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निजी टैक्सी कंपनियों पर कसेगा शिकंजा, एग्रीगेटर पॉलिसी के तहत होगी कार्रवाई

ओला, उबर कंपनियों से जुड़े टैक्सी चालकों को एयरपोर्ट, आईएसबीटी और देहरादून रेलवे स्टेशन के आसपास जाने की अनुमति भी नहीं है. बावजूद इसके शहर में धड़ल्ले से इन कंपनियों से जुड़े वाहन दौड़ रहे हैं.

ola and uber services in dehradun
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Published : Sep 28, 2021, 10:10 AM IST

देहरादून: आरटीओ प्रवर्तन जल्द ही निजी वाहन कंपनियों पर शिकंजा कसने जा रहा है. ओला और उबर जैसी परिवहन कंपनियां जिन्होंने राज्य सरकार के साथ एग्रीगेटर पॉलिसी के तहत कोई समझौता नहीं किया है. ऐसे में विभाग इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है. इन कंपनियों द्वारा परिवहन विभाग को निर्धारित शुल्क भी जमा कराया जाता है. वहीं, ओला, उबर कंपनियों से जुड़े टैक्सी चालकों को एयरपोर्ट, आईएसबीटी और देहरादून रेलवे स्टेशन के आसपास जाने की अनुमति भी नहीं है.

बता दें कि ओला, उबर जैसी कंपनियों को राज्य में कहीं भी गाड़ियां संचालित करने का अधिकार नहीं है. वहीं, ये कंपनियां मनमर्जी से राज्य में अपनी सेवाएं दे रही है. जबकि, अगर आप एयरपोर्ट, आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन जाने के लिए ऑनलाइन टैक्सी बुक करते हैं और कंपनी आपको पिकअप के लिए पैदल चलवाते हैं और मनमर्जी का किराया भी वसूलते हैं.

वहीं, स्थानीय ट्रांसपोर्ट या ऑटो-टैक्सी संचालक इन निजी कंपनियों की टैक्सियों को एयरपोर्ट, आईएसबीटी और देहरादून रेलवे स्टेशन के आसपास फटकने ही नहीं देते, क्योंकि इन्होंने राज्य में संचालन की कोई अनुमति नहीं है. बावजूद इसके देहरादून में ही ओला, उबर कंपनियों से जुड़ी 2,000 से अधिक टैक्सियों का संचालन किया जा रहा है. शहर के किसी भी कोने से इन गाड़ियों की बुकिंग कराई जा सकती है.

पढ़ें- युवती को निकाह का झांसा देकर किया दुष्कर्म, मुकदमा दर्ज

आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने बताया कि एग्रीगेटर पॉलिसी के तहत पंजीकरण कराने व निर्धारित शुल्क जमा कराने को लेकर ओला और उबर कंपनियों को कई बार लिखा-पढ़ी की गई, लेकिन अभी तक कंपनियों ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में जल्द ही शहर में जो ओला, उबर से जुड़ी गाड़ियां संचालित की जा रही हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: आरटीओ प्रवर्तन जल्द ही निजी वाहन कंपनियों पर शिकंजा कसने जा रहा है. ओला और उबर जैसी परिवहन कंपनियां जिन्होंने राज्य सरकार के साथ एग्रीगेटर पॉलिसी के तहत कोई समझौता नहीं किया है. ऐसे में विभाग इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है. इन कंपनियों द्वारा परिवहन विभाग को निर्धारित शुल्क भी जमा कराया जाता है. वहीं, ओला, उबर कंपनियों से जुड़े टैक्सी चालकों को एयरपोर्ट, आईएसबीटी और देहरादून रेलवे स्टेशन के आसपास जाने की अनुमति भी नहीं है.

बता दें कि ओला, उबर जैसी कंपनियों को राज्य में कहीं भी गाड़ियां संचालित करने का अधिकार नहीं है. वहीं, ये कंपनियां मनमर्जी से राज्य में अपनी सेवाएं दे रही है. जबकि, अगर आप एयरपोर्ट, आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन जाने के लिए ऑनलाइन टैक्सी बुक करते हैं और कंपनी आपको पिकअप के लिए पैदल चलवाते हैं और मनमर्जी का किराया भी वसूलते हैं.

वहीं, स्थानीय ट्रांसपोर्ट या ऑटो-टैक्सी संचालक इन निजी कंपनियों की टैक्सियों को एयरपोर्ट, आईएसबीटी और देहरादून रेलवे स्टेशन के आसपास फटकने ही नहीं देते, क्योंकि इन्होंने राज्य में संचालन की कोई अनुमति नहीं है. बावजूद इसके देहरादून में ही ओला, उबर कंपनियों से जुड़ी 2,000 से अधिक टैक्सियों का संचालन किया जा रहा है. शहर के किसी भी कोने से इन गाड़ियों की बुकिंग कराई जा सकती है.

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आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने बताया कि एग्रीगेटर पॉलिसी के तहत पंजीकरण कराने व निर्धारित शुल्क जमा कराने को लेकर ओला और उबर कंपनियों को कई बार लिखा-पढ़ी की गई, लेकिन अभी तक कंपनियों ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में जल्द ही शहर में जो ओला, उबर से जुड़ी गाड़ियां संचालित की जा रही हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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