देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की एंट्री ने न केवल राष्ट्रीय दलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, बल्कि क्षेत्रीय दल यूकेडी भी आप के प्रदेश में चुनाव लड़ने की घोषणा से परेशान है. जिसके बाद अब आप और यूकेडी के बीच थर्ड फ्रंट के रूप में खुद को साबित करने की होड़ लग गई है.
आप की एंट्री से बढ़ी यूकेडी की चिंता. उत्तराखंड में साल 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने भी प्रदेश में एंट्री कर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोक दिया. आम आदमी पार्टी के इस तरह उत्तराखंड में चुनाव लड़ने के फैसले से जहां भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में हलचल है. तो वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल भी आम आदमी पार्टी से कम परेशान नहीं है. दरअसल प्रदेश में थर्ड फ्रंट खड़ा करने को लेकर लंबे समय से बात होती रही है, और राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस से लोगों की नाराजगी के बीच थर्ड फ्रंट को इसका फायदा होने की बात भी कही जाती रही है. अब तक उत्तराखंड क्रांति दल खुद को प्रदेश में थर्ड फ्रंट मानता आया है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश में आने के बाद इन दोनों दलों में गठबंधन को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. हालांकि यूकेडी ने साफ कर दिया है कि आम आदमी पार्टी भी दिल्ली से संचालित होती है और राष्ट्रीय दलों की तरह दिल्ली से संचालित होने वाली इस पार्टी के साथ यूकेडी गठबंधन नहीं करेगी. पढ़ें: प्रीतम सिंह ने त्रिवेंद्र सरकार पर साधा निशाना, कही ये बड़ी बातें
प्रदेश में तीसरे विकल्प के तौर पर खुद को साबित करने में जुटी यूकेडी के लिए आम आदमी पार्टी भी मुश्किल खड़ी कर रही है. क्योंकि आम आदमी पार्टी खुद को भाजपा और कांग्रेस के बदले तीसरा विकल्प होने का प्रचार-प्रसार करने में जुट गई है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि यूकेडी ने जिस तरह बारी-बारी कांग्रेस और भाजपा को समर्थन दिया है, ऐसी पार्टी के साथ आम आदमी पार्टी गठबंधन नहीं करेगी.