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बाबा रामदेव के योग ग्राम में होता है महंगा इलाज, मरीजों से लिए जाते हैं इतने रुपए

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Published : May 30, 2021, 7:23 PM IST

Updated : May 31, 2021, 8:58 AM IST

जो लोग योग ग्राम में इलाज कराने जाते हैं उन्हें रोजाना 4 से 6 हजार रुपये सिर्फ एक कमरे के लिए भरने होते हैं. इसके अतिरिक्त जिस तरह की बीमारी होगी, उसके अनुसार ही उनका इलाज कराया जाएगा. जिसका खर्च अलग से होता है. अमूमन यहां 1 सप्ताह से लेकर 8 सप्ताह तक का समय लगता है. जिससे इलाज काफी महंगा पड़ता है.

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महंगा है 'बाबा' का इलाज

देहरादून: आयुर्वेद और एलोपैथिक के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बाबा रामदेव और डॉक्टरों के बीच बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. योग गुरु स्वामी रामदेव आयुर्वेद को लेकर भले ही लाख दावे कर रहे हों. लेकिन हकीकत यह है कि उनकी कर्मभूमि में भी लोगों के लिए आयुर्वेद के इलाज इतना आसान नहीं है. योग ग्राम में आयुर्वेदिक हॉस्पिटल आम जनता की पहुंच से बाहर है. बाबा के यहां इलाज के दौरान रुकने के लिए 4 हजार से लेकर 6 हजार रुपये प्रतिदिन कमरे का किराया देना पड़ता है. उसके बाद इलाज का जो खर्च है वो अलग से जोड़ा जाता है.

बाबा रामदेव के पतंजलि में होता है महंगा इलाज

रामदेव-आचार्य बालकृष्ण ने मिलकर की पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना

बाबा रामदेव आयुर्वेद और योग को बढ़ावा देने के लिए 90 के दशक से ही प्रयासों में जुटे हुए हैं. वह शुरुआती दिनों में न सिर्फ लोगों को योग सिखाते थे. बल्कि घर पर ही चवनप्राश बनाकर, घर-घर जाकर लोगों को बेचते थे. धीरे-धीरे बाबा रामदेव ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया. जिसके माध्यम से ना सिर्फ लोगों को योग सिखाया बल्कि आयुर्वेद के माध्यम से लोगों का इलाज भी किया. धीरे-धीरे बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों ने मिलकर पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना भी की.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

पढ़ें- एलोपैथी के बाद रामदेव के डॉक्टरों पर विवादित बयान पर भड़का IMA, गिरफ्तारी की मांग

हरिद्वार में है बाबा रामदेन का बड़ा साम्राज्य

वर्तमान समय में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का हरिद्वार में एक बड़ा साम्राज्य है. यहां रोजाना हजारों लोगों का इलाज किया जाता है. बाबा रामदेव इस बात पर जोर देते रहे हैं कि आयुर्वेद पद्धति में हर बीमारी का इलाज है. उनका मानना है कि इमरजेंसी के दौरान तो एलोपैथी का इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन अगर इमरजेंसी नहीं है तो आयुर्वेद पद्धति को अपनाना ज्यादा बेहतर है. बाबा रामदेव इस बात का दावा कर रहे हैं कि आयुर्वेद पद्धति में हर बीमारी का इलाज है, इस बात को नकार भी नहीं सकते हैं. मगर आजकल स्थिति यह है कि बहुत कम जगहों पर आयुर्वेद पद्धति से इजाज किया जाता है.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

पढ़ें- रामदेव के ठेंगे पर कोरोना कर्फ्यू के नियम, रोज जुटा रहे हजारों की भीड़, प्रशासन बेखबर

