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उत्तराखंड पर्यटन विभाग का U-TURN, प्रीबुकिंग होटलों में अलग से होगी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था

चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के नियम की वजह से होटलों में हुई प्री-बुकिंग लगातार कैंसिल हो रही है. जिसको लेकर होटल व्यवसायियों ने आपत्ति जाहिर की थी. जिसके बाद अब पर्यटन विभाग अपने फैसले पर यू-टर्न लेते हुए नियमों में बदलाव करने जा रहा है.

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Published : Apr 9, 2023, 5:32 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में इस सीजन शुरू होने वाला चारधाम यात्रा को लेकर पर्यटन विभाग की तैयारियां भगवान भरोसे है. पिछले यात्रा सीजन में फेल रहे रजिस्ट्रेशन प्रणाली को लेकर इस बार भी शुरू से ही आलोचना हो रही थी. वही, होटल व्यवसायियों द्वारा शुरू से ही इसमें कई खामियां बताने के बाद आखिरकार अब पर्यटन विभाग ने इसमें यूटर्न ले लिया है. जिसके बाद रजिस्ट्रेशन के नियमों में संशोधन किया है.

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) ने अब अलग से एक कॉल सेंटर की स्थापना की है. यह कॉल सेंटर केवल उन होटलों के लिए हैं. जंहा पर पर्यटक द्वारा पहले ही प्री बुकिंग करवाई गई है, लेकिन चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया है. बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों के पंजीकरण की व्यवस्था पर्यटन विभाग द्वारा पिछले साल से शुरू की गई थी.

इसका उद्देश्य यह था कि चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ यात्रा के दौरान एक मजबूत सत्यापन प्रणाली को भी धरातल पर उतारा जाए. ताकि दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों की सही संख्या के साथ-साथ आपातकालीन स्थिति में उसको ट्रैक किया जा सके. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना तो आसान है, लेकिन सत्यापन करने में पिछली बार भी चारधाम मैनेजमेंट सिस्टम फेल रहा और फिर बाद में हेडकाउंट कैमरों की मदद से यात्रा में आने वाले यात्रियों की संख्या बताई गई.

सत्यापन सिस्टम के फेल होने पर अधिकारियों ने बहाना दिया गया कि पहली बार किसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है तो, ये शुरु में आने वाले चैलेंज हैं. इस बार फिर से वापस उसी सिस्टम से रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया, वह भी बिना धरातलीय होमवर्क किए. जिसके चलते आज एक बार फिर से पर्यटन विभाग को यूटर्न लेना पड़ा है.
ये भी पढ़ें: चारधाम यात्रा के दौरान हेली सेवा होगी सुरक्षित, उड़ान भरने से पहले मिलेगी मौसम की जानकारी

होटल व्यवसायियों की आपत्ति पर पर्यटन विभाग ने अब एक बार फिर रजिस्ट्रेशन प्रणाली में संशोधन किया है. जिसके तहत पर्यटन विभाग ने देहरादून गढ़ी कैंट स्थिति मुख्यालय में केवल प्रिबुकिंग ले चुके होटल व्यवसायियों के लिए चारधाम दर्शन को लेकर रजिस्ट्रेशन के लिए एक नए कॉल सेंटर की स्थापना की है. दरअसल समस्या यह थी कि चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए इस बार पर्यटकों की खूब होड़ देखने को मिल रही है. ऐसे में जिन लोगों ने चारधाम यात्रा मार्ग पर पहले से रहने के लिए होटलों में एडवांस बुकिंग करवा रखी है, उन्हें चारधाम यात्रा के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं मिल पा रहा था.

जिसकी वजह से पर्यटक लगातार अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे थे. देखने मे आ रहा था कि जंहा एक तरफ ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन के लिए होड़ लगी थी तो, वहीं उत्तराखंड के होटलों से बुकिंगे कैंसिल होती जा रही थी. जिसकी वजह से होटल व्यवसायियों में भारी रोष देखने को मिल रहा था.

