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चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत पर सरकार ने जताई चिंता, यात्रियों को आराम करने की सलाह

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. जिसे संभाल पाना सरकार के बस से बाहर हो गया है. यही कारण है कि वहां फैला अव्यवस्थाएं श्रद्धालुओं के जीवन पर भारी पड़ रही है. जिस वजह से अभीतक 112 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने श्रद्धालुओं से अपील की है वे यात्रा के दौरान विश्राम जरूर करें. एक बार में लंबी चढ़ाई न चढ़े.

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Published : May 30, 2022, 8:56 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम में 112 तीर्थयात्रियों की मौत ने सरकार के सारे दावों की हवा निकाल दी है. हालांकि सरकार में कुछ सख्त कदम भी उठाए हैं, ताकि चारधाम में तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और बीमार तीर्थयात्रियों को समय से इलाज मुहैया कराकर उनकी जान बचाई जा सकें. वहीं, सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने श्रद्धालुओं से अपील की है वे यात्रा के दौरान विश्राम जरूर करें. एक बार में लंबी चढ़ाई न चढ़े.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार को श्रद्धालुओं की चिंता है. इसीलिए उनसे बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि चारधाम की यात्रा पर आने से पहले से अपना स्वास्थ्य का परीक्षण कराए और डॉक्टर से जरूर सलाह लें. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि देखने में आ रहा है कि गर्म इलाकों से आने वाले पर्यटक सीधे चारधाम यात्रा में पहुंच जाते हैं, जिससे अचानक उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है.

पढ़ें- Chardham Yatra: 12 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने टेका मत्था, अब तक 112 यात्रियों की मौत

उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह करते हुए कहा कि यात्रा में रुकते-रुकते जाएं. ताकि उनका शरीर वहां के तापमान के हिसाब से एडजस्ट हो जाए. एक बड़ी समस्या है कि सब लोग दौड़ना चाहते हैं, लेकिन लोगों को यात्रा में आने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श लेते हुए एग्जामिनेशन कराना चाहिए और यदि किसी को कोई बीमारी है तो डॉक्टर को जरूर बताएं.

वहीं, केदारनाथ में घोड़ों और खच्चरों की हो रही मौतों पर कहा कि सरकार ने इस मामले में बहुत सख्ती से निर्णय लिया है. उन्होंने जानवरों की मौतों को खेद व्यक्त किया है और कहा कि घोड़ों-खच्चरों को घास खाने के बाद उसे पचाने के लिए 3 घंटे आराम करना पड़ता है. यदि जानवरों को तत्काल चढ़ाई पर चढ़ाया जाएगा, तो पेट में प्रेशर पड़ने से कॉलिक की वजह से उनकी मौत हो जाती है. सतपाल महाराज ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने पशुपालन मंत्री से भी वार्ता की है.

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम में 112 तीर्थयात्रियों की मौत ने सरकार के सारे दावों की हवा निकाल दी है. हालांकि सरकार में कुछ सख्त कदम भी उठाए हैं, ताकि चारधाम में तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और बीमार तीर्थयात्रियों को समय से इलाज मुहैया कराकर उनकी जान बचाई जा सकें. वहीं, सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने श्रद्धालुओं से अपील की है वे यात्रा के दौरान विश्राम जरूर करें. एक बार में लंबी चढ़ाई न चढ़े.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार को श्रद्धालुओं की चिंता है. इसीलिए उनसे बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि चारधाम की यात्रा पर आने से पहले से अपना स्वास्थ्य का परीक्षण कराए और डॉक्टर से जरूर सलाह लें. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि देखने में आ रहा है कि गर्म इलाकों से आने वाले पर्यटक सीधे चारधाम यात्रा में पहुंच जाते हैं, जिससे अचानक उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है.

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उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह करते हुए कहा कि यात्रा में रुकते-रुकते जाएं. ताकि उनका शरीर वहां के तापमान के हिसाब से एडजस्ट हो जाए. एक बड़ी समस्या है कि सब लोग दौड़ना चाहते हैं, लेकिन लोगों को यात्रा में आने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श लेते हुए एग्जामिनेशन कराना चाहिए और यदि किसी को कोई बीमारी है तो डॉक्टर को जरूर बताएं.

वहीं, केदारनाथ में घोड़ों और खच्चरों की हो रही मौतों पर कहा कि सरकार ने इस मामले में बहुत सख्ती से निर्णय लिया है. उन्होंने जानवरों की मौतों को खेद व्यक्त किया है और कहा कि घोड़ों-खच्चरों को घास खाने के बाद उसे पचाने के लिए 3 घंटे आराम करना पड़ता है. यदि जानवरों को तत्काल चढ़ाई पर चढ़ाया जाएगा, तो पेट में प्रेशर पड़ने से कॉलिक की वजह से उनकी मौत हो जाती है. सतपाल महाराज ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने पशुपालन मंत्री से भी वार्ता की है.

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