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होम स्टे योजना से पलायन को मात देने में जुटा पर्यटन विभाग, जानिए क्या है योजना में खास - dehradun samachar

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि स्वरोजगार योजनाओं में उद्यमियों को आकर्षक सब्सिडी एवं ऋण का प्रावधान किया गया है. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में किसी भी प्रकार के पर्यटन से संबंधित उद्यम लगाने पर मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत और पर्वतीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत ऋण सब्सिडी का प्रावधान है. जबकि पर्यटक वाहन खरीदने की दशा में मैदान और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 प्रतिशत की सब्सिडी का प्रावधान है.

पर्यटन विभाग, उत्तराखंड
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Published : Nov 24, 2019, 2:08 PM IST

Updated : Nov 24, 2019, 3:09 PM IST

देहरादून: प्रदेश सरकार सूबे में होम स्टे को बढ़ावा दे रही है. पर्यटन विभाग द्वारा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और दीनदयाल होम स्टे योजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कमर कस चुकी है. इसी कड़ी में राज्य के सभी जनपदों के विभिन्न स्थानों पर होम स्टे योजना से जुड़े जागरुकता शिविर लगाए जाएंगे. पर्यटन विभाग के अनुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा शिविर लगाकर स्थानीय लोगों को इन योजनाओं के बारे में बारीकी से जानकारी दी जाएगी.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि विभागीय अधिकारी शिविर लगाकर स्थानीय लोगों को योजनाओं के बारे में जागरुक करें. शिविर में पर्यटन विभाग और बैंक के प्रतिनिधि, लाभार्थियों को योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी देंगें. जिससे वे अपने मकान को होम स्टे के रूप में पंजीकृत करा सकें.

पर्यटन सचिव ने बताया कि दोनों ही स्वरोजगार योजनाओं में उद्यमियों को आकर्षक सब्सिडी एवं ऋण का प्रावधान किया गया है. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में किसी भी प्रकार के पर्यटन से संबंधित उद्यम लगाने पर मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत और पर्वतीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत की ऋण सब्सिडी मुहैया कराई जाती है. वहीं, पर्यटक वाहन खरीदने की दशा में मैदानों और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है.

होम स्टे योजना से पलायन को मात देने में जुटा पर्यटन विभाग

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पर्यटन सचिव ने कहा कि अगर एक क्षेत्र विशेष में 6 या 6 से अधिक होम स्टे पंजीकृत होते हैं तो सरकार सड़क, बिजली, पानी, पार्क आदि का कार्य करवाते हुए इसे क्लस्टर के रूप में विकसित करेगी. इस दौरान पर्यटन सचिव ने लोगों से अपील की है कि वे अपने गांव वापस लौट कर सरकार की इस योजना का लाभ उठाएं.

देहरादून: प्रदेश सरकार सूबे में होम स्टे को बढ़ावा दे रही है. पर्यटन विभाग द्वारा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और दीनदयाल होम स्टे योजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कमर कस चुकी है. इसी कड़ी में राज्य के सभी जनपदों के विभिन्न स्थानों पर होम स्टे योजना से जुड़े जागरुकता शिविर लगाए जाएंगे. पर्यटन विभाग के अनुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा शिविर लगाकर स्थानीय लोगों को इन योजनाओं के बारे में बारीकी से जानकारी दी जाएगी.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि विभागीय अधिकारी शिविर लगाकर स्थानीय लोगों को योजनाओं के बारे में जागरुक करें. शिविर में पर्यटन विभाग और बैंक के प्रतिनिधि, लाभार्थियों को योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी देंगें. जिससे वे अपने मकान को होम स्टे के रूप में पंजीकृत करा सकें.

पर्यटन सचिव ने बताया कि दोनों ही स्वरोजगार योजनाओं में उद्यमियों को आकर्षक सब्सिडी एवं ऋण का प्रावधान किया गया है. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में किसी भी प्रकार के पर्यटन से संबंधित उद्यम लगाने पर मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत और पर्वतीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत की ऋण सब्सिडी मुहैया कराई जाती है. वहीं, पर्यटक वाहन खरीदने की दशा में मैदानों और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है.

होम स्टे योजना से पलायन को मात देने में जुटा पर्यटन विभाग

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पर्यटन सचिव ने कहा कि अगर एक क्षेत्र विशेष में 6 या 6 से अधिक होम स्टे पंजीकृत होते हैं तो सरकार सड़क, बिजली, पानी, पार्क आदि का कार्य करवाते हुए इसे क्लस्टर के रूप में विकसित करेगी. इस दौरान पर्यटन सचिव ने लोगों से अपील की है कि वे अपने गांव वापस लौट कर सरकार की इस योजना का लाभ उठाएं.

Intro:पर्यटन विभाग, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और दीनदयाल होमस्टे योजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर राज्य के सभी जनपदों के विभिन्न स्थानों पर होमस्टे योजना से जुड़े जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। पर्यटन विभाग के अनुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा शिविर लगाकर स्थानीय लोगों को इन योजनाओं के विषय में बारीकी से जानकारी दी जाएगी। 


Body:प्रदेश के ग्रामीण लोगों को इस योजना की अधिकतम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए शिविर लगाए जाने को लेकर पर्यटन सचिव ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए है। इन शिविरों में पर्यटन विभाग और बैंक के प्रतिनिधि, लाभार्थियों को योजना से संबंधित औपचारिकताओं तथा उन्हें सरलता पूर्वक पूरा करने संबंधी विस्तृत जानकारी देंगे कि जो भी अपने मकान को होमस्टे के रूप में पंजीकृत करवा सकते हैं तथा इसे पर्यटक आवास के रूप प्रयोग में ला सकते हैं।


पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि दोनों ही स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत उद्यमियों को आकर्षक सब्सिडी एवं ऋण का प्रावधान किया गया है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में किसी भी प्रकार के पर्यटन से संबंधित उद्यम लगाने पर मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत और पर्वतीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत की ऋण सब्सिडी मुहैया कराई जाती है। जबकि पर्यटक वाहन खरीदने की दशा में मैदानों और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।





Conclusion:साथ ही बताया कि अगर एक क्षेत्र विशेष में 6 या 6 अधिक होमस्टे पंजीकृत होते हैं तो सरकार सड़क, बिजली, पानी, पार्क  आदि अवस्थापना कार्य करवाते हुए इसे क्लस्टर के रूप में विकसित करेगी और इसका राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर  पर प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। यही नही लोगो से अपील किया कि वो अपने गांव वापस लौट कर सरकार की इस योजना का लाभ उठाये अपने पैतृक आवासों तथा  छानियों का पुनरुद्धार करें और उन्हें होमस्टे के रूप में संचालित करें। जिससे एक बार फिर गांव अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकेंगे।
Last Updated : Nov 24, 2019, 3:09 PM IST
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