ETV Bharat / state

नर्स ने मृत मरीज का मोबाइल चोरी कर प्रेमी को किया गिफ्ट, रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी भी खुली - मैक्स हॉस्पिटल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी

पुलिस ने जब मैक्स हॉस्पिटल में चोरी हुए मोबाइल की गुत्थी सुलझाई तो कई और मामले सामने आ गए हैं. पुलिस की जांच में सामने आया है कि हॉस्पिटल में मरीजों के तीमारदारों से मंगाए गए रेमडेसिविर इंजेक्शन भी चोरी किए जाते हैं, जिसकी पुलिस जांच कर रही है.

max hospital
max hospital
author img

By

Published : May 25, 2021, 7:48 PM IST

देहरादून: राजपुर थाना क्षेत्र में स्थित शहर के नामी हॉस्पिटल में हुए मरीज के मोबाइल चोरी होने के मामले का मंगलवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में मैक्स हॉस्पिटल की नर्स और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल बरामद कर लिया है. आरोपी नर्स ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर भी बड़े सवाल खड़े किए हैं. वहीं कोरोना जीवन रक्षक दवाइयों के चोरी होने की जानकारी भी दी है.

जानकारी के मुताबिक बसंत विहार निवासी अमनदीप गिल ने 18 मई को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 21 अप्रैल को उनके पिता की तबीयत खराब हो गई थी. इसके बाद उन्हें मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में भर्ती कराया गया था. उनकी इलाज के दौरान 8 मई को मृत्यु हो गया थी. तभी उनके पिता का मोबाइल हॉस्पिटल से चोरी हो गया था. इसकी जानकारी उन्होंने मैक्स हॉस्पिटल को दी थी, लेकिन मैक्स हॉस्पिटल ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और टालते रहे.

पढ़ें- अस्पताल नहीं जा रहे मलिन बस्तियों के बीमार लोग, भयावह हो सकता है नतीजा

आखिर में पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. पुलिस की जांच में सामने आया कि हॉस्पिटल में भर्ती अन्य मरीजों का सामान भी चोरी हुआ है. पूछताछ में सामने आया कि अस्पताल में इस प्रकार की चोरी की घटनायें अक्सर होती रहती हैं. इसके अलावा एक चौंकाने वाला मामला भी सामने आया है. हास्पिटल में मरीजों का सामान ही नहीं, बल्कि कोरोना की जीवन रक्षक दवायें व रेमडेसिविर इंजेक्शन भी चोरी हुए हैं. ताज्जुब की बात ये है कि मैक्स हॉस्पिटल के प्रबंधन ने कभी भी इसकी शिकायत पुलिस को नहीं दी, जो मैक्स हॉस्पिटल के प्रबंधन पर कई सवाल खड़े करता है.

ऐसे पकड़ में आया मोबाइल चोर

थाना राजपुर प्रभारी राकेश शाह ने बताया कि चोरी हुए मोबाइल की आईएमईआई रन कराये जाने पर मोबाइल में दो मोबाइल नम्बरों का चलना सामने आया. जिनमें से एक मोबाइल नम्बर की आईडी राजकुमार निवासी बिजनौर और दूसरे मोबाइल नम्बर की आईडी सलमान अहमद निवासी बिजनौर के नाम पर होनी ज्ञात हुई.

पढ़ें- मिशन 'अनमोल मदद': अंतिम समय में जब अपने भूले तो ये युवा दे रहे कंधा

मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क करने पर फोन उठाने वाले व्यक्ति द्वारा अपना नाम सलमान अहमद बताया गया. उसने बताया कि वह साईं मंदिर के पास राजपुर रोड पर रहता है. पुलिस ने सलमान को राजपुर रोड साईं मन्दिर के पास मिलने को कहा. पुलिस ने जब सलमान की तलाशी ली तो उसके पास से मोबाइल बरामद हुआ.

सलमान ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड ने हॉस्पिटल से ये मोबाइल चोरी कर उसको दे दिया था. जिसके बाद पुलिस ने उसकी गर्लफ्रेंड रूकइया को मैक्स हॉस्पिटल के पास से गिरफ्तार कर लिया. रूकइया ने पूछताछ में भावुक होकर यह भी बताया गया कि मैक्स अस्पताल से बड़ी-बड़ी चीजें व जीवनरक्षक दवाएं, रेमडेसिविर इंजेक्शन समेत कई कीमती सामान चोरी होते हैं. लेकिन प्रबंधन उनकी रिपोर्ट करने में कोई रुचि नहीं दिखाता है. बल्कि मरीजों के तीमारदारों को टालते रहते हैं. आईसीयू व रोगी वार्ड में स्टाफ नर्स, जेडीए और हाउसकीपिंग के अलावा अन्य किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होती है. अस्पताल प्रबन्धन की मिलीभगत से ही यह कार्य होता है.

