देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौरान तमाम छोटे-बड़े वर्ग के व्यापारियों के साथ ही तमाम नौकरी पेशा लोगों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है. लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों का व्यापार पूरी तरह से ठप रहा. वहीं, लॉक डाउन में तमाम लोगों की नौकरियां भी चली गई. जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने बिजली बिल में विलंब शुल्क में राहत देने की बात कही थी. इसी क्रम में राज्य सरकार ने प्रदेश के करीब 6 लाख बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल में विलंब शुल्क से राहत दी है. जिसका आदेश ऊर्जा सचिव राधिका झा ने जारी कर दिया है.
आदेश के अनुसार बिजली बिल में विलंब शुल्क मात्र 3 महीने तक प्रभावी रहेगा. यह छूट अप्रैल 2020 से जून 2020 की अवधि में जारी हुए बिलों पर लागू होगी. यानी घरेलू, वाणिज्यिक, एलटी औद्योगिक और निजी नलकूप श्रेणी के उपभोक्ताओं को विलंब शुल्क में तीन माह तक पूर्ण छूट रहेगी. ऐसे में जितना बिजली उपयोग करेंगे. उतने बिजली का ही भुगतान करना पड़ेगा. इसके साथ ही होटल, रेस्टोरेंट की तर्ज पर धर्मशाला और सिनेमा हॉल के फिक्स चार्ज पर भी छूट कर दी गई है. जिससे धर्मशालाओं और सिनेमा हॉल के मालिकों को थोड़ी राहत मिलेगी. हालांकि, इसकी भरपाई मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाएगी.
राज्य सरकार द्वारा बिजली बिलों के विलंब शुल्क से राहत दिए जाने के बाद उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के राजस्व में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है. क्योंकि विलंब शुल्क होने के चलते अधिक बिजली बिल जमा करने से लोग बच गए थे. जिस वजह से बिजली के बिल जमा नहीं हो पा रहे थे. वहीं, अब यूपीसीएल ने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द बिजली के बिलों का भुगतान करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए.
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