देहरादून: पौराणिक नगरी हरिद्वार के हरकी पैड़ी पर गंगा को पुराना स्वरूप दिलाने के मकसद से कई सालों से चल रहे विरोध और धरना प्रदर्शन के बाद बीते 22 नवंबर को प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद घोषणा की थी कि गंगा को स्कैप चैनल बताने वाले कांग्रेस सरकार के शासनादेश को रद्द किया जाता है. उन्होंने दो-तीन दिन में नोटिफिकेशन जारी होने की बात कही थी. लेकिन 10 दिन होने के बाद भी इस मामले पर कोई कागजी कार्रवाई जारी नहीं की गई है.
हरकी पैड़ी पर मां गंगा की धारा को लेकर जो फैसला पिछली सरकार में केवल निर्माण कार्यों को 'पनाह' देने के लिए किया गया था, उसे इस सरकार ने मौखिक रूप से पलट तो दिया है लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की तमाम गाइडलाइंस के कारण वो तकनीकी कारण आज भी जस के तस हैं. इन्हीं का तोड़ निकालने के लिये पिछली हरीश रावत सरकार ने हरकी पैड़ी से गुजरने वाली गंगा की अविरल धारा को शासनादेश में स्कैप चैनल (नहर) का नाम दे दिया था.
पढ़ें- स्क्रैप चैनल नहीं, अब हरकी पैड़ी पर बहने वाली धारा का नाम होगा गंगा
वर्तमान त्रिवेंद्र सरकार ने भारी विरोध के बाद मौखिक रूप से घोषणा कर वाहवाही तो लूट ली लेकिन घोषणा के कई दिन बीत जाने के बाद भी नया आदेश जारी नहीं हुआ है. सरकार की इस देरी पर कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि मौजूदा भाजपा सरकार ने पिछली सरकार पर गंगा के नाम से छेड़छाड़ करने के आरोप तो खूब लगाए लेकिन ये नहीं बताया कि इसके पीछे वजह क्या थी. उन्होंने कहा कि समस्या आज भी वही है. उन्होंने सवाल किया कि गंगा के आस-पास होने वाला तमाम सरकारी और गैर सरकारी निर्माण और एनजीटी के नियमों के बारे में सरकार ने क्या सोचा है?
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि केवल घोषणा करने से कुछ नहीं होने वाला, उसके लिए तकनीकी स्तर पर भी तैयारी होनी चाहिए. यही वजह है कि आज घोषणा करने के 10 दिन बाद भी सरकार में उस शासनादेश को बदलने की हिम्मत नहीं हो सकी है. यही भाजपा का दोमुंहा चेहरा है.
उधर, दूसरी तरफ सरकार की तरफ से शासनादेश बदलने को लेकर कोई पुष्ट जानकारी सामने नहीं आ रही है. इस बारे में अब भाजपा संगठन के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जो भी घोषणा करती है बहुत सोच समझ कर करती है. स्कैप चैनल को वापस गंगा की अविराधा धारा किये जाने की घोषणा मुख्यमंत्री कर चुके हैं और शासनादेश भी जल्द जारी कर दिया जाएगा. हालांकि, कब जारी होगा इसका जवाब उनके पास भी नहीं था.