देहरादून: आरक्षण के खिलाफ लड़ रहे अलग-अलग राज्यों के कर्मचारी नेता 24 नवंबर को देहरादून में सेमिनार में जुटेंगे. इस सेमिनार में बाहरी राज्यों के करीब 5 हज़ार कर्मचारियों के आने की उम्मीद की जा रही है. अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले होने वाले इस कार्यक्रम में आरक्षण के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी. साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन का नेतृत्व करने वाली नई टीम का ऐलान भी किया जा सकता है. कार्यक्रम में देश भर करीब 250 प्रतिनिधि हिस्सा लेने वाले हैं. साथ ही एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारी नेताओं की अलग से भागीदारी होगी.
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य देशभर में आरक्षण के खिलाफ चल रही अलग-अलग संघर्षों को एक मंच पर लाकर बड़े आंदोलन में तब्दील करना है. साथ ही दूसरा उद्देश्य केंद्र पर आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त कराने का है. भारत के संविधान में आरक्षण की व्यवस्था 10 साल के लिए की गई थी, 25 जनवरी 2020 को आरक्षण के 10 साल पूरे होने जा रहे हैं. इससे पहले मंच के तहत देशभर की कर्मचारी, केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे कि वह आरक्षण की व्यवस्था को जारी न रखें. सेमिनार में इसके लिए भी रणनीति तैयार की जाएगी.
पढ़ेंः आधुनिक तहसील पर शासन की रोक, जनता में छायी मायूसी
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्प्लाइज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले एक राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है. सम्मेलन को लेकर तमाम जनरल और ओबीसी कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है. कार्यक्रम 24 नवंबर को होगा और इस सम्मेलन में देश और राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. उम्मीद है कि इस सम्मेलन में करीब 5 हज़ार कर्मचारी भागीदारी करेंगे. सम्मेलन करने का मुख्य उद्देश्य आरक्षण और पदोन्नति आरक्षण को एक मंच पर लाकर एक बड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया जाएगा. साथ ही अदालतों में चल रहे मामलों में आरक्षण के खिलाफ मंथन करके समस्त कर्मचारियों से सहयोग का आह्वान किया जाएगा.