ऐसे में पर्यटन विभाग ने होटल व्यवसायियों को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए यूटर्न लिया गया है, लेकिन और भी ऐसे कई फैसले हैं. जिनको लेकर लगातार पर्यटन विभाग विवादों में घिरा हुआ है. गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन विभाग द्वारा की गई केयरिंग कैपेसिटी के नियम को लेकर लगातार पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में इस सीजन शुरू होने वाला चारधाम यात्रा को लेकर पर्यटन विभाग की तैयारियां भगवान भरोसे है. पिछले यात्रा सीजन में फेल रहे रजिस्ट्रेशन प्रणाली को लेकर इस बार भी शुरू से ही आलोचना हो रही थी. वही, होटल व्यवसायियों द्वारा शुरू से ही इसमें कई खामियां बताने के बाद आखिरकार अब पर्यटन विभाग ने इसमें यूटर्न ले लिया है. जिसके बाद रजिस्ट्रेशन के नियमों में संशोधन किया है.

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) ने अब अलग से एक कॉल सेंटर की स्थापना की है. यह कॉल सेंटर केवल उन होटलों के लिए हैं. जंहा पर पर्यटक द्वारा पहले ही प्री बुकिंग करवाई गई है, लेकिन चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया है. बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों के पंजीकरण की व्यवस्था पर्यटन विभाग द्वारा पिछले साल से शुरू की गई थी.

इसका उद्देश्य यह था कि चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ यात्रा के दौरान एक मजबूत सत्यापन प्रणाली को भी धरातल पर उतारा जाए. ताकि दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों की सही संख्या के साथ-साथ आपातकालीन स्थिति में उसको ट्रैक किया जा सके. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना तो आसान है, लेकिन सत्यापन करने में पिछली बार भी चारधाम मैनेजमेंट सिस्टम फेल रहा और फिर बाद में हेडकाउंट कैमरों की मदद से यात्रा में आने वाले यात्रियों की संख्या बताई गई.

सत्यापन सिस्टम के फेल होने पर अधिकारियों ने बहाना दिया गया कि पहली बार किसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है तो, ये शुरु में आने वाले चैलेंज हैं. इस बार फिर से वापस उसी सिस्टम से रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया, वह भी बिना धरातलीय होमवर्क किए. जिसके चलते आज एक बार फिर से पर्यटन विभाग को यूटर्न लेना पड़ा है.
ये भी पढ़ें: चारधाम यात्रा के दौरान हेली सेवा होगी सुरक्षित, उड़ान भरने से पहले मिलेगी मौसम की जानकारी

होटल व्यवसायियों की आपत्ति पर पर्यटन विभाग ने अब एक बार फिर रजिस्ट्रेशन प्रणाली में संशोधन किया है. जिसके तहत पर्यटन विभाग ने देहरादून गढ़ी कैंट स्थिति मुख्यालय में केवल प्रिबुकिंग ले चुके होटल व्यवसायियों के लिए चारधाम दर्शन को लेकर रजिस्ट्रेशन के लिए एक नए कॉल सेंटर की स्थापना की है. दरअसल समस्या यह थी कि चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए इस बार पर्यटकों की खूब होड़ देखने को मिल रही है. ऐसे में जिन लोगों ने चारधाम यात्रा मार्ग पर पहले से रहने के लिए होटलों में एडवांस बुकिंग करवा रखी है, उन्हें चारधाम यात्रा के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं मिल पा रहा था.

जिसकी वजह से पर्यटक लगातार अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे थे. देखने मे आ रहा था कि जंहा एक तरफ ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन के लिए होड़ लगी थी तो, वहीं उत्तराखंड के होटलों से बुकिंगे कैंसिल होती जा रही थी. जिसकी वजह से होटल व्यवसायियों में भारी रोष देखने को मिल रहा था.

ऐसे में पर्यटन विभाग ने होटल व्यवसायियों को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए यूटर्न लिया गया है, लेकिन और भी ऐसे कई फैसले हैं. जिनको लेकर लगातार पर्यटन विभाग विवादों में घिरा हुआ है. गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन विभाग द्वारा की गई केयरिंग कैपेसिटी के नियम को लेकर लगातार पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं.

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