देहरादून: साल 2023 उत्तराखंड के लिए खुशियों का साल भी रहा. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक खास ट्रेन की शुरुआत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा राजधानी देहरादून से दिल्ली स्थित आनंद विहार रेलवे स्टेशन तक साल 2023 के मई महीने में वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हुई.
वंदे भारत ट्रेन का तोहफा: देश के अलग-अलग हिस्सों में चलने वाली इस विशेष ट्रेन का यह उत्तराखंड की तरफ पहला पड़ाव रहा. भव्य आयोजन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. 29 मई से शुरू हुआ इसका संचालन इसलिए भी खास है क्योंकि राजधानी देहरादून से दिल्ली आनंद विहार तक पहुंचने में अब यात्रियों को सिर्फ 4 घंटे 45 मिनट का वक्त लग रहा है. 302 किलोमीटर की दूरी तय करने में यह ट्रेन केवल पांच स्टेशन पर ही रुकती है. राजधानी देहरादून से चली इस स्पेशल ट्रेन के चलने से साल 2023 में एक नई शुरुआत भी हुई.
आदि कैलाश के लिए खुले द्वार: साल 2023 में ही अक्टूबर महीने की 12 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के लिए एक नई यात्रा की शुरुआत की. आदि कैलाश यात्रा पर अब तक चंद श्रद्धालु ही पहुंचते थे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे के बाद इस यात्रा का नया रास्ता भी तैयार हो रहा है. मतलब कुमाऊं के लिए एक बड़ा धार्मिक स्थल जो पहले से ही मौजूद था, उसको और अब विकसित किया जा रहा है. उत्तराखंड के साथ-साथ कुमाऊं रीजन के लिए पीएम मोदी का साल 2023 का यह दौरा बेहद यादगार रहा.
खास बात यह है आदि कैलाश दौरे के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई तरह के प्रोजेक्ट पर भी मोहर लगाकर उनकी शुरुआत की. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी साल 2023 में बना. जब लगभग साढ़े पांच हजार फीट की ऊंचाई पर 2700 कलाकारों ने छोलिया नृत्य किया. इतने अधिक कलाकारों और इतनी ऊंचाई पर ऐसा पहली बार हुआ. लिहाजा इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया.
उत्तराखंड की झांकी को पहला पुरस्कार: साल 2023 में ही गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तराखंड ने एक और इतिहास रचा. जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लाल किले पर स्थित गणतंत्र दिवस की परेड की सलामी ले रहीं थी, तभी देश के तमाम राज्यों की झांकी का भी लाल किले के सामने प्रस्तुतीकरण किया गया. इस कार्यक्रम में उत्तराखंड की मानस खंड की झांकी ने सभी को पछाड़ते हुए देश में पहला स्थान प्राप्त किया. यह पहली बार है जब उत्तराखंड की झांकी को पहला स्थान मिला. मानस खंड की झांकी में उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल दोनों की छवि दिखाई दे रही थी. उत्तराखंड की झांकी को न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि राष्ट्रपति ने भी बहुत खूबसूरत बताया था.
GI मिलने का बना रिकॉर्ड: साल 2023 जाते-जाते उत्तराखंड को एक और तोहफा देकर के गया. दिसंबर महीने में ही उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य बना, जिसे एक दिन के अंदर ही सबसे ज्यादा यानी 18 उत्पादों के लिए GI टैग प्रमाण पत्र मिला. आप इसकी तुलना ऐसे भी कर सकते हैं कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को मात्र 6 जबकि उत्तराखंड को आठ उत्पादों में यह GI टैग मिला है. जिन उत्पादों को जियोग्राफिकल इंडिकेशन प्रमाण पत्र मिले हैं, उनमें उत्तराखंड की चौलाई, झंगोरा, मंडुआ, लाल चावल, अल्मोड़ा लखौरी मिर्च, बेरीनाग चाय, गहत, काला भट, बिच्छू बूटी फैब्रिक, नैनीताल मोमबत्ती, बुरांस शरबत, रामनगर नैनीताल लीची, रामगढ़ आड़ू, माल्टा, पहाड़ी तोर, कुमाऊंनी रंगवाली पिछोड़ा, चमोली रम्माण मास्क तथा लिखाई वुड कार्विंग शामिल हैं.
चारधाम यात्रा में भक्तों का बना रिकॉर्ड: उत्तराखंड में साल 2013 की आपदा के बाद चारधाम यात्रा हर साल नए रिकॉर्ड कायम कर रही है. लिहाजा साल 2023 में भी इसी यात्रा ने अब तक के अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. नवंबर महीने में चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद जो आंकड़े निकलकर सामने आए, वह बेहद सुखद और यह बताने के लिए काफी हैं कि साल 2023 यात्रा के लिहाज से भी बेहद ऐतिहासिक रहा. इस बार की चारधाम यात्रा के दौरान लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. इसमें सबसे अधिक दर्शन 19.07 लाख यात्रियों ने भगवान केदारनाथ के किए. बदरीनाथ में यह आंकड़ा 17.18 लाख यात्रियों का रहा. यमुनोत्री धाम में भी 7 लाख से अधिक श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए पहुंचे. गंगोत्री धाम में लगभग 9 लाख श्रद्धालुओं ने माथा टेका. हेमकुंड साहिब में 177,000 से ज्यादा श्रद्धालु अरदास के लिए पहुंचे.
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