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उत्तराखंड: कारगिल विजय दिवस के 21 साल, वीरों की शहादत को किया याद

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Published : Jul 26, 2020, 10:12 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 11:42 PM IST

देहरादून में कारगिल युद्ध के शहीदों को याद करते हुए गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.ऋषिकेश में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सशस्त्र सेनाओं के वीर सैनिकों एवं प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी. कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में अल्मोड़ा के कैंट स्थित शहीद स्मारक में हर साल की तरह इस साल भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.

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प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

देहरादून: कारगिल युद्ध में भारत की जीत के उपलक्ष्य में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है.कारगिल युद्ध में भारत के 500 से ज्यादा जवानों ने बलिदान दिया था. उत्तराखंड के भी 75 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे. 37 जवानों को विभिन्न सैन्य सम्मानों से सम्मानित भी किया गया. प्रदेश में भी अलग-हिस्सों में वीर शहीदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. बहादुर सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

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शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान शहीदों की कुर्बानियों को याद किया. मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लंबी परम्परा रही है. देश की आजादी से पहले और आजादी के बाद भी उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया.

सीएम ने दी श्रद्धांजलि

देहरादून में कारगिल युद्ध के शहीदों को याद करते हुए गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना है. कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है. शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है. विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है. राज्य सरकार ने विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है.

सीएम ने शहीदों को किया याद

पढ़ें- कारगिल विजय दिवस: आखिर कब मिलेगा शहीद की शहादत को सम्मान, 21 साल बाद भी वादे अधूरे


शहीद परिवारों को दी जा रही मदद

परम विशिष्ट सेवा मेडल पर 15 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रूपए, अति विशिष्ट सेवा मेडल पर अनुमान्य एकमुश्त राशि को 7 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रूपए किया गया है. सेना मेडल पर राशि पहले अनुमान्य नहीं थी, अब इसके लिए 1 लाख रुपए की राशि अनुमान्य है. इसी प्रकार विशिष्ट सेवा मेडल में एकमुश्त अनुमान्य राशि को 3 हजार रुपए से बढ़ाकर 75 हजार रुपए किया गया है. उन्होंने कहा हमने द्वितीय विश्वयुद्ध पेंशन को भी दो गुना किया है. इसे 4 हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 8 हजार रुपए प्रतिमाह किया गया ह. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि पूर्व सैनिकों द्वारा पुनर्वास के लिए गए ऋण पर अनुदान में वृद्धि की है. 5 लाख रुपए तक के ऋण पर 10 प्रतिशत और 5 से 10 लाख रूपए तक के ऋण पर 5 प्रतिशत या अधिकतम 75 हजार रूपए का अनुदान दिया जा रहा है.

विधानसभा अध्यक्ष ने भी शहीदों को किया याद

ऋषिकेश में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सशस्त्र सेनाओं के वीर सैनिकों एवं प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी. साथ ही उन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व समर्पण करने वाले वीर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है. विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संदेश में कहा है कि कारगिल युद्ध के दौरान मातृभूमि के स्वाभिमान व गौरव की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले मां भारती के अमर सपूतों की शहादत को कोटि-कोटि नमन करता हूं. उन्होंने कहा कारगिल विजय दिवस हमें देश के लिए शहीद हुए जांबाज सैनिकों की वीरता, पराक्रम, शौर्य और बलिदान की याद दिलाता है. उनकी शौर्य गाथाओं से देश सदैव प्रेरणा लेता रहेगा. उन्होंने कहा कि हम उनके परिवार-जनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे.

विधानसभा अध्यक्ष ने भी शहीदों को किया याद

पढ़ें- कारगिल विजय दिवस: चार गोली लगने के बाद भी किया था दुश्मनों का सफाया


अल्मोड़ा में भी वीरों को दी श्रद्धांजलि

कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में अल्मोड़ा के कैंट स्थित शहीद स्मारक में हर साल की तरह इस साल भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर सेना के अधिकारियों ,सांसद अजय टम्टा, एसएसपी पीएन मीणा समेत तमाम गणमान्य लोगों ने शहीदों के बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. हालांकि कोरोना के कारण इस बार शौर्य दिवस में सीमित संख्या में ही लोग शामिल हुए . बावजूद इसके कारगिल शहीदों का सम्मान में कोई कमी नहीं आई. इस मौके पर सांसद अजय टम्टा ने कहा कि आज के दिन हमारे देश के जवानों ने विजय हासिल की थी, जिसमें कई जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ी. इस युद्ध मे अल्मोड़ा के 7 जवानों को अपनी शहादत दी थी. उनकी शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा.

