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15 साल पुराने वाहनों पर वसूला जाएगा ग्रीन टैक्स, उत्तराखंड में हैं इतनी गाड़ियां

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने देशभर के 15 साल या उससे अधिक पुराने हो चुके वाहनों का डाटा तैयार किया है. उत्तराखंड में 4 लाख वाहन चयनित हुए हैं. इन सभी वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा.

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देहरादून
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Published : Apr 1, 2021, 7:06 AM IST

देहरादूनः केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से देशभर के 15 साल या उससे अधिक पुराने हो चुके वाहनों का डाटा तैयार किया गया है. ये सभी वाहन ग्रीन टैक्स के दायरे में आते हैं. उत्तराखंड की बात करें तो 4 लाख से ज्यादा ऐसे पुराने वाहन हैं जो अगले साल से ग्रीन टैक्स के दायरे में आ सकते हैं. हालांकि इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है.

खास बात ये है कि ग्रीन टैक्स के दायरे में न सिर्फ 15 साल पुराने वाहन आएंगे. बल्कि वह वाहन भी आएंगे जिनका संचालन तो पड़ोसी राज्य में हो रहा है, लेकिन पंजीकरण उत्तराखंड में है.

परिवहन विभाग की ओर से ग्रीन टैक्स वसूले जाने को लेकर जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसके तहत 8 साल से ज्यादा पुराने वाहनों से फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के समय के टैक्स का 10 से 25% ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा. यही ग्रीन टैक्स निजी वाहनों से 15 साल बाद रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण पर वसूला जाएगा.

ये भी पढ़ेंः ऋषिकेश नगर निगम में वेतन देने के पड़े लाले, वित्तीय स्थिति सुधारने के लिये सचिव से मिली महापौर

बता दें कि पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाए जाने का केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को बढ़ते प्रदूषण से बचाना है. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वैकेंसी एमजी एथेनॉल और एलपीजी जैसे वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देना है. इन सभी वाहनों को ग्रीन टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है.

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की एक अन्य योजना के मुताबिक ग्रीन टैक्स के तौर पर मिलने वाली राशि का इस्तेमाल निकट भविष्य में देशभर में बढ़ती प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए किया जाएगा.

देहरादूनः केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से देशभर के 15 साल या उससे अधिक पुराने हो चुके वाहनों का डाटा तैयार किया गया है. ये सभी वाहन ग्रीन टैक्स के दायरे में आते हैं. उत्तराखंड की बात करें तो 4 लाख से ज्यादा ऐसे पुराने वाहन हैं जो अगले साल से ग्रीन टैक्स के दायरे में आ सकते हैं. हालांकि इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है.

खास बात ये है कि ग्रीन टैक्स के दायरे में न सिर्फ 15 साल पुराने वाहन आएंगे. बल्कि वह वाहन भी आएंगे जिनका संचालन तो पड़ोसी राज्य में हो रहा है, लेकिन पंजीकरण उत्तराखंड में है.

परिवहन विभाग की ओर से ग्रीन टैक्स वसूले जाने को लेकर जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसके तहत 8 साल से ज्यादा पुराने वाहनों से फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के समय के टैक्स का 10 से 25% ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा. यही ग्रीन टैक्स निजी वाहनों से 15 साल बाद रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण पर वसूला जाएगा.

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बता दें कि पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाए जाने का केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को बढ़ते प्रदूषण से बचाना है. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वैकेंसी एमजी एथेनॉल और एलपीजी जैसे वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देना है. इन सभी वाहनों को ग्रीन टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है.

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की एक अन्य योजना के मुताबिक ग्रीन टैक्स के तौर पर मिलने वाली राशि का इस्तेमाल निकट भविष्य में देशभर में बढ़ती प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए किया जाएगा.

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