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विकासनगर: औषधीय पौधों के बारे में छात्रों ने ली जानकारी, डिप्टी रेंजर ने बताई उपयोगिता

चकराता वनस्पति वाटिका में विभिन्न प्रजाति के पौधों के बारे में छात्रों को विभिन्न जानकारियां दी गई. इस मौके पर वन क्षेत्राधिकारी बीडी सकलानी ने भी छात्रों को अनेकों पौधों के बारे में विस्तार से बताया.

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Published : Nov 9, 2019, 10:20 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 8:08 AM IST

जड़ी बूटियों के बारे में 45 छात्रों ने ली जानकारी.

विकासनगर: चकराता वन प्रभाग के रिवर रेंज कालसी में वन अनुसंधान संस्थान सम विश्वविद्यालय के 45 छात्रों को वनस्पति वाटिका में जड़ी-बूटियों के बारे बताया गया. डिप्टी रेंजर मंगल दास ने छात्रों को उनकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया और पंचवटी वाटिका के बारे में भी जानकारी दी.

जड़ी बूटियों के बारे में 45 छात्रों ने ली जानकारी.

शनिवार को उप वन संरक्षक दीपचंद आर्य ने छात्रों को चकराता वनस्पति वाटिका में विभिन्न प्रजाति के पौधों के बारे में जानकारियां दी. इस मौके पर वन क्षेत्राधिकारी बीडी सकलानी ने भी छात्रों को अनेकों औषधीय पौधों के बारे में विस्तार से बताया.

ये भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को लेकर नाराज हुईं नेता प्रतिपक्ष, सरकार को दी ये नसीहत

इस बारे में एमएससी छात्रा दीक्षा मिश्रा ने बताया कि 130 प्रजातियां मेडिसिनल प्लांट की एक ही स्थान पर देखने को मिली, साथ ही नक्षत्र वाटिका स्मृति वन में बहुत सारी जानकारी प्राप्त हुई. छात्र सुदान सिंह कैंतुरा ने बताया कि चकराता वन प्रभाग की कालसी में जो ये वनस्पति वाटिका है. यहां पर 1500 से 3000 फीट ऊंचाई वाले पौधे एक ही स्थान पर देखने को मिल गए. साथ ही इस स्थान पर तीन हजार फीट पर विभिन्न पेड़-पौधों, जड़ी बूटियों की प्रजातियां है. इसमें जड़ी बूटी गिलोय, सर्पगंधा, सीता अशोक, चालदा, लाल अंजोरा, काला तेंदु, काली हल्दी, ऐसी तमाम जड़ी बूटियों के बारे में हमें जानकारी प्राप्त हुई है.

विकासनगर: चकराता वन प्रभाग के रिवर रेंज कालसी में वन अनुसंधान संस्थान सम विश्वविद्यालय के 45 छात्रों को वनस्पति वाटिका में जड़ी-बूटियों के बारे बताया गया. डिप्टी रेंजर मंगल दास ने छात्रों को उनकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया और पंचवटी वाटिका के बारे में भी जानकारी दी.

जड़ी बूटियों के बारे में 45 छात्रों ने ली जानकारी.

शनिवार को उप वन संरक्षक दीपचंद आर्य ने छात्रों को चकराता वनस्पति वाटिका में विभिन्न प्रजाति के पौधों के बारे में जानकारियां दी. इस मौके पर वन क्षेत्राधिकारी बीडी सकलानी ने भी छात्रों को अनेकों औषधीय पौधों के बारे में विस्तार से बताया.