कुंडेश्वरी के शहीद चौक पर आयोजित किया गया कार्यक्रम

काशीपुर के कुंडेश्वरी के शहीद चौक पर कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विजयपथ पूर्व सैनिक संगठन की तरफ से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर पूर्व सैनिक संगठन के पूर्व सैनिकों और तहसीलदार के अलावा पूर्व सैन्य अधिकारियों ने शहीदों के चित्रों पर माल्यार्पण और पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्दांजलि दी. इस मौके पर कारगिल युद्ध में शहीद कुंडेश्वरी के पदमराम कन्याल और अमित नेगी के परिजनों की खुशहाली की कामना की गई. कार्यक्रम का शुभारंभ विजयपथ पूर्व सैनिक संगठन अध्यक्ष कैप्टन बचन सिंह नेगी और तहसीलदार विपिन चंद्र पंत ने ध्वजारोहण कर किया.

पढ़ें-कारगिल : सेवानिवृत्त मेजर डॉक्टर प्राची गर्ग से सुनें सैन्य पराक्रम की जीवंत गाथा

चंपावत में सादगी से मना शौर्य दिवस

चंपावत में कोरोना के कारण सामान्य तरीके से कारगिल शौर्य दिवस मनाया गया. सैनिक कल्याण बोर्ड में आयोजित कार्यक्रम में जिले के वीर शहीदों को डीएम एसएन पांडे और एसपी लोकेश्वर सिंह ने दीप जलाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस दौरान चंपावत जिले के कारगिल योद्धा दान सिंह मेहता को माला पहनाकर सम्मानित किया गया. दान सिंह मेहता ने बताया कि भारत के वीर जवानों ने किस तरह अदम्य साहस से दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे. उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध में वह शरीर से अक्षम हो गए थे, छह महीने से भी अधिक समय तक इलाज चला. नौ एमएम का छर्रा आज भी उनके सीने में है. दान सिंह कहते हैं कि द्रास के सामने तुरतुक सेक्टर में करीब 150 मीटर की ऊंचाई पर 40 दुश्मनों ने कब्जा कर रखा था, 12 जाट रेजीमेंट को पाक सैनिकों के कब्जे वाली जगह को मुक्त कराने का आदेश मिला था.
लगातार तीन दिन व रात दुर्गम रास्तों पर चल कर सैनिक 25 जुलाई को द्रास के सामने करीब 21 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचे. इस युद्ध में दो सैनिक शहीद हो गए. दान सिंह मेहता व उनके दो साथी बुरी तरह जख्मी हो गए थे. मेहता के सीने व पैर में गोली लगी. अगले दिन 26 जुलाई को तीनों घायलों को जम्मू-कश्मीर के कमांडो हास्पिटल में भर्ती कराया गया. तीन महीने के इलाज के बाद वे ठीक हुए.

खटीमा मेंं शहीदों को किया गया याद

उधम सिंह नगर जनपद के अलग-अलग तहसीलों में आज कारगिल विजय दिवस मनाया गया. कोरोना संक्रमण के चलते विजय दिवस मनाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया. खटीमा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश महामंत्री नेतृत्व में शहीद पार्क जाकर कारगिल विजय में शहीद हुए वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान कांग्रेस प्रदेश महामंत्री भुवन कापड़ी ने कहा कि आज के ही ऐतिहासिक दिन को भारत ने वीर सैनिकों की शहादत के फलस्वरूप पाकिस्तान को कारगिल में हराकर विजय प्राप्त की थी. इसलिए आज खटीमा के समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर याद किया है.

मसूरी में दी गई श्रद्धांजलि

मसूरी में 21वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर मसूरी महिला कांग्रेस और स्थानीय लोगों ने महिला कांग्रेस अध्यक्ष जसवीर कौर के नेतृत्व में मसूरी के शहीद स्थल पर शहीदों की याद में मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस मौके पर अमर शहीदों के लिए नारे भी लगाये गए.

