देहरादून: उत्तराखंड पुलिस विभाग (Uttarakhand Police Department) में 20 साल से सेवारत पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे(grade pay) 4600 से घटाकर 2800 करने मामले में खटीमा विधायक पुष्कर धामी(Pushkar Dhami) ने 16 मई को तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को प्रार्थना पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने पुलिस कर्मियों के साथ होने वाले इस प्रकरण को अन्यायपूर्ण बताया था. अब पुष्कर धामी खुद मुख्यमंत्री बन गये हैं. ऐसे में पुलिसकर्मियों को ग्रेड पे विवाद का निपटारा जल्द होने की उम्मीद है.
बता दें 11 वे मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने 16 मई को तत्कालीन मुख्यमंत्री को अपने मांग पत्र में यह लिखा था कि वर्ष 2017 में सातवें वेतन आयोग के मुताबिक 20 साल से अधिक संतोषजनक सेवा कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को 4600 ग्रेड पर के हिसाब से वेतन दिया जा रहा है. ऐसे में इस आदेश को संबंधित पुलिस कर्मियों की कोरोना वैश्विक महामारी काल और जनहित कार्य को देखते हुए पूर्व का आदेश ही बरकरार खा जाए. ताकि उनके साथ कोई अन्याय न हो.
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मौजूदा मुख्यमंत्री धामी ने अपने मांग पत्र में कहा था कि जिस तरह से कोरोना महामारी में राज्य के समस्त पुलिसकर्मियों ने जान की परवाह किये बिना पूरी निष्ठा से जनहित और सेवाकार्य किए हैं, जो सराहनीय हैं. ऐसे में 20 साल से सेवारत पुलिस कर्मियों का ग्रेड पे 4600 की जगह 2800 करना सम्बंधित कर्मियों का मनोबल को नीचे करने जैसा होगा. ऐसे में उत्तराखंड पुलिस विभाग में 20 साल की संतोषजनक सेवाएं देने वाले कर्मचारियों ग्रेड पे 4699 ही बरकार रखा जाए, ताकि जनहित के मद्देनजर पुलिस में सेवा भाव और कर्तव्य बना रहे.
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तब सीएम को चिट्टी लिखकर इस मामले में पुलिसकर्मियों के हितों की बात करने वाले पुष्कर धामी अब खुद प्रदेश के सीएम बन गये हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि वे इस मामले में जल्द ही कोई कदम उठा सकते हैं. उनके सीएम बनने से पुलिसकर्मियों को आस है कि अब जल्द ही पे ग्रेड विवाद जल्द ही खत्म हो जाएगा.