देहरादून: राजपुर थाना क्षेत्र में स्थित शहर के नामी हॉस्पिटल में हुए मरीज के मोबाइल चोरी होने के मामले का मंगलवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में मैक्स हॉस्पिटल की नर्स और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल बरामद कर लिया है. आरोपी नर्स ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर भी बड़े सवाल खड़े किए हैं. वहीं कोरोना जीवन रक्षक दवाइयों के चोरी होने की जानकारी भी दी है.

जानकारी के मुताबिक बसंत विहार निवासी अमनदीप गिल ने 18 मई को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 21 अप्रैल को उनके पिता की तबीयत खराब हो गई थी. इसके बाद उन्हें मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में भर्ती कराया गया था. उनकी इलाज के दौरान 8 मई को मृत्यु हो गया थी. तभी उनके पिता का मोबाइल हॉस्पिटल से चोरी हो गया था. इसकी जानकारी उन्होंने मैक्स हॉस्पिटल को दी थी, लेकिन मैक्स हॉस्पिटल ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और टालते रहे.

पढ़ें- अस्पताल नहीं जा रहे मलिन बस्तियों के बीमार लोग, भयावह हो सकता है नतीजा

आखिर में पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. पुलिस की जांच में सामने आया कि हॉस्पिटल में भर्ती अन्य मरीजों का सामान भी चोरी हुआ है. पूछताछ में सामने आया कि अस्पताल में इस प्रकार की चोरी की घटनायें अक्सर होती रहती हैं. इसके अलावा एक चौंकाने वाला मामला भी सामने आया है. हास्पिटल में मरीजों का सामान ही नहीं, बल्कि कोरोना की जीवन रक्षक दवायें व रेमडेसिविर इंजेक्शन भी चोरी हुए हैं. ताज्जुब की बात ये है कि मैक्स हॉस्पिटल के प्रबंधन ने कभी भी इसकी शिकायत पुलिस को नहीं दी, जो मैक्स हॉस्पिटल के प्रबंधन पर कई सवाल खड़े करता है.

ऐसे पकड़ में आया मोबाइल चोर

थाना राजपुर प्रभारी राकेश शाह ने बताया कि चोरी हुए मोबाइल की आईएमईआई रन कराये जाने पर मोबाइल में दो मोबाइल नम्बरों का चलना सामने आया. जिनमें से एक मोबाइल नम्बर की आईडी राजकुमार निवासी बिजनौर और दूसरे मोबाइल नम्बर की आईडी सलमान अहमद निवासी बिजनौर के नाम पर होनी ज्ञात हुई.

पढ़ें- मिशन 'अनमोल मदद': अंतिम समय में जब अपने भूले तो ये युवा दे रहे कंधा

मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क करने पर फोन उठाने वाले व्यक्ति द्वारा अपना नाम सलमान अहमद बताया गया. उसने बताया कि वह साईं मंदिर के पास राजपुर रोड पर रहता है. पुलिस ने सलमान को राजपुर रोड साईं मन्दिर के पास मिलने को कहा. पुलिस ने जब सलमान की तलाशी ली तो उसके पास से मोबाइल बरामद हुआ.

सलमान ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड ने हॉस्पिटल से ये मोबाइल चोरी कर उसको दे दिया था. जिसके बाद पुलिस ने उसकी गर्लफ्रेंड रूकइया को मैक्स हॉस्पिटल के पास से गिरफ्तार कर लिया. रूकइया ने पूछताछ में भावुक होकर यह भी बताया गया कि मैक्स अस्पताल से बड़ी-बड़ी चीजें व जीवनरक्षक दवाएं, रेमडेसिविर इंजेक्शन समेत कई कीमती सामान चोरी होते हैं. लेकिन प्रबंधन उनकी रिपोर्ट करने में कोई रुचि नहीं दिखाता है. बल्कि मरीजों के तीमारदारों को टालते रहते हैं. आईसीयू व रोगी वार्ड में स्टाफ नर्स, जेडीए और हाउसकीपिंग के अलावा अन्य किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होती है. अस्पताल प्रबन्धन की मिलीभगत से ही यह कार्य होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.