यहां एक दिन के कमरे का किराया है 5 से 6 हजार रुपए

उत्तराखंड के हरिद्वार की बात करें तो हरिद्वार में बाबा रामदेव का एक बड़ा साम्राज्य फैला है. जहां आयुर्वेद पद्धति के माध्यम से लोगों का इलाज किया जाता है, लेकिन किस तरह से आयुर्वेद पद्धति से हरिद्वार में इलाज कराया जा सकता है यह बात बहुत कम लोग ही जानते हैं, जो लोग जानते हैं उनके सामने एक बड़ी समस्या यह है कि अगर वह पतंजलि योगपीठ में इलाज कराने जाते हैं तो उन्हें रोजाना 4 से 6 हजार रुपये सिर्फ एक कमरे के लिए भरने होते हैं. इसके अतिरिक्त जिस तरह की बीमारी होगी, उसके अनुसार ही उनका इलाज कराया जाएगा. जिसका खर्च अलग से होता है.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

ये भी पढ़ेंः रामदेव पर एक दिन में दर्ज हुए थे 81 मुकदमे, जानें बाबा के टॉप 10 विवाद

दो हफ्ते के इलाज का औसत खर्च 70 हजार

हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ में इलाज कराना महंगा इसलिए भी है, क्योंकि किसी भी बीमारी के इलाज के लिए कम से कम 1 सप्ताह से लेकर 8 सप्ताह तक का समय लगता है. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर किसी एक रूम का किराया अगर 5 हजार रुपये है और किसी मरीज को 2 सप्ताह भी रुकना हो तो करीब 70 हजार रुपये सिर्फ रुकने के लिए ही खर्च करने होंगे. हालांकि, इसमें खाना भी शामिल है. इसके अतिरिक्त उस बीमारी के इलाज (आयुर्वेदिक दवाइयां और थेरैपी) का खर्च अलग से है. यही नहीं, बाबा रामदेव समय समय, कुछ बीमारियों के इलाज पर कुछ प्रतिशत की छूट भी देते हैं, लेकिन यहां इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर है.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

पढ़ें- फिर बोले 'आदर्श बाबा'- किसी के बाप में दम नहीं जो रामदेव को गिरफ्तार कर सके

बाबा रामदेव ने बढ़ाया इलाज का दायरा

हाल ही में योग ग्राम में 146 टेंट, 50 झोपड़ी वाली कुटिया, 84 आरसीसी कुटिया, हॉल और सामान्य झोपड़ियां बनाई गई हैं. जिसमें 500 लोगों के रुकने की व्यवस्था है. वर्तमान समय में योगा ग्राम में बनाए गए सभी टेंट और कुटिया फुल हैं. योगग्राम में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों का कोविड-19 टेस्ट किया जाता है. जिसके बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाता है.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

पढ़ें- IMA ने PM काे लिखा पत्र, बाबा रामदेव के खिलाफ हो देशद्रोह के तहत कार्रवाई

बनाये गये हैं अलग-अलग तरह के कमरे

बाबा रामदेव ने इलाज कराने आए लोगों के रुकने के लिए चार तरह के कमरे बनाये हैं. पहला, राजऋषि कमरा, जिसमें सभी जरूरी चीजें उपलब्ध हैं. जिसका एक दिन का किराया 6,000 रुपये है. दूसरा, मुनिराज कमरा, जिसमें भी जरूरत की लगभग समान उपलब्ध है, जिसका किराया 5,500 रुपये है. तीसरा, महाऋषि कमरा, जिसमें तमाम चीजें कम हैं. लेकिन मिडिल क्लास के लिए ये बेहतर है. इसका प्रतिदिन किराया 4000 रुपए है. इसके साथ ही चौथा, तपस्वी कमरा, जिसमें जरुरत की ही सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसका किराया भी 4000 रुपये है.

