उत्तरकाशी: अभी भी सिलक्यारा टनल हादसा सभी के जहन में है. इस हादसे में 41 मजदूरों की जान 17 दिनों तक टनल में फंसी रही. आखिरकार तमाम प्रयासों के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका, मजदूरों के रेस्क्यू में जितनी मेहनत एक्सपर्ट ने की थी, उतनी ही दुआ भी टनल में फंसे लोगों के लिए की जा रही थी. इस हादसे को आस्था के साथ जोड़ा गया था. जिसके बाद टनल के मुहाने के पास ही बौखनाग देवता का मंदिर भी बना दिया गया.
वहीं, आस्था को देखते हुए सीएम धामी ने बाबा बौखनाग मेला को राजकीय मेला घोषित कर दिया. इसी कड़ी में भव्य मेला का आयोजन किया गया है. खास बात ये रही कि आयोजकों ने उत्तराखंड के लोगों के साथ अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स को भी निमंत्रण दिया था. जिन्होंने मेले में शिरकत की. राजकीय मेला घोषित होने के बाद मेले का स्वरूप भी भव्य नजर आया. दूर दराज से लोग मेले में शिरकत करने पहुंचे.
बाबा बौखनाग मेला घोषित किया जा चुका है राजकीय मेला: वैसे तो हर साल उत्तरकाशी के बड़कोट के नाग टिब्बा मोराल्टू टॉप में बाबा बौखनाग मेला आयोजित होता है, लेकिन सीएम धामी ने इस राजकीय मेला घोषित कर दिया. जिसके बाद यह मेला खास हो गया है. इसी कड़ी में 25 नवंबर से मोराल्टू टॉप में दो दिवसीय बाबा बौखनाग मेला का आगाज हो गया है. जिसका शुभारंभ पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल ने किया.
विधायक दुर्गेश्वर लाल ने सौंदर्यीकरण के लिए दिए 5 लाख रुपए: इस मौके पर कफनौल गांव के सूरत सिंह पंवार ने बाबा बौख नाग मेला को राजकीय मेला घोषित करवाने पर विधायक दुर्गेश्वर लाल को चांदी के मुकुट से सम्मानित किया. जिसके बाद उन्होंने मुकुट को बाबा बौखनाग देवता को भेंट कर दिया. विधायक दुर्गेश्वर लाल ने मोराल्टू टॉप में स्थित बाबा बौखनाग मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए विधायक निधि से 5 लाख रुपए देने की घोषणा की. साथ ही बाबा बौख नाग देवता के दर्शन कर क्षेत्र की सुख समृद्धि की कामना की.
सिलक्यारा टनल के पास भी मेले का आयोजन: वहीं, बाबा बौखनाग की डोली उपराड़ी गांव से मोराल्टू पहुंची. जहां लोगों ने डोली का फूल मालाओं से स्वागत किया और बाबा के जयकारे लगाए. इसके अलावा सिलक्यारा टनल (सुरंग) के पास भी बाबा बौखनाग के मेले आयोजन किया गया. जिसमें ऑस्ट्रेलिया के सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स और लोकगायक जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण को आमंत्रित किया गया.
If you happen to be near Silkyara on Monday, then please come along and help us celebrate. I feel very blessed to be able to travel back to the area where we rescued such great men.#silkyara #Uttarakhand #tunnelrescue pic.twitter.com/zodGZk2x23
— Arnold Dix Prof (@Arnolddix) November 21, 2024
प्रीतम भरतवाण के गीतों पर झूमे अर्नोल्ड डिक्स: वहीं, ब्रह्मखाल के सिलक्यारा टनल ग्योनोटी के पास भव्य सांस्कृतिक संध्या और जागरण का आयोजन किया गया. जिसमें ऑस्ट्रेलिया के टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की. जहां प्रीतम भरतवाण के गीतों पर जमकर झूमे. इतना ही नहीं लोक कलाकारों के साथ रासो नृत्य के साथ जागर पर पांडव नृत्य भी किया.
अर्नोल्ड डिक्स ने टनल रेस्क्यू में निभाई थी अहम भूमिका: सिलक्यारा टनल हादसे में जब अंदर फंसी 41 जिंदगियों को निकालने में सारी कोशिशें फेल हो रही थी. तब केंद्र सरकार ने इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन से जुड़े भूमिगत परिवहन के विशेषज्ञ ऑस्ट्रेलियन अर्नोल्ड डिक्स (Arnold Dix) को बुलाया गया था. उन्होंने अपने कार्य के दौरान करने बौखनाग देवता की पूजा भी की थी.
वहीं उनके अनुभव और विशेषज्ञ तकनीक के सहयोग से 17 दिन बाद सुरंग में फंसे 41 लोगों को सुरक्षित जीवित बाहर निकाला गया था. रेस्क्यू कार्य पूरा होने के बाद भी उन्होंने बाबा के चरणों में हाजिरी लगाई. इस दौरान जंगल में एसडीआरएफ के जवानों के साथ उनके डांस का वीडियो भी वायरल हुआ था. जिसे लोगों ने खूब पसंद किया था.
आज प्राचीन देवाधिदेव बाबा बौखनाग जी की तपोस्थली बौख नाग धाम की तलहटी मोराल्टू में आयोजित पतित पावनी माँ गंगा-यमुना के मध्य बौखधाम में त्रिवार्षिक ऐतिहासिक राजकीय बौखनाग मेले के भव्य एवं दिव्य आयोजन में प्रतिभाग कर बाबा बौखनाग महाराज जी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। pic.twitter.com/M0iL4WCp5J
— Kapil Dev Rawat (@kapildevrawat13) November 25, 2024
क्या था सिलक्यारा टनल हादसा: गौर हो कि 12 नवंबर 2023 की सुबह अचानक सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा ढह गया था. जिसके चलते 41 मजदूर अंदर यानी टनल में ही फंस गए थे. जिन्हें निकालने के रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया, लेकिन शुरुआती दौर में कोई कामयाबी नहीं मिल सकी. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स को सिलक्यारा बुलाया गया. आखिरकार 17 दिन बाद यानी 28 नवंबर 2023 को रैट माइनर्स की मदद से सभी मजदूरों का रेस्क्यू किया गया.
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