देहरादून: राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया हुआ है. जिसका असर अस्पताल की व्यवस्थाओं पर देखने को मिला. बहिष्कार के तीसरे दिन प्रांतीय रक्षक दल और उपनल कर्मियों ने अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन करके अपना विरोध जताया, लेकिन अस्पताल परिसर में मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए दून अस्पताल प्रबंधन ने आउटसोर्सिंग कर्मियों को शाम तक पुराने परिसर को खाली करने समय दिया गया. जिसके बाद कर्मचारियों ने परिसर से धरना समाप्त कर दिया.
दरअसल, अस्पताल परिसर में मरीजों को कोई परेशानी न हो उसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने आंदोलनरत पीआरडी कर्मियों को शाम चार बजे तक परिसर को खाली करने को कहा था. जिसके बाद आउटसोर्सिंग कर्मियों ने परिसर से धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दिया. अपनी मांगों को लेकर देर शाम आउटसोर्सिंग कर्मियों के प्रतिनिधि मंडल ने दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना से मुलाकात की. लेकिन वार्ता का कोई परिणाम नहीं निकलने पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने शुक्रवार से नए ओपीडी ब्लॉक के सामने धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
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दरअसल आउटसोर्सिंग एजेंसी से लिए गए कर्मचारियों से सरकार ने कोरोना काल के दौरान सेवाएं लीं. अनुबंध समाप्त होने के बाद इन कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. ऐसे में प्रांतीय रक्षक दल और उपनल से जुड़े कर्मचारी अनुबंध बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. कर्मचारियों का कहना है कि एक तरफ सरकार कोरोना के दौरान सेवा करने वालों को कोरोना योद्धा का दर्जा देती है तो वहीं दूसरी तरफ हