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आखिरकार हो गया यूपी-उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों का बंटवारा, जानिए किसके हिस्से में क्या आया?

उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से 21 साल पुराना संपत्तियों का बंटवारा सोमवार को हो गया. संपत्तियों के बंटवारे से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए पिछले महीने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक हुई थी. बैठक में लिए गए निर्णयों के आधार पर, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय विभाग ने संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए शासनादेश जारी कर दिया है.

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21 साल बाद निपटा यूपी-उत्तराखंड पुराना संपत्ति विवाद
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Published : Dec 20, 2021, 10:55 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 6:08 PM IST

देहरादून/लखनऊ : उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के बीच संपत्तियों का बंटवारा हो गया है. शासनादेश उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सोमवार को जारी कर दिया गया. दोनों राज्य सरकारों के बीच 18 नवंबर को हुए समझौते के अनुसार, हरिद्वार में कुंभ मेले की जमीन अभी भी यूपी के पास ही रहेगी लेकिन कुंभ मेला व अन्य जरूरी प्रयोजन उत्तराखंड करा सकेगा. वहीं, उत्तराखंड को अलकनंदा पर्यटक आवास हरिद्वार भी मिल गया है.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भागीरथी पर्यटक आवास का लोकार्पण अगले महीने करेंगे. इस कार्यक्रम के समय ही अलकनंदा पयर्टक आवास को उत्तराखंड को हस्तांतरित कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उधम सिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल व नानक नगर जलाशय में पर्यटन व जल क्रीड़ा के लिए यूपी सिंचाई विभाग की अनुमति उत्तराखंड को दी जाएगी. उधम सिंह नगर किच्छा बस स्टैंड भी उत्तराखंड के खाते में आया है. इसके अतिरिक्त बनबसा बैराज का मेंटेनेंस यूपी सरकार करवाएगी.

न्यायालय में चल रहे मामले होंगे वापस: जिन मामलों को लेकर दोनों राज्यों के बीच सहमति बन गई है उनसे जुड़े जो भी मामले कोर्ट में चल रहे हैं, उन्हें वापस लिया जाएगा. दोनों राज्यों के बीच देनदारियों को लेकर भी सहमति बन गई है. उत्तर प्रदेश को करीब 300 करोड़ देना था और उत्तराखंड को 105 करोड़, इसका समायोजन हो गया है. शेष बचा पैसा यूपी उत्तराखंड को देगा. बचे मामलों का निस्तारण दोनों राज्यों के मुख्य सचिव करेंगे.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने यूपी दौरे पर कहा था कि सारे विवाद जो 21 साल से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच चल रहे थे, वे हल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके बड़े भाई हैं और यही रिश्ता उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच भी है. हमारा छोटा और बड़े भाई का रिश्ता है.

पढ़ें- ...तो दिखावटी है 'युवा मुख्यमंत्री, युवा सरकार' का नारा, मोदी पर ही है दारोमदार

हरिद्वार में सिंचाई विभाग जमीन का स्वामित्व यूपी के पास: हरिद्वार में यूपी सिंचाई विभाग की 697.567 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व यूपी के पास ही रहेगा. हालांकि. बंटवारे के अनुसार, सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 मकान का विभाजन दोनों राज्यों के बीच होगा. इसके अलावा सारे विवाद समाप्त हो गए हैं. आवास विभाग की संपत्ति और धनराशि 50-50 फीसदी बांट दी जाएगी. वन विभाग के 90 करोड़ के भुगतान यूपी करेगा.

सिंचाई विभाग के वर्ष 2019 तक के 57.87 करोड़ रुपये की बिजली के बिलों में ₹37 करोड़ के सरचार्ज को घटाते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ₹20 करोड़ या वास्तविक देयक भुगतान यूपीसीएल उत्तराखंड को करेगा लेकिन, ब्याज नहीं दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक से लिए गए ऋण में अपने अंश के 105.42 करोड़ रुपए के मूल धन के भुगतान के लिए उत्तराखंड सहमत है.

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की ओर से उत्तराखंड के परिवहन विभाग को 205 करोड़ रुपए का भुगतान उत्तर प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को करना था, जो निर्णय पर सहमत है. उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग 100 करोड़ रुपए का भुगतान उत्तराखंड के परिवहन विभाग को करेगा. यह अभी निर्णय हुआ है कि उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग सुप्रीम कोर्ट उत्तराखंड परिवहन विभाग नैनीताल हाईकोर्ट में विचाराधीन को वापस लेगा.