ये भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को लेकर नाराज हुईं नेता प्रतिपक्ष, सरकार को दी ये नसीहत

इस बारे में एमएससी छात्रा दीक्षा मिश्रा ने बताया कि 130 प्रजातियां मेडिसिनल प्लांट की एक ही स्थान पर देखने को मिली, साथ ही नक्षत्र वाटिका स्मृति वन में बहुत सारी जानकारी प्राप्त हुई. छात्र सुदान सिंह कैंतुरा ने बताया कि चकराता वन प्रभाग की कालसी में जो ये वनस्पति वाटिका है. यहां पर 1500 से 3000 फीट ऊंचाई वाले पौधे एक ही स्थान पर देखने को मिल गए. साथ ही इस स्थान पर तीन हजार फीट पर विभिन्न पेड़-पौधों, जड़ी बूटियों की प्रजातियां है. इसमें जड़ी बूटी गिलोय, सर्पगंधा, सीता अशोक, चालदा, लाल अंजोरा, काला तेंदु, काली हल्दी, ऐसी तमाम जड़ी बूटियों के बारे में हमें जानकारी प्राप्त हुई है.

Intro:विकासनगर चकराता वन प्रभाग के रिवर रेंज कालसी में वन अनुसंधान संस्थान सम विश्वविद्यालय के 45 छात्रों ने वन विभाग की वनस्पति वाटिका में जड़ी-बूटी पौधों के बारे में जाने गुण व उपयोगिता


Body:चकराता बंद करवा के रिवर रेंज कालसी में वन अनुसंधान संस्थान सम विश्वविद्यालय देहरादून के 45 छात्रों का दल वनस्पति वाटिका कालसी में पहुंचा जहां वनस्पति वाटिका मैं विभिन्न प्रजातियों के पौधों से रूबरू होकर उनके बारे में बारीकी से जानकारियां जुटाई
डिप्टी रेंजर मंगलदास ने जड़ी बूटियों के विभिन्न प्रजातियों के पौधों व उनकी उपयोगिता एवं गुणों के बारे में विस्तार से छात्रों को जानकारियां उपलब्ध कराई छात्रों के प्रश्नों से जड़ी बूटियों के पौधों को लेकर डिप्टी रेंजर मंगल दास ने उनके उत्तर और उनकी उपयोगिता विस्तार से छात्रों को बताएं साथ ही पंचवटी वाटिका के बारे में भी छात्रों को इसकी उपयोगिता के बारे में बताया
उप वन संरक्षक दीपचंद आर्य चकराता ने वनस्पति वाटिका में विभिन्न प्रजाति के पौधों के बारे में जानकारियां दी वन क्षेत्राधिकारी बी डी सकलानी ने भी छात्रों को अनेकों पौधों के बारे में बताया


Conclusion:एमएससी की प्रथम वर्ष की छात्रा दीक्षा मिश्रा ने बताया कि 130 प्रजातियां मेडिसिन प्लांट में एक ही स्थान पर हमें देखने को मिली नक्षत्र वाटिका स्मृति वन हमें बहुत सारी इस वन प्लांट से जानकारी प्राप्त हुई है
छात्र सुदान सिंह कैंतूरा ने बताया कि चकराता वन प्रभाग की कालसी में जो यह वनस्पति वाटिका है यहां पर हमें पंद्रह सौ से 3000 फिट ऊंचाई वाले पौधे एक ही स्थान पर देखने को मिले साथ ही इस स्थान पर तीन हजार पर विभिन्न पेड़-पौधों जड़ी बूटियों की प्रजातियां है जिसमें जड़ी बूटियों गिलोय, साल के पेड़ सर्पगंधा, सीता अशोक ,चालदा ,लाल अंजोरा ,काला तेंदु ,काली हल्दी, ऐसी तमाम जड़ी बूटियों के बारे में हमें जानकारी प्राप्त हुई है. राज्य स्थापना दिवस के मौके पर भी मैं एक गीत प्रस्तुत कर रहा हूं..।
गीत... ठंडो रे ठंडो.।।।. मेरो पहाड़ के हवा ठंडी ..।.।।। पाणी ठंडो
बाइट _दीक्षा मिश्रा_ छात्रा वन अनुसंधान संस्थान सम विश्वविद्यालय देहरादून
बाइट _सुदान सिंह कैंतूरा _छात्र वन अनुसंधान संस्थान सम विश्वविद्यालय देहरादून
Last Updated : Nov 10, 2019, 8:08 AM IST
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