देहरादून: प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी सर्वे (GST survey) और छापेमारी के नाम पर व्यापारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार के हर कदम के साथ व्यापारी वर्ग कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, लेकिन जीएसटी के नाम पर अधिकारी सरकार को गलत जानकारी दे रहे हैं. इस मामले को लेकर व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात करेगा. इसके बाद भी अगर व्यापारियों की मांग पूरी नहीं होती तो उन्हें लामबंद होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.
बीते रोज गुरुवार को प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के सलाहकार समिति की बैठक हुई. बैठक के बाद व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि व्यापारी पहले से ही विभिन्न प्रकार के टैक्स पूरी ईमानदारी के साथ जमा कर रहे हैं लेकिन अब टैक्स संग्रह बढ़ाने के नाम पर व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार हमारे साथ बैठकर वार्ता करे और हम पूरी तरह से सरकार का सहयोग करने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि बाजार में सर्वे छापेमारी के नाम पर जीएसटी अधिकारी के आने से सही काम कर रहे व्यापारी भी दहशत में आ जाते हैं. इससे बाजार से ग्राहक भी भाग जाता है और इसका खामियाजा व्यापारी वर्ग को आर्थिक नुकसान से उठाना पड़ता है. इसके साथ ही टैक्स के रूप में सरकार को भी नुकसान उठाना पड़ता है. अनिल गोयल ने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार इसमें हमारा सहयोग ले और मिल बैठकर चर्चा करें. हम भी सरकार को सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
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व्यापारियों का कहना है कि व्यापारी अपने व्यापार में ₹10 लगाता है तो सरकार को बैठे-बिठाए उस 10 रुपए में 30% का पार्टनर बनाता है. उसके बावजूद सारा भार व्यापारियों के ऊपर डाला जा रहा है. इससे बेहतर यह है कि सरकार हमारे साथ बैठकर वार्ता करे और चर्चा करे कि उसे कैसे ठीक किया जा सकता है?