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अयोध्या भूमि विवाद: हरीश रावत बोले- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने दशकों तक चले अयोध्या विवाद पर आज फैसला सुना दिया है. पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया.

हरीश रावत
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Published : Nov 9, 2019, 12:50 PM IST

Updated : Nov 9, 2019, 1:04 PM IST

देहरादून: अयोध्या भूमि विवाद में बाबरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले स्वीकार करते हैं. देश में शांति, सौहार्द व भाईचारा बना रहे यही सबसे ज्यादा जरूरी है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हरीश रावत ने किया स्वागत.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दशकों तक चले अयोध्या विवाद पर आज फैसला सुना दिया है. पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया. शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं.

वहीं, अदालत ने कहा कि 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी. साथ ही मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने के भी निर्देश हैं. इसके अलावा कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया है। हालांकि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह देने की अनुमति को स्वीकार कर लिया गया है.

देहरादून: अयोध्या भूमि विवाद में बाबरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले स्वीकार करते हैं. देश में शांति, सौहार्द व भाईचारा बना रहे यही सबसे ज्यादा जरूरी है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हरीश रावत ने किया स्वागत.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दशकों तक चले अयोध्या विवाद पर आज फैसला सुना दिया है. पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया. शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं.

वहीं, अदालत ने कहा कि 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी. साथ ही मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने के भी निर्देश हैं. इसके अलावा कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया है। हालांकि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह देने की अनुमति को स्वीकार कर लिया गया है.

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अयोध्या भूमि विवाद: हरीश रावत बोले- 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं' 

देहरादून: अयोध्या भूमि विवाद में बाबरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले स्वीकार करते हैं. देश में शांति, सौहार्द व भाईचारा बना रहे यही सबसे ज्यादा जरूरी है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दशकों तक चले अयोध्या विवाद पर आज फैसला सुना दिया है. पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया. शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं.

वहीं, अदालत ने कहा कि 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी। साथ ही मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने के भी निर्देश हैं. इसके अलावा कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया है। हालांकि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह देने की अनुमति को स्वीकार कर लिया गया है.


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Last Updated : Nov 9, 2019, 1:04 PM IST
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