपनी ने बिजली खरीदने का भुगतान UPCL को नहीं किया. जिस निजी कंपनी को बिजली बेची गई, उस पर पहले ही UPCL का करोड़ों का बकाया है. ऐसे में डिफॉल्टर कंपनी के साथ दोबारा करार किए जाने पर ऊर्जा सचिव राधिका ने नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही पूरे मामले में UPCL के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर जांच बैठा दी है. ऐसे में इस पूरे मामले में UPCL के कई अधिकारी और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है.

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जानकारी के मुताबिक UPCL का करोड़ों का भुगतान बिजली खरीदने वाली कंपनी ने रोक रखा है. फिलहाल कंपनी ने खुद पर शिकंजा कसता देख 50 करोड़ रुपए की बकायेदारी के पोस्ट डेटेड चेक उपलब्ध करा दिए हैं. वहीं, सभी राज्यों के ऊर्जा सचिवों और ऊर्जा निगमों के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर सतर्क रहने को कहा गया है.

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