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एएनएम कर्मचारियों का सचिवालय कूच, पुलिस ने रोका तो सड़क पर ही धरने पर बैठीं - देहरादून एएनएम कर्मचारी समाचार

देहरादून में उत्तराखंड बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम ने अपनी मांगों को लेकर एक रैली निकालते हुए सचिवालय कूच किया, हालांकि भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को कनक चौक पर रोक दिया. इससे नाराज एएनएम सड़क पर ही धरने पर बैठ गई और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगीं.

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देहरादून
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Published : Jul 16, 2021, 2:50 PM IST

Updated : Jul 16, 2021, 3:00 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम संघ के बैनर तले प्रदेशभर से आई प्रशिक्षित एएनएम ने अपनी मांगों को लेकर एक रैली निकालते हुए सचिवालय कूच किया, जहां भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को कनक चौक पर रोक दिया. इससे नाराज एएनएम सड़क में धरने पर बैठ गई और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगीं.

मौके पर पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट ने आंदोलनरत महिलाओं को काफी समझाने की कोशिश की और सोमवार को डीजी हेल्थ से मुलाकात कराए जाने का आश्वासन भी दिया. लेकिन प्रदर्शनकारी एएनएम अपनी मांगों को लेकर वहीं डटी रहीं. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को हिरासत में लिया और पुलिस लाइन ले गई. इस बीच हिरासत में ली गई एक महिला प्रदर्शनकारी बेहोश हो गई.

एएनएम का कहना है कि उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है, ऐसे में अब आंदोलन करने का फैसला लेना पड़ा है. विभाग में कई पद खाली चल रहे हैं, मगर अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भर्ती नहीं हो पा रही है. सरकार को तत्काल खाली चल रहे पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.

बेरोजगार एएनएम का सचिवालय कूच.

ये भी पढ़ेंः देवस्थानम बोर्ड: गंगोत्री धाम में त्रिवेंद्र पर फूटा गुस्सा, यमुनोत्री में बोर्ड सदस्यों का विरोध

प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि उत्तराखंड सरकार के अधीन चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग वर्ष वार रिक्तियों के अनुसार एएनएम के पदों पर तैनाती करता है. इसके लिए विभागीय परीक्षण द्वारा जनपद वार रिक्तियों के आधार पर जनपदों में लिखित परीक्षा के द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित किया जाता रहा है, जिसमें उत्तराखंड सरकार के अधीन प्रशिक्षण केंद्रों से डेढ़ वर्षों का प्रशिक्षण प्राप्त किया जाता है.

एएनएम का कहना है कि वर्ष 2009 तक की प्रशिक्षित एएनएम के नियमित नियुक्ति मिलती भी रही है, लेकिन 2011 में नियुक्ति के लिए जारी विज्ञप्ति के समय से त्रुटिपूर्ण नियमों और निर्णय के अधीन नियुक्तियों से सामान्य वर्ग की अधिकांश प्रशिक्षित एवं वंचित होती आ रही हैं. इस कारण वर्ष 2009 के बाद प्रशिक्षित एएनएम में सामान्य वर्ग से जुड़ी महिलाएं आज भी स्थायी नियुक्ति की आस कर रही हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.

देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम संघ के बैनर तले प्रदेशभर से आई प्रशिक्षित एएनएम ने अपनी मांगों को लेकर एक रैली निकालते हुए सचिवालय कूच किया, जहां भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को कनक चौक पर रोक दिया. इससे नाराज एएनएम सड़क में धरने पर बैठ गई और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगीं.

मौके पर पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट ने आंदोलनरत महिलाओं को काफी समझाने की कोशिश की और सोमवार को डीजी हेल्थ से मुलाकात कराए जाने का आश्वासन भी दिया. लेकिन प्रदर्शनकारी एएनएम अपनी मांगों को लेकर वहीं डटी रहीं. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को हिरासत में लिया और पुलिस लाइन ले गई. इस बीच हिरासत में ली गई एक महिला प्रदर्शनकारी बेहोश हो गई.

एएनएम का कहना है कि उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है, ऐसे में अब आंदोलन करने का फैसला लेना पड़ा है. विभाग में कई पद खाली चल रहे हैं, मगर अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भर्ती नहीं हो पा रही है. सरकार को तत्काल खाली चल रहे पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.

बेरोजगार एएनएम का सचिवालय कूच.

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प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि उत्तराखंड सरकार के अधीन चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग वर्ष वार रिक्तियों के अनुसार एएनएम के पदों पर तैनाती करता है. इसके लिए विभागीय परीक्षण द्वारा जनपद वार रिक्तियों के आधार पर जनपदों में लिखित परीक्षा के द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित किया जाता रहा है, जिसमें उत्तराखंड सरकार के अधीन प्रशिक्षण केंद्रों से डेढ़ वर्षों का प्रशिक्षण प्राप्त किया जाता है.

एएनएम का कहना है कि वर्ष 2009 तक की प्रशिक्षित एएनएम के नियमित नियुक्ति मिलती भी रही है, लेकिन 2011 में नियुक्ति के लिए जारी विज्ञप्ति के समय से त्रुटिपूर्ण नियमों और निर्णय के अधीन नियुक्तियों से सामान्य वर्ग की अधिकांश प्रशिक्षित एवं वंचित होती आ रही हैं. इस कारण वर्ष 2009 के बाद प्रशिक्षित एएनएम में सामान्य वर्ग से जुड़ी महिलाएं आज भी स्थायी नियुक्ति की आस कर रही हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.

Last Updated : Jul 16, 2021, 3:00 PM IST
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