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जोशीमठ जल प्रलयः रैणी गांव पहुंचे केंद्रीय मंत्री निशंक, आपदाग्रस्त इलाकों का लिया जायजा

केंद्रीय शिक्षा मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जोशीमठ आपदाग्रस्त इलाकों में पहुंचे. यहां उन्होंने राहत-बचाव कार्यों का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

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Published : Feb 8, 2021, 12:47 PM IST

Updated : Feb 8, 2021, 3:10 PM IST

देहरादूनः जोशीमठ जल प्रलय में अभी तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं, जिन्हें रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है. सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस टीम दूसरे दिन भी राहत बचाव कार्यों में जुटी है. आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री और प्रदेश के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने रैणी गांव पहुंचकर आपदाग्रस्त इलाकों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया.

  • यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, माननीय गृहमंत्री श्री @AmitShah जी एवं राज्य सरकार के त्वरित निर्णयों एवं प्रयासों से राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।
    - @DrRPNishank pic.twitter.com/QU8miYyOl9

    — DD NEWS UTTARAKHAND (@DDnews_dehradun) February 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ेंः गंगा और उसकी सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ थीं उमा भारती

पत्रकारों से बातचीत में निशंक ने कहा कि राहत बचाव दल कल से लगातार काम कर रहा है. स्थानीय प्रशासन की टीम भी मौके पर मौजूद है. सेना, एनडीआरएफ की टीमें, इंजीनियर एवं अन्य सभी एजेंसियां बहुत मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं. केंद्र सरकार भी रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार नजर बनाए हुए है.

  • कल उत्तराखंड के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा के संकट से निपटने के लिए हमारी सेना, एनडीआरएफ की टीमें, इंजीनियर एवं अन्य सभी एजेंसियां बहुत मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं। प्रभावित स्थल पर रेस्क्यू कार्य में लगे हमारी सेना के अधिकारी ने वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया। pic.twitter.com/tNJi2Wyj3g

    — Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) February 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि तपोवन टनल की छोटी सुरंग से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है जबकि बड़ी टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. जल्दी ही सभी को रेस्क्यू कर लिया जाएगा.

  • देवभूमि उत्तराखंड के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से जो प्राकृतिक आपदा आई है उसमें हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाने की है। चिपको आंदोलन की प्रणेता एवं महान पर्यावरणविद् गौरा देवी जी की कर्मभूमि भी यही गांव है। pic.twitter.com/sDLP5Th78V

    — Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) February 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने स्थानीय लोगों का हाल-चाल भी जाना और उनसे समस्याओं को लेकर बातचीत भी की.

देहरादूनः जोशीमठ जल प्रलय में अभी तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं, जिन्हें रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है. सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस टीम दूसरे दिन भी राहत बचाव कार्यों में जुटी है. आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री और प्रदेश के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने रैणी गांव पहुंचकर आपदाग्रस्त इलाकों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया.

  • यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, माननीय गृहमंत्री श्री @AmitShah जी एवं राज्य सरकार के त्वरित निर्णयों एवं प्रयासों से राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।
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पढ़ेंः गंगा और उसकी सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ थीं उमा भारती

पत्रकारों से बातचीत में निशंक ने कहा कि राहत बचाव दल कल से लगातार काम कर रहा है. स्थानीय प्रशासन की टीम भी मौके पर मौजूद है. सेना, एनडीआरएफ की टीमें, इंजीनियर एवं अन्य सभी एजेंसियां बहुत मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं. केंद्र सरकार भी रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार नजर बनाए हुए है.

  • कल उत्तराखंड के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा के संकट से निपटने के लिए हमारी सेना, एनडीआरएफ की टीमें, इंजीनियर एवं अन्य सभी एजेंसियां बहुत मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं। प्रभावित स्थल पर रेस्क्यू कार्य में लगे हमारी सेना के अधिकारी ने वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया। pic.twitter.com/tNJi2Wyj3g

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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि तपोवन टनल की छोटी सुरंग से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है जबकि बड़ी टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. जल्दी ही सभी को रेस्क्यू कर लिया जाएगा.

  • देवभूमि उत्तराखंड के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से जो प्राकृतिक आपदा आई है उसमें हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाने की है। चिपको आंदोलन की प्रणेता एवं महान पर्यावरणविद् गौरा देवी जी की कर्मभूमि भी यही गांव है। pic.twitter.com/sDLP5Th78V

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वहीं, इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने स्थानीय लोगों का हाल-चाल भी जाना और उनसे समस्याओं को लेकर बातचीत भी की.

Last Updated : Feb 8, 2021, 3:10 PM IST
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