मसूरी: उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने मसूरी में पत्रकार वार्ता करते हुए प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व द्वारा प्रदेश को मुख्यमंत्री नहीं मुंशी दे रहे हैं, जो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को मुख्यमंत्री की जरूरत है ना कि मुनीम की.
काशी सिंह ऐरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार घोषणा पर घोषणा कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं, जबकि दिसंबर से आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में की गई घोषणा पूरा होना संभव ही नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी भ्रष्टाचार चरम पर है. कानून व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है परंतु प्रदेश सरकार को कुछ लेना देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने बारी-बारी प्रदेश की सत्ता को संभालने का काम किया परंतु दोनों ने ही प्रदेश को लूटा है. प्रदेश का विकास नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा उत्तराखंड क्रांति दल लगातार प्रदेश में भू-कानून लाए जाने की मांग कर रही है. वहीं, धारा 371 के तहत प्रदेश की जमीनों पर खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की भी मांग कर रही है लेकिन केंद्र और राज्य सरकार इस ध्यान नहीं दे रही है.
प्रदेश सरकार ने प्रदेश को शराब, भू-माफिया, खनन माफिया के हाथ बेच दिया है. आज प्रदेश कई हजारों करोड़ के कर्ज में डूब चुका है. प्रदेश सरकार के पास कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिये पैसे नहीं है. प्रदेश से लगातार पलायन हो रहा है परंतु सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं है.
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उन्होंने कहा कि 2022 में उत्तराखंड क्रांति दल सभी 70 विधानसभाओं में अपने प्रत्याशी उतारेगी और जनता के सामने प्रदेश के विकास के साथ भाजपा और कांग्रेस के असली चेहरे को रखने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश का विकास क्षेत्रीय दल कर सकते हैं, क्योंकि उकेडी ने उत्तराखंड बनाए जाने को लेकर लड़ाई लड़ी है और आज अगर उत्तराखंड बना है, तो वह उत्तराखंड क्रांति दल की देन है.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल मजबूती के साथ 2022 का चुनाव लड़ेगी और इस बार उनको विश्वास है कि जनता क्षेत्रीय दल को अपना आशीर्वाद देगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली के क्षेत्रीय दल उत्तराखंड में आकर कई घोषणाएं कर रहे हैं परंतु से कुछ होने वाला नहीं है. आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की बी पार्टी के तौर पर काम रही है, जिससे की चुनाव में दूसरे दलों को नुकसान पहुंचाकर सत्ता हासिल कर सके.