पढ़ें- डॉक्टर बोले- जब मुश्किल में थे तब हम ही थे, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की एलोपैथ से बची थी जान

कुल मिलाकर कहा जाये तो बाबा रामदेव के यहां आयुर्वेदिक दवाइयों से इलाज करना भी एलोपैथ की ही तरह महंगा साबित हो रहा है. यहां की किराया, रहना खान-पीना सब कुछ ही बीमारियों की दवा से ज्यादा भारी पड़ता है. बाबा भले ही आयुर्वेद के जरिये इलाज को बढ़ावा देने की बात कह रहे हों, मगर हरिद्वार में उनके यहां के चार्ज से ही ये आम लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है.

देहरादून: आयुर्वेद और एलोपैथिक के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बाबा रामदेव और डॉक्टरों के बीच बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. योग गुरु स्वामी रामदेव आयुर्वेद को लेकर भले ही लाख दावे कर रहे हों. लेकिन हकीकत यह है कि उनकी कर्मभूमि में भी लोगों के लिए आयुर्वेद के इलाज इतना आसान नहीं है. योग ग्राम में आयुर्वेदिक हॉस्पिटल आम जनता की पहुंच से बाहर है. बाबा के यहां इलाज के दौरान रुकने के लिए 4 हजार से लेकर 6 हजार रुपये प्रतिदिन कमरे का किराया देना पड़ता है. उसके बाद इलाज का जो खर्च है वो अलग से जोड़ा जाता है.

बाबा रामदेव के पतंजलि में होता है महंगा इलाज

रामदेव-आचार्य बालकृष्ण ने मिलकर की पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना

बाबा रामदेव आयुर्वेद और योग को बढ़ावा देने के लिए 90 के दशक से ही प्रयासों में जुटे हुए हैं. वह शुरुआती दिनों में न सिर्फ लोगों को योग सिखाते थे. बल्कि घर पर ही चवनप्राश बनाकर, घर-घर जाकर लोगों को बेचते थे. धीरे-धीरे बाबा रामदेव ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया. जिसके माध्यम से ना सिर्फ लोगों को योग सिखाया बल्कि आयुर्वेद के माध्यम से लोगों का इलाज भी किया. धीरे-धीरे बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों ने मिलकर पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना भी की.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

पढ़ें- एलोपैथी के बाद रामदेव के डॉक्टरों पर विवादित बयान पर भड़का IMA, गिरफ्तारी की मांग

हरिद्वार में है बाबा रामदेन का बड़ा साम्राज्य

वर्तमान समय में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का हरिद्वार में एक बड़ा साम्राज्य है. यहां रोजाना हजारों लोगों का इलाज किया जाता है. बाबा रामदेव इस बात पर जोर देते रहे हैं कि आयुर्वेद पद्धति में हर बीमारी का इलाज है. उनका मानना है कि इमरजेंसी के दौरान तो एलोपैथी का इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन अगर इमरजेंसी नहीं है तो आयुर्वेद पद्धति को अपनाना ज्यादा बेहतर है. बाबा रामदेव इस बात का दावा कर रहे हैं कि आयुर्वेद पद्धति में हर बीमारी का इलाज है, इस बात को नकार भी नहीं सकते हैं. मगर आजकल स्थिति यह है कि बहुत कम जगहों पर आयुर्वेद पद्धति से इजाज किया जाता है.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

पढ़ें- रामदेव के ठेंगे पर कोरोना कर्फ्यू के नियम, रोज जुटा रहे हजारों की भीड़, प्रशासन बेखबर

यहां एक दिन के कमरे का किराया है 5 से 6 हजार रुपए

उत्तराखंड के हरिद्वार की बात करें तो हरिद्वार में बाबा रामदेव का एक बड़ा साम्राज्य फैला है. जहां आयुर्वेद पद्धति के माध्यम से लोगों का इलाज किया जाता है, लेकिन किस तरह से आयुर्वेद पद्धति से हरिद्वार में इलाज कराया जा सकता है यह बात बहुत कम लोग ही जानते हैं, जो लोग जानते हैं उनके सामने एक बड़ी समस्या यह है कि अगर वह पतंजलि योगपीठ में इलाज कराने जाते हैं तो उन्हें रोजाना 4 से 6 हजार रुपये सिर्फ एक कमरे के लिए भरने होते हैं. इसके अतिरिक्त जिस तरह की बीमारी होगी, उसके अनुसार ही उनका इलाज कराया जाएगा. जिसका खर्च अलग से होता है.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

