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उत्तराखंड में कोई भी राज्यपाल पूरा नहीं कर सका कार्यकाल, ऐसा रहा इतिहास

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आज इस्तीफा दे दिया है. उत्तराखंड में राज्य निर्माण से लेकर अब तक कोई भी राज्यपाल अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है. अब तक प्रदेश को 7 राज्यपाल मिल चुके हैं.

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उत्तराखंड में कोई भी राज्यपाल पूरा नहीं कर सका कार्यकाल
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Published : Sep 8, 2021, 5:58 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 10:37 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति की तरह ही अभी तक राज्यपाल का कार्यकाल भी खंडित ही रहा है. साल 2018 में बेबी रानी मौर्य ने राज्य के सातवें राज्यपाल के रूप में पदभार ग्रहण किया था, जो अपना तय कार्यकाल पूरा करने से पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं. राज्य बनने से लेकर अब तक उत्तराखंड में सात राज्यपाल बने हैं. इन सभी ने उत्तराखंड को देश में अलग पहचान भी दिलाई.

देश के अन्य राज्यों से इतर इस छोटे नए राज्य ने सर्वधर्म संंभाव की मिसाल पेश की है. यहां का राजभवन उसका गवाह बना है. यहां बारी-बारी हिंदू, सिख, ईसाई और मुस्लिम राज्यपाल रहे हैं. 21 साल के उत्तराखंड को अब तक सात राज्यपाल मिल चुके हैं. पहले राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला यहां करीब सवा दो साल रहे. उसके बाद वे तमिलनाडु के राज्यपाल बने.

दूसरे राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल ने सर्वाधिक करीब चार साल नौ महीने का कार्यकाल पूरा किया. उसके बाद उन्हें सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया. दिल्ली के उपराज्यपाल का कार्यकाल पूरा कर आए बीएल जोशी उत्तराखंड में एक साल दस महीने ही रहे. यहां से उन्हें यूपी भेजा गया. मार्ग्रेट अल्वा भी उत्तराखंड के राज्यपाल के तौर पर एक साल दस महीने ही यहां रहीं.

पढ़ें- नैनीताल को 100 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात, कैंची धाम में बढ़ेंगी सुविधाएं


उनके बिना कार्यकाल पूरा किए राजस्थान जाने के बाद ही डॉ. अजीज कुरैशी ने उनकी जगह ली थी. डॉ. अजीज कुरैशी भी अपना 5 साल का कार्यकाल उत्तराखंड में पूरा नहीं कर पाए. 2 साल 8 महीने के बाद कृष्णकांत पॉल ने राज्य के छठवें राज्यपाल के रूप में कमान संभाली. 3 साल 7 महीने तक केके पॉल ने उत्तराखंड में बतौर राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दीं. इसके बाद 2018 में बेबी रानी मौर्य को राज्यपाल की कमान दी गयी. जिन्होंने 3 का कार्यकाल पूरा होने के बाद 8 सितंबर को अपना इस्तीफा दे दिया.

पढ़ें- राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिया इस्तीफा, जानिए इन 3 सालों में क्या कुछ रही उपलब्धियां


राज्य गठन के बाद अभी तक राज्यपालों का कार्यकाल

  • राज्य गठन के बाद पहले राज्यपाल के रूप में सुरजीत सिंह बरनाला ने 9 नवम्बर 2000 को शपथ ली. 7 जनवरी 2003 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के दूसरे राज्यपाल के रूप में सुदर्शन अग्रवाल ने 8 जनवरी 2003 को शपथ ली. 28 अक्टूबर 2007 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के तीसरे राज्यपाल के रूप में बनवारी लाल जोशी ने 29 अक्टूबर 2007 को शपथ ली. वे 5 अगस्त 2009 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के चौथे राज्यपाल के रूप में मार्ग्रेट अल्वा ने 6 अगस्त 2009 को शपथ ली. वे 14 मई 2012 तक उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं.
  • उत्तराखंड के पांचवें राज्यपाल के रूप में डा. अजीज कुरैशी ने 15 मई 2012 को शपथ ली. वे 7 जनवरी 2015 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के छठवें राज्यपाल के रूप में कृष्ण कांत पॉल ने 8 जनवरी 2015 को शपथ ली. वे 25 अगस्त 2018 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त 2018 को शपथ ली. 8 सितंबर 2021 तक वे उत्तराखंड की राज्यपाल रही.

