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खबर पर मुहर: दून लूटकांड की विभागीय जांच में तीनों पुलिसकर्मी दोषी करार, बर्खास्तगी के आदेश जल्द

ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लगी है. लूटकांड मामले के आरोपी तीन पुलिसकर्मी विभागीय जांच में दोषी करार हुए हैं. अब उन पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है.

police robbery case
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय
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Published : Aug 8, 2020, 4:44 PM IST

Updated : Aug 8, 2020, 5:07 PM IST

देहरादूनः एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लगी है. साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों की लूट मामले में तीन पुलिसकर्मी विभागीय जांच में दोषी पाए गये हैं. तीनों पर अब बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है. तीनों पुलिसकर्मी फिलहाल निलंबित चल रहे हैं. ईटीवी भारत ने इस बहुचर्चित मामले में कड़ी दर कड़ी खबरें पाठकों तक पहुंचाई हैं. अब तीनों पुलिसकर्मियों के दोषी करार होने के बाद ईटीवी भारत की खबर पर फिर मुहर लगी है.

उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में ये पहला मामला है, जब सीधे तौर पर खाकी पर ही इस तरह के गंभीर आपराधिक मामले में विभागीय कार्रवाई हुई. इस मामले में देहरादून एसएसपी ऑफिस से जांच की गई थी. विश्वसनीय सूत्रों से पता लगा है कि अब मुख्यालय की ओर से तीनों की बर्खास्तगी की कार्रवाई चल रही है.

पढ़ेंः देहरादून पुलिस लूटकांड: सेमी ज्यूडिशियल टीम ने पूरी की जांज, आरोपी पुलिसकर्मी हो सकते हैं बर्खास्त

जानिए पूरा मामला परत दर परत

मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सामने आया था. उत्तराखंड निर्वाचन आयोग की स्टेटिक टीम बनकर चेकिंग के नाम पर सब इंस्पेक्टर दिनेश नेगी, कांस्टेबल मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय ने गढ़वाल आईजी की गाड़ी इस्तेमाल करके करोड़ों की लूटकांड को अंजाम दिया था. उस वक्त ये बात भी सामने आई थी कि इस घटना में कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा ने पुलिसकर्मियों का साथ दिया था.

घटना के बाद पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर की तहरीर के आधार पर थाना डालनवाला में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद तीनों ही पुलिसकर्मियों सहित कांग्रेसी नेता को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. हालांकि, कुछ समय बाद बारी-बारी कर कांग्रेसी नेता सहित चारों आरोपियों को जमानत मिल गई.

पढ़ेंः पुलिस लूटकांड: STF ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, बढ़ सकती है मुश्किल

उधर, मामले की गंभीरता देखते हुए इस केस को एसटीएफ के हवाले किया गया. एसटीएफ ने लूटकांड के आरोपी लोगों से पूछताछ कर घटना से जुड़े सबूत जुटाने का प्रयास किया. हालांकि, इस मामले में एसटीएफ भी लूट की रकम बरामद करने में कामयाब नहीं हो पाई लेकिन घटना से जुड़ा सीसीटीवी व अन्य तथ्य जरूर सामने आये.

पढ़ेंः दून पुलिस लूटकांड: 48 घंटे की पुलिस रिमांड पर कांग्रेसी नेता समेत चारों आरोपी, एसटीएफ को मिली कई जानकारी

घटना के बाद से तीनों पुलिसकर्मी निलंबित चल रहे हैं और उनके खिलाफ लंबे समय से विभागीय कार्रवाई देहरादून एसएसपी कार्यालय स्तर पर चल रही है. ऐसे में अंतर विभागीय जांच में तीनों ही पुलिसकर्मी दोषी करार हुए हैं. अब किसी भी वक्त उनकी बर्खास्तगी के आदेश सामने आ सकते हैं. हालांकि अभी दोषी करार दिए गए पुलिस कर्मियों के खिलाफ किसी भी तरह की विभागीय कार्रवाई के विषय में कोई भी पुलिस अधिकारी खुलकर सामने नहीं आ रहा है.

देहरादूनः एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लगी है. साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों की लूट मामले में तीन पुलिसकर्मी विभागीय जांच में दोषी पाए गये हैं. तीनों पर अब बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है. तीनों पुलिसकर्मी फिलहाल निलंबित चल रहे हैं. ईटीवी भारत ने इस बहुचर्चित मामले में कड़ी दर कड़ी खबरें पाठकों तक पहुंचाई हैं. अब तीनों पुलिसकर्मियों के दोषी करार होने के बाद ईटीवी भारत की खबर पर फिर मुहर लगी है.

उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में ये पहला मामला है, जब सीधे तौर पर खाकी पर ही इस तरह के गंभीर आपराधिक मामले में विभागीय कार्रवाई हुई. इस मामले में देहरादून एसएसपी ऑफिस से जांच की गई थी. विश्वसनीय सूत्रों से पता लगा है कि अब मुख्यालय की ओर से तीनों की बर्खास्तगी की कार्रवाई चल रही है.

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मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सामने आया था. उत्तराखंड निर्वाचन आयोग की स्टेटिक टीम बनकर चेकिंग के नाम पर सब इंस्पेक्टर दिनेश नेगी, कांस्टेबल मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय ने गढ़वाल आईजी की गाड़ी इस्तेमाल करके करोड़ों की लूटकांड को अंजाम दिया था. उस वक्त ये बात भी सामने आई थी कि इस घटना में कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा ने पुलिसकर्मियों का साथ दिया था.

घटना के बाद पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर की तहरीर के आधार पर थाना डालनवाला में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद तीनों ही पुलिसकर्मियों सहित कांग्रेसी नेता को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. हालांकि, कुछ समय बाद बारी-बारी कर कांग्रेसी नेता सहित चारों आरोपियों को जमानत मिल गई.

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उधर, मामले की गंभीरता देखते हुए इस केस को एसटीएफ के हवाले किया गया. एसटीएफ ने लूटकांड के आरोपी लोगों से पूछताछ कर घटना से जुड़े सबूत जुटाने का प्रयास किया. हालांकि, इस मामले में एसटीएफ भी लूट की रकम बरामद करने में कामयाब नहीं हो पाई लेकिन घटना से जुड़ा सीसीटीवी व अन्य तथ्य जरूर सामने आये.

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घटना के बाद से तीनों पुलिसकर्मी निलंबित चल रहे हैं और उनके खिलाफ लंबे समय से विभागीय कार्रवाई देहरादून एसएसपी कार्यालय स्तर पर चल रही है. ऐसे में अंतर विभागीय जांच में तीनों ही पुलिसकर्मी दोषी करार हुए हैं. अब किसी भी वक्त उनकी बर्खास्तगी के आदेश सामने आ सकते हैं. हालांकि अभी दोषी करार दिए गए पुलिस कर्मियों के खिलाफ किसी भी तरह की विभागीय कार्रवाई के विषय में कोई भी पुलिस अधिकारी खुलकर सामने नहीं आ रहा है.

Last Updated : Aug 8, 2020, 5:07 PM IST
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