विकासनगर: चकराता वन प्रभाग के रिवर रेंज कालसी में वन अनुसंधान संस्थान सम विश्वविद्यालय के 45 छात्रों को वनस्पति वाटिका में जड़ी-बूटियों के बारे बताया गया. डिप्टी रेंजर मंगल दास ने छात्रों को उनकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया और पंचवटी वाटिका के बारे में भी जानकारी दी.
शनिवार को उप वन संरक्षक दीपचंद आर्य ने छात्रों को चकराता वनस्पति वाटिका में विभिन्न प्रजाति के पौधों के बारे में जानकारियां दी. इस मौके पर वन क्षेत्राधिकारी बीडी सकलानी ने भी छात्रों को अनेकों औषधीय पौधों के बारे में विस्तार से बताया.
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इस बारे में एमएससी छात्रा दीक्षा मिश्रा ने बताया कि 130 प्रजातियां मेडिसिनल प्लांट की एक ही स्थान पर देखने को मिली, साथ ही नक्षत्र वाटिका स्मृति वन में बहुत सारी जानकारी प्राप्त हुई. छात्र सुदान सिंह कैंतुरा ने बताया कि चकराता वन प्रभाग की कालसी में जो ये वनस्पति वाटिका है. यहां पर 1500 से 3000 फीट ऊंचाई वाले पौधे एक ही स्थान पर देखने को मिल गए. साथ ही इस स्थान पर तीन हजार फीट पर विभिन्न पेड़-पौधों, जड़ी बूटियों की प्रजातियां है. इसमें जड़ी बूटी गिलोय, सर्पगंधा, सीता अशोक, चालदा, लाल अंजोरा, काला तेंदु, काली हल्दी, ऐसी तमाम जड़ी बूटियों के बारे में हमें जानकारी प्राप्त हुई है.