चमोली में भी शहीदों को किया याद

चमोली जिले में लॉकडाउन के चलते आज रविवार को कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ सादगी से मनाई गई. इस दौरान जिला मुख्यालय गोपेश्वर सहित जनपद में विभिन्न स्थानों पर प्रशासन सहित सामाजिक संगठनों द्वारा शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए.

देहरादून: कारगिल युद्ध में भारत की जीत के उपलक्ष्य में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है.कारगिल युद्ध में भारत के 500 से ज्यादा जवानों ने बलिदान दिया था. उत्तराखंड के भी 75 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे. 37 जवानों को विभिन्न सैन्य सम्मानों से सम्मानित भी किया गया. प्रदेश में भी अलग-हिस्सों में वीर शहीदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. बहादुर सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

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शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान शहीदों की कुर्बानियों को याद किया. मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लंबी परम्परा रही है. देश की आजादी से पहले और आजादी के बाद भी उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया.

सीएम ने दी श्रद्धांजलि

देहरादून में कारगिल युद्ध के शहीदों को याद करते हुए गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना है. कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है. शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है. विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है. राज्य सरकार ने विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है.

सीएम ने शहीदों को किया याद

पढ़ें- कारगिल विजय दिवस: आखिर कब मिलेगा शहीद की शहादत को सम्मान, 21 साल बाद भी वादे अधूरे


शहीद परिवारों को दी जा रही मदद

परम विशिष्ट सेवा मेडल पर 15 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रूपए, अति विशिष्ट सेवा मेडल पर अनुमान्य एकमुश्त राशि को 7 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रूपए किया गया है. सेना मेडल पर राशि पहले अनुमान्य नहीं थी, अब इसके लिए 1 लाख रुपए की राशि अनुमान्य है. इसी प्रकार विशिष्ट सेवा मेडल में एकमुश्त अनुमान्य राशि को 3 हजार रुपए से बढ़ाकर 75 हजार रुपए किया गया है. उन्होंने कहा हमने द्वितीय विश्वयुद्ध पेंशन को भी दो गुना किया है. इसे 4 हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 8 हजार रुपए प्रतिमाह किया गया ह. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि पूर्व सैनिकों द्वारा पुनर्वास के लिए गए ऋण पर अनुदान में वृद्धि की है. 5 लाख रुपए तक के ऋण पर 10 प्रतिशत और 5 से 10 लाख रूपए तक के ऋण पर 5 प्रतिशत या अधिकतम 75 हजार रूपए का अनुदान दिया जा रहा है.

विधानसभा अध्यक्ष ने भी शहीदों को किया याद

ऋषिकेश में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सशस्त्र सेनाओं के वीर सैनिकों एवं प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी. साथ ही उन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व समर्पण करने वाले वीर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है. विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संदेश में कहा है कि कारगिल युद्ध के दौरान मातृभूमि के स्वाभिमान व गौरव की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले मां भारती के अमर सपूतों की शहादत को कोटि-कोटि नमन करता हूं. उन्होंने कहा कारगिल विजय दिवस हमें देश के लिए शहीद हुए जांबाज सैनिकों की वीरता, पराक्रम, शौर्य और बलिदान की याद दिलाता है. उनकी शौर्य गाथाओं से देश सदैव प्रेरणा लेता रहेगा. उन्होंने कहा कि हम उनके परिवार-जनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे.

विधानसभा अध्यक्ष ने भी शहीदों को किया याद

पढ़ें- कारगिल विजय दिवस: चार गोली लगने के बाद भी किया था दुश्मनों का सफाया


अल्मोड़ा में भी वीरों को दी श्रद्धांजलि

कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में अल्मोड़ा के कैंट स्थित शहीद स्मारक में हर साल की तरह इस साल भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर सेना के अधिकारियों ,सांसद अजय टम्टा, एसएसपी पीएन मीणा समेत तमाम गणमान्य लोगों ने शहीदों के बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. हालांकि कोरोना के कारण इस बार शौर्य दिवस में सीमित संख्या में ही लोग शामिल हुए . बावजूद इसके कारगिल शहीदों का सम्मान में कोई कमी नहीं आई. इस मौके पर सांसद अजय टम्टा ने कहा कि आज के दिन हमारे देश के जवानों ने विजय हासिल की थी, जिसमें कई जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ी. इस युद्ध मे अल्मोड़ा के 7 जवानों को अपनी शहादत दी थी. उनकी शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा.

