रुद्रप्रयाग: पर्यटकों और ट्रेकर्स की नजरों से दूर रहे पैंया ताल की खोज की गई है. यह ताल केदारनाथ से 16 किमी ऊपर हिमालय की तलहटी पर है. जो आज तक पर्यटकों और ट्रेकिंग करने वालों की नजरों से कोसों दूर था. बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले दो युवक संदीप कोहली और तनुज रावत इस ताल को देखकर वापस लौटे हैं. उनका कहना है कि मेरू-सेमरू पर्वत श्रृंखला की छाया पैंया ताल की सुंदरता पर चार चांद लगा रही है.
दरअसल, गौरीकुंड से 18 किमी की पैदल दूरी तय करने के बाद केदारनाथ पहुंचा जाता है और केदारनाथ से वासुकीताल 8 किमी की दूरी पर है. समुद्रतल से 4 हजार 135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह झील शानदार हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है. अब वासुकीताल से पैंया ताल की खोज की गयी है, जहां का पता आज तक वन जीव प्रभाग के साथ ही भू वैज्ञानिकों को भी नहीं था. इस ताल की दूरी वासुकीताल से आठ किमी है.
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केदारनाथ वन वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कवर ने बताया कि उन्हें पैंया ताल के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं. जल्द ही ताल का भ्रमण कर पूरी जानकारी जुटाई जाएगी. वहीं, भू वैज्ञानिक वाडिया संस्थान देहरादून के डाॅ. डीपी डोभाल ने बताया कि उन्हें ताल का चित्र मिला है. वह समुद्रतल से लगभग साढ़े चार से पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर है. यह मजबूत ताल है और इसमें पिघली बर्फ का पानी है.