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति की तरह ही अभी तक राज्यपाल का कार्यकाल भी खंडित ही रहा है. साल 2018 में बेबी रानी मौर्य ने राज्य के सातवें राज्यपाल के रूप में पदभार ग्रहण किया था, जो अपना तय कार्यकाल पूरा करने से पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं. राज्य बनने से लेकर अब तक उत्तराखंड में सात राज्यपाल बने हैं. इन सभी ने उत्तराखंड को देश में अलग पहचान भी दिलाई.

देश के अन्य राज्यों से इतर इस छोटे नए राज्य ने सर्वधर्म संंभाव की मिसाल पेश की है. यहां का राजभवन उसका गवाह बना है. यहां बारी-बारी हिंदू, सिख, ईसाई और मुस्लिम राज्यपाल रहे हैं. 21 साल के उत्तराखंड को अब तक सात राज्यपाल मिल चुके हैं. पहले राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला यहां करीब सवा दो साल रहे. उसके बाद वे तमिलनाडु के राज्यपाल बने.

दूसरे राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल ने सर्वाधिक करीब चार साल नौ महीने का कार्यकाल पूरा किया. उसके बाद उन्हें सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया. दिल्ली के उपराज्यपाल का कार्यकाल पूरा कर आए बीएल जोशी उत्तराखंड में एक साल दस महीने ही रहे. यहां से उन्हें यूपी भेजा गया. मार्ग्रेट अल्वा भी उत्तराखंड के राज्यपाल के तौर पर एक साल दस महीने ही यहां रहीं.

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उनके बिना कार्यकाल पूरा किए राजस्थान जाने के बाद ही डॉ. अजीज कुरैशी ने उनकी जगह ली थी. डॉ. अजीज कुरैशी भी अपना 5 साल का कार्यकाल उत्तराखंड में पूरा नहीं कर पाए. 2 साल 8 महीने के बाद कृष्णकांत पॉल ने राज्य के छठवें राज्यपाल के रूप में कमान संभाली. 3 साल 7 महीने तक केके पॉल ने उत्तराखंड में बतौर राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दीं. इसके बाद 2018 में बेबी रानी मौर्य को राज्यपाल की कमान दी गयी. जिन्होंने 3 का कार्यकाल पूरा होने के बाद 8 सितंबर को अपना इस्तीफा दे दिया.

पढ़ें- राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिया इस्तीफा, जानिए इन 3 सालों में क्या कुछ रही उपलब्धियां


राज्य गठन के बाद अभी तक राज्यपालों का कार्यकाल

  • राज्य गठन के बाद पहले राज्यपाल के रूप में सुरजीत सिंह बरनाला ने 9 नवम्बर 2000 को शपथ ली. 7 जनवरी 2003 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के दूसरे राज्यपाल के रूप में सुदर्शन अग्रवाल ने 8 जनवरी 2003 को शपथ ली. 28 अक्टूबर 2007 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के तीसरे राज्यपाल के रूप में बनवारी लाल जोशी ने 29 अक्टूबर 2007 को शपथ ली. वे 5 अगस्त 2009 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के चौथे राज्यपाल के रूप में मार्ग्रेट अल्वा ने 6 अगस्त 2009 को शपथ ली. वे 14 मई 2012 तक उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं.
  • उत्तराखंड के पांचवें राज्यपाल के रूप में डा. अजीज कुरैशी ने 15 मई 2012 को शपथ ली. वे 7 जनवरी 2015 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के छठवें राज्यपाल के रूप में कृष्ण कांत पॉल ने 8 जनवरी 2015 को शपथ ली. वे 25 अगस्त 2018 तक उत्तराखंड के राज्यपाल रहे.
  • उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त 2018 को शपथ ली. 8 सितंबर 2021 तक वे उत्तराखंड की राज्यपाल रही.
Last Updated : Sep 8, 2021, 10:37 PM IST
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