देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को रेसकोर्स देहरादून में हुनर हाट मेले का उद्घाटन किया. हुनर हाट मेले में 30 से अधिक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से 500 से अधिक हस्त शिल्पकार व हुनरमंद भाग ले रहे हैं. देहरादून के बन्नू स्कूल ग्राउंड में आयोजित किए जा रहे हैं इस हुनर हाट मेले का आयोजन 7 नवंबर तक होगा. मेले में स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प, हथकरघा और ऑर्गेनिक उत्पादों देखने को मिलेंगे. साथ ही के अलावा मेले में आध्यात्मिक मूल्यों से जुड़े क्रियाकलापों का आयोजन भी किया जाएगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री व केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने विश्वकर्मा वाटिका व विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया. 75वें आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को भी सम्मानित किया.
वन डिस्ट्रिक-टू प्रोडक्ट्स को बढ़ावा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हुनर हाट मेले का आयोजन देहरादून में करवाने पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड में विभिन्न राज्यों से आए हुनरमंदों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हुनर हाट मेले का आयोजन एक सराहनीय प्रयास है. इससे जहां बाजारों को उत्पाद मिलेगा वहीं उत्पादों को बाजार मिलेगा.
वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा: वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए भी इस तरह के आयोजन महत्वपूर्ण हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश में वन डिस्ट्रिक-टू प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के जनजातीय क्षेत्रों में अनेक हुनरमंद लोग हैं. उन्होंने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से अनुरोध किया कि इन हुनरमंद लोगों के लिए अपने उत्पादों के लिए बाजार मिल सके, इसके लिए केंद्र से कोई योजना बनाई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उत्तराखंड पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है. राज्य में पर्यटन को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है. केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ी है.
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6 लाख शिल्पकारों एवं कारीगरों को अवसर: वहीं, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देशभर में हुनर हाट मेलों का आयोजन किया जा रहा है. देहरादून में ये 30वां हुनर हाट मेला है. हुनर हाट के माध्यम से अभी तक लगभग 6 लाख शिल्पकारों एवं कारीगरों को रोजगार के अवसर मिले हैं. इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों के हस्तशिल्प कलाओं को देख सकते हैं. विभिन्न राज्यों के पकवानों के स्टॉल लगाए गये हैं. हुनरमंद लोगों द्वारा वेस्ट को बेस्ट में बदलकर स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस तरह के मेलों के आयोजन से हस्तशिल्प एवं हस्तकला को प्रोत्साहन मिलेगा और हुनरमंदों को एक-दूसरे से अनुभवों को साझा करने का मौका भी लगेगा. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वोकल फॉर लोकल की दिशा में यह अच्छा प्रयास किया है. प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रत्येक विभागों द्वारा योजनाएं चलाकर लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
हुनर हाट किसे कहते हैं: हुनर हाट का मतलब है किसी भी पारंपरिक कला के कारीगर या और उनके उत्पाद को बाजार मुहैया कराना है. हुनर हाट में अलग-अलग हुनरमंद लोग अपने उत्पादों के साथ भाग लेते हैं. जिसे एक तरह से मेला भी कहा जा सकता है, इस मेले में स्थानीय कारीगर अपने उत्पादकों को लाकर व्यापार करते हैं और उन्हें उसकी सही लागत मिलती है.
हुनर हाट के लाभ: प्रतिभाशाली कलाकारों को प्लेटफार्म मिलता है.मेक इन इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के उद्देश्य को पूरा करने में सहायक.शिल्पकारों व कारीगरों को सशक्तिकरण व रोजगार के लिए अवसर उपलब्ध करवाना.भारतीय धरोहर को बढ़ावा देने वाले कारीगरों व शिल्पकारों को बढ़ावा. भारतीय कारीगरों व शिल्पकारों के विश्वसनीय ब्रांड का निर्माण. बताते चलें कि 'वोकल फॉर लोकल' की थीम पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है.घरेलू उत्पादों, कारीगरों और शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह योजना बनाई है.