देहरादून: कांग्रेस हाईकमान का आशीर्वाद लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत जिस जोश के साथ दिल्ली से लौटे हैं, उससे तो साफ लग रहा है कि टिकट बंटवारों में हरीश रावत गुट को तवज्जो दी जाएगी. हरीश रावत उत्तराखंड कांग्रेस (Uttarakhand congress) चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष भी हैं.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (Uttarakhand assembly elections 2022) नजदीक आते ही सबकी नजर टिकट बंटवारे पर होगी. प्रदेश कांग्रेस में फिलहाल हरीश रावत को नेतृत्व सौंपने के बाद टिकट के निर्णय को लेकर स्थितियां काफी बदली हुई रहेंगी. राज्य में हरीश रावत गुट के हाथों में प्रदेश की अधिकतर सीटों पर टिकट बंटवारे की पावर रहेगी, लिहाजा राज्य भर में अधिकतर प्रत्याशी हरीश रावत खेमे से ही होना तय है. हालांकि टिकट को लेकर बदले हुए समीकरणों के कारण ऐसे कई नए राजनीतिक समीकरण हैं, जो आने वाले दिनों में कांग्रेस के भीतर दिखाई देंगे.
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हालांकि इन सबसे हटकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कहते हैं कि नेतृत्व भले ही हरीश रावत को मिल गया हो, लेकिन सभी से बातचीत करने के बाद उन्हीं दावेदारों को प्रत्याशी बनाया जाएगा जो पार्टी की गाइडलाइन को पूरा करेंगे.
वैसे तो पार्टी के नेता ही कई बार साफ कर चुके हैं कि राज्य में जिन लोगों को प्रत्याशी बनाया जाएगा, उन्हें जांचा परखा जाएगा. लेकिन हकीकत यह है कि इस बार कांग्रेस से टिकट पाने के लिए आपका जिताऊ होने के साथ ही हरीश रावत खेमे का होना भी काफी हद तक जरूरी है. हालांकि सभी सीटों पर ऐसा नहीं होगा. बस यही बात है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के भीतर बड़ा घमासान मच सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि हरीश रावत गुट अपने करीबियों को ज्यादा से ज्यादा टिकट देने की कोशिश करेगा और प्रीतम गुट की पूरी कोशिश होगी की हरीश खेमे के बढ़ते कदम रोके जाए. ये वजह भी पार्टी में बड़ा टकराव का कारण बनेगी.
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टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में जो समीकरण बदलते हुए दिख रहे हैं, उससे एक तरफ जहां हरीश गुट के नेता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. वहीं प्रीतम खेमा थोड़ा मायूस दिख रहा है. वहीं बीजेपी भी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिहाज से विपक्षियों पर नजर बनाए हुए है.
कांग्रेस के बदले समीकरण को लेकर बीजेपी के नेताओं का मानना है कि हरीश रावत की महत्वाकांक्षा बेहद ज्यादा बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. कभी वह खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के लिए कहते हैं तो कभी खुद के बेटे और बेटी को विधायक बनाने की कोशिश में दिखते हैं. उनके इसी महत्वाकांक्षा के कारण पार्टी में सब कुछ बिगड़ रहा है.