कुंडेश्वरी के शहीद चौक पर आयोजित किया गया कार्यक्रम

काशीपुर के कुंडेश्वरी के शहीद चौक पर कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विजयपथ पूर्व सैनिक संगठन की तरफ से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर पूर्व सैनिक संगठन के पूर्व सैनिकों और तहसीलदार के अलावा पूर्व सैन्य अधिकारियों ने शहीदों के चित्रों पर माल्यार्पण और पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्दांजलि दी. इस मौके पर कारगिल युद्ध में शहीद कुंडेश्वरी के पदमराम कन्याल और अमित नेगी के परिजनों की खुशहाली की कामना की गई. कार्यक्रम का शुभारंभ विजयपथ पूर्व सैनिक संगठन अध्यक्ष कैप्टन बचन सिंह नेगी और तहसीलदार विपिन चंद्र पंत ने ध्वजारोहण कर किया.

पढ़ें-कारगिल : सेवानिवृत्त मेजर डॉक्टर प्राची गर्ग से सुनें सैन्य पराक्रम की जीवंत गाथा

चंपावत में सादगी से मना शौर्य दिवस

चंपावत में कोरोना के कारण सामान्य तरीके से कारगिल शौर्य दिवस मनाया गया. सैनिक कल्याण बोर्ड में आयोजित कार्यक्रम में जिले के वीर शहीदों को डीएम एसएन पांडे और एसपी लोकेश्वर सिंह ने दीप जलाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस दौरान चंपावत जिले के कारगिल योद्धा दान सिंह मेहता को माला पहनाकर सम्मानित किया गया. दान सिंह मेहता ने बताया कि भारत के वीर जवानों ने किस तरह अदम्य साहस से दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे. उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध में वह शरीर से अक्षम हो गए थे, छह महीने से भी अधिक समय तक इलाज चला. नौ एमएम का छर्रा आज भी उनके सीने में है. दान सिंह कहते हैं कि द्रास के सामने तुरतुक सेक्टर में करीब 150 मीटर की ऊंचाई पर 40 दुश्मनों ने कब्जा कर रखा था, 12 जाट रेजीमेंट को पाक सैनिकों के कब्जे वाली जगह को मुक्त कराने का आदेश मिला था.
लगातार तीन दिन व रात दुर्गम रास्तों पर चल कर सैनिक 25 जुलाई को द्रास के सामने करीब 21 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचे. इस युद्ध में दो सैनिक शहीद हो गए. दान सिंह मेहता व उनके दो साथी बुरी तरह जख्मी हो गए थे. मेहता के सीने व पैर में गोली लगी. अगले दिन 26 जुलाई को तीनों घायलों को जम्मू-कश्मीर के कमांडो हास्पिटल में भर्ती कराया गया. तीन महीने के इलाज के बाद वे ठीक हुए.

खटीमा मेंं शहीदों को किया गया याद

उधम सिंह नगर जनपद के अलग-अलग तहसीलों में आज कारगिल विजय दिवस मनाया गया. कोरोना संक्रमण के चलते विजय दिवस मनाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया. खटीमा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश महामंत्री नेतृत्व में शहीद पार्क जाकर कारगिल विजय में शहीद हुए वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान कांग्रेस प्रदेश महामंत्री भुवन कापड़ी ने कहा कि आज के ही ऐतिहासिक दिन को भारत ने वीर सैनिकों की शहादत के फलस्वरूप पाकिस्तान को कारगिल में हराकर विजय प्राप्त की थी. इसलिए आज खटीमा के समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर याद किया है.

मसूरी में दी गई श्रद्धांजलि

मसूरी में 21वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर मसूरी महिला कांग्रेस और स्थानीय लोगों ने महिला कांग्रेस अध्यक्ष जसवीर कौर के नेतृत्व में मसूरी के शहीद स्थल पर शहीदों की याद में मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस मौके पर अमर शहीदों के लिए नारे भी लगाये गए.

चमोली में भी शहीदों को किया याद

चमोली जिले में लॉकडाउन के चलते आज रविवार को कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ सादगी से मनाई गई. इस दौरान जिला मुख्यालय गोपेश्वर सहित जनपद में विभिन्न स्थानों पर प्रशासन सहित सामाजिक संगठनों द्वारा शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए.

Last Updated : Jul 26, 2020, 11:42 PM IST
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