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आयुर्वेद विश्वविद्यालय कर्मियों की बहाली को लेकर UKD मुखर, DM को सौंपा ज्ञापन - उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय

आयुर्वेद विश्वविद्यालय से हटाये गए 40 कर्मियों की बहाली को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. मांग को लेकर सकारात्मक कार्रवाई न होने की स्थिति में उत्तराखंड में बड़ा आंदोलन छेड़ने के चेतावनी दी है.

UKD ने सौंपा डीएम को ज्ञापन.
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Published : May 10, 2019, 5:46 PM IST

Updated : May 10, 2019, 6:34 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को दोबारा बहाल करने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. यूकेडी का कहना है कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने 40 कर्मचारियों को नियुक्त कर तीन साल तक उनकी सेवाएं लीं और फिर उन्हें अचानक बाहर का रास्ता दिखा दिया. नौजवानों का ऐसा शोषण बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यूकेडी ने चेतावनी देते हुये कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं करती तो उत्तराखंड के नौजवानों के हित में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

UKD ने सौंपा डीएम को ज्ञापन.

उत्तराखंड क्रांति दल ने आरोप लगाया है कि आयुर्वेद संकाय और चिकित्सालय को चलाने के लिए विश्वविद्यालय की एक एजेंसी धनवंतरी वेधशाला केरला से अनुबंध हुआ था. इसके तहत चिकित्सालय के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई कर्मचारियों को नियुक्त किया गया. लेकिन, विश्वविद्यालय में धनवंतरी वेधशाला एजेंसी ने 2016 से काम कर रहे कर्मचारियों को 28 मई 2018 को बाहर का रास्ता दिखा दिया. तब से सभी कर्मचारी सेवा बहाली के लिए आंदोलनरत हैं लेकिन, विश्वविद्यालय कर्मचारियों की अनदेखी कर रहा है, जिससे आंदोलनकारियों की परेशानी काफी बढ़ गई है.

पढ़ें- सड़क हादसों पर नहीं लग रही लगाम, 3 साल के आंकड़े देखकर चौंक जाएंगे आप

उत्तराखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष विजय कुमार बौड़ाई ने बताया कि सत्ता धारी पार्टियों ने नौजवानों का शोषण करने का ऐसा तरीका ढूंढ लिया है कि एक दो साल काम करवाते हैं और फिर उन्हें बेरोजगार बना देते हैं. आयुर्वेद विश्वविद्यालय के लगभग 40 कर्मचारी पिछले मई से धरने पर बैठे हुए हैं लेकिन विश्वविद्यालय उनकी सुध नहीं ले रहा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल मांग करता है कि सभी कर्मचारियों को दोबारा बहाल किया जाए. अगर मांग पूरी नहीं होती है तो विश्वविद्यालय में तालाबन्दी की जाएगी और बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को दोबारा बहाल करने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. यूकेडी का कहना है कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने 40 कर्मचारियों को नियुक्त कर तीन साल तक उनकी सेवाएं लीं और फिर उन्हें अचानक बाहर का रास्ता दिखा दिया. नौजवानों का ऐसा शोषण बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यूकेडी ने चेतावनी देते हुये कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं करती तो उत्तराखंड के नौजवानों के हित में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

UKD ने सौंपा डीएम को ज्ञापन.

उत्तराखंड क्रांति दल ने आरोप लगाया है कि आयुर्वेद संकाय और चिकित्सालय को चलाने के लिए विश्वविद्यालय की एक एजेंसी धनवंतरी वेधशाला केरला से अनुबंध हुआ था. इसके तहत चिकित्सालय के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई कर्मचारियों को नियुक्त किया गया. लेकिन, विश्वविद्यालय में धनवंतरी वेधशाला एजेंसी ने 2016 से काम कर रहे कर्मचारियों को 28 मई 2018 को बाहर का रास्ता दिखा दिया. तब से सभी कर्मचारी सेवा बहाली के लिए आंदोलनरत हैं लेकिन, विश्वविद्यालय कर्मचारियों की अनदेखी कर रहा है, जिससे आंदोलनकारियों की परेशानी काफी बढ़ गई है.

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उत्तराखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष विजय कुमार बौड़ाई ने बताया कि सत्ता धारी पार्टियों ने नौजवानों का शोषण करने का ऐसा तरीका ढूंढ लिया है कि एक दो साल काम करवाते हैं और फिर उन्हें बेरोजगार बना देते हैं. आयुर्वेद विश्वविद्यालय के लगभग 40 कर्मचारी पिछले मई से धरने पर बैठे हुए हैं लेकिन विश्वविद्यालय उनकी सुध नहीं ले रहा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल मांग करता है कि सभी कर्मचारियों को दोबारा बहाल किया जाए. अगर मांग पूरी नहीं होती है तो विश्वविद्यालय में तालाबन्दी की जाएगी और बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा.

Intro:उत्तराखंड क्रांति दल ने आज उत्तराखंड आयुवेद विश्वविद्यालय मुख्य परिसर में आयुर्वेद संकाय ओर चिकित्सालय में कार्यरत कर्मचारियों को सेवा में दोबारा बहाल करने के लिए जिलाधिकारी कार्यलय में ज्ञापन सौंपा।उत्तराखंड क्रांति दल की मांग पूरी नही हुई तो कर्मचारियों के हित मे एक बड़ा आंदोलन करेगा।ताकि कर्मचारियों को न्याय मिल सके।


Body:उत्तराखंड क्रांति दल ने आरोप लगाया है कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय मुख्य परिसर में आयुर्वेद संकाय ओर चिकित्सालय को चलाने के लिए विश्व विद्यालय द्वारा एक एजेंसी धनवंतरी वैधशाला केरला के बीच अनुबंध किया था।जिसके तहत चिकित्सालय के कार्य को सुचारू रूप से सम्पन कराने के लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया जाना था।लेकिन विश्वविद्यालय में धनवंतरी वैधशाला एजंसी द्वारा 2016 से काम कर रहे कर्मचारियों को 28 मई 2018 को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।ओर तब से सभी कर्मचारी सेवा की बहाली के लिए आंदोलनरत है।लेकिन विश्वविद्यालय कर्मचारियों की अनदेखी कर रहा है जिससे आंदोलनकारी कर्मियों की परेशानी बढ़ गई है।


Conclusion:उत्तराखंड क्रांति दल के जिला अध्यक्ष विजय कुमार बौड़ाई ने बताया कि सत्ता धारी पार्टियो ने हमारे नोजवानों का शोषण करने ऐसा तरीका ढूंढ लिया है कि एक दो साल काम करवाते है और उसके बाद बाहर का रस्ता दिखा देते है।आयुवेद विश्वविद्यालय के लगभग 40 कर्मचारी पिछली मई से धरने पर बैठे हुए है।उनको 3 साल की सेवा के बाद हटा दिया गया।और हटाने के बाद विश्वविद्यालय ने कोई सुध नही ली है।उत्तराखंड क्रांति दल मांग करता है कि सभी कर्मचारियों को दोबारा बहाल करने का काम करे।और अगर हमारी मांग पूरी नही होती है तो विश्वविद्यालय में ताला बन्दी करेगे साथ ही मांग पूरी नही हुई तो आमरण अनशन करना पड़ेगा।

बाइट-विजय कुमार बौड़ाई(यूकेडी जिला अध्यक्ष)
Last Updated : May 10, 2019, 6:34 PM IST
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