ये भी पढ़ेंः रामदेव पर एक दिन में दर्ज हुए थे 81 मुकदमे, जानें बाबा के टॉप 10 विवाद

दो हफ्ते के इलाज का औसत खर्च 70 हजार

हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ में इलाज कराना महंगा इसलिए भी है, क्योंकि किसी भी बीमारी के इलाज के लिए कम से कम 1 सप्ताह से लेकर 8 सप्ताह तक का समय लगता है. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर किसी एक रूम का किराया अगर 5 हजार रुपये है और किसी मरीज को 2 सप्ताह भी रुकना हो तो करीब 70 हजार रुपये सिर्फ रुकने के लिए ही खर्च करने होंगे. हालांकि, इसमें खाना भी शामिल है. इसके अतिरिक्त उस बीमारी के इलाज (आयुर्वेदिक दवाइयां और थेरैपी) का खर्च अलग से है. यही नहीं, बाबा रामदेव समय समय, कुछ बीमारियों के इलाज पर कुछ प्रतिशत की छूट भी देते हैं, लेकिन यहां इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर है.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

पढ़ें- फिर बोले 'आदर्श बाबा'- किसी के बाप में दम नहीं जो रामदेव को गिरफ्तार कर सके

बाबा रामदेव ने बढ़ाया इलाज का दायरा

हाल ही में योग ग्राम में 146 टेंट, 50 झोपड़ी वाली कुटिया, 84 आरसीसी कुटिया, हॉल और सामान्य झोपड़ियां बनाई गई हैं. जिसमें 500 लोगों के रुकने की व्यवस्था है. वर्तमान समय में योगा ग्राम में बनाए गए सभी टेंट और कुटिया फुल हैं. योगग्राम में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों का कोविड-19 टेस्ट किया जाता है. जिसके बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाता है.

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योगग्राम की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए आंकड़े.

पढ़ें- IMA ने PM काे लिखा पत्र, बाबा रामदेव के खिलाफ हो देशद्रोह के तहत कार्रवाई

बनाये गये हैं अलग-अलग तरह के कमरे

बाबा रामदेव ने इलाज कराने आए लोगों के रुकने के लिए चार तरह के कमरे बनाये हैं. पहला, राजऋषि कमरा, जिसमें सभी जरूरी चीजें उपलब्ध हैं. जिसका एक दिन का किराया 6,000 रुपये है. दूसरा, मुनिराज कमरा, जिसमें भी जरूरत की लगभग समान उपलब्ध है, जिसका किराया 5,500 रुपये है. तीसरा, महाऋषि कमरा, जिसमें तमाम चीजें कम हैं. लेकिन मिडिल क्लास के लिए ये बेहतर है. इसका प्रतिदिन किराया 4000 रुपए है. इसके साथ ही चौथा, तपस्वी कमरा, जिसमें जरुरत की ही सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसका किराया भी 4000 रुपये है.

पढ़ें- डॉक्टर बोले- जब मुश्किल में थे तब हम ही थे, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की एलोपैथ से बची थी जान

कुल मिलाकर कहा जाये तो बाबा रामदेव के यहां आयुर्वेदिक दवाइयों से इलाज करना भी एलोपैथ की ही तरह महंगा साबित हो रहा है. यहां की किराया, रहना खान-पीना सब कुछ ही बीमारियों की दवा से ज्यादा भारी पड़ता है. बाबा भले ही आयुर्वेद के जरिये इलाज को बढ़ावा देने की बात कह रहे हों, मगर हरिद्वार में उनके यहां के चार्ज से ही ये आम लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है.

Last Updated : May 31, 2021, 8:58 AM IST
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