पढ़ें- उत्तराखंड में नए जिलों के गठन पर सियासत शुरू, दर्जनभर सीटों पर प्रभाव डालने का पैंतरा

उत्तर प्रदेश वन निगम उत्तराखंड वन विकास निगम के 20 संपत्तियों के विभाजन के क्रम में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड वन विकास निगम को भुगतान करेगा. आवास विकास परिषद की उत्तराखंड में संपत्तियों के निस्तारण से प्राप्त आय को खोले गए अकाउंट में डाला जाएगा और इशानी को 50-50 के अनुपात में बांट दिया जाएगा.

देहरादून/लखनऊ : उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के बीच संपत्तियों का बंटवारा हो गया है. शासनादेश उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सोमवार को जारी कर दिया गया. दोनों राज्य सरकारों के बीच 18 नवंबर को हुए समझौते के अनुसार, हरिद्वार में कुंभ मेले की जमीन अभी भी यूपी के पास ही रहेगी लेकिन कुंभ मेला व अन्य जरूरी प्रयोजन उत्तराखंड करा सकेगा. वहीं, उत्तराखंड को अलकनंदा पर्यटक आवास हरिद्वार भी मिल गया है.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भागीरथी पर्यटक आवास का लोकार्पण अगले महीने करेंगे. इस कार्यक्रम के समय ही अलकनंदा पयर्टक आवास को उत्तराखंड को हस्तांतरित कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उधम सिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल व नानक नगर जलाशय में पर्यटन व जल क्रीड़ा के लिए यूपी सिंचाई विभाग की अनुमति उत्तराखंड को दी जाएगी. उधम सिंह नगर किच्छा बस स्टैंड भी उत्तराखंड के खाते में आया है. इसके अतिरिक्त बनबसा बैराज का मेंटेनेंस यूपी सरकार करवाएगी.

न्यायालय में चल रहे मामले होंगे वापस: जिन मामलों को लेकर दोनों राज्यों के बीच सहमति बन गई है उनसे जुड़े जो भी मामले कोर्ट में चल रहे हैं, उन्हें वापस लिया जाएगा. दोनों राज्यों के बीच देनदारियों को लेकर भी सहमति बन गई है. उत्तर प्रदेश को करीब 300 करोड़ देना था और उत्तराखंड को 105 करोड़, इसका समायोजन हो गया है. शेष बचा पैसा यूपी उत्तराखंड को देगा. बचे मामलों का निस्तारण दोनों राज्यों के मुख्य सचिव करेंगे.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने यूपी दौरे पर कहा था कि सारे विवाद जो 21 साल से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच चल रहे थे, वे हल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके बड़े भाई हैं और यही रिश्ता उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच भी है. हमारा छोटा और बड़े भाई का रिश्ता है.

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हरिद्वार में सिंचाई विभाग जमीन का स्वामित्व यूपी के पास: हरिद्वार में यूपी सिंचाई विभाग की 697.567 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व यूपी के पास ही रहेगा. हालांकि. बंटवारे के अनुसार, सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 मकान का विभाजन दोनों राज्यों के बीच होगा. इसके अलावा सारे विवाद समाप्त हो गए हैं. आवास विभाग की संपत्ति और धनराशि 50-50 फीसदी बांट दी जाएगी. वन विभाग के 90 करोड़ के भुगतान यूपी करेगा.

सिंचाई विभाग के वर्ष 2019 तक के 57.87 करोड़ रुपये की बिजली के बिलों में ₹37 करोड़ के सरचार्ज को घटाते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ₹20 करोड़ या वास्तविक देयक भुगतान यूपीसीएल उत्तराखंड को करेगा लेकिन, ब्याज नहीं दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक से लिए गए ऋण में अपने अंश के 105.42 करोड़ रुपए के मूल धन के भुगतान के लिए उत्तराखंड सहमत है.

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की ओर से उत्तराखंड के परिवहन विभाग को 205 करोड़ रुपए का भुगतान उत्तर प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को करना था, जो निर्णय पर सहमत है. उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग 100 करोड़ रुपए का भुगतान उत्तराखंड के परिवहन विभाग को करेगा. यह अभी निर्णय हुआ है कि उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग सुप्रीम कोर्ट उत्तराखंड परिवहन विभाग नैनीताल हाईकोर्ट में विचाराधीन को वापस लेगा.

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उत्तर प्रदेश वन निगम उत्तराखंड वन विकास निगम के 20 संपत्तियों के विभाजन के क्रम में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड वन विकास निगम को भुगतान करेगा. आवास विकास परिषद की उत्तराखंड में संपत्तियों के निस्तारण से प्राप्त आय को खोले गए अकाउंट में डाला जाएगा और इशानी को 50-50 के अनुपात में बांट दिया जाएगा.

Last Updated : Dec 21, 2021, 6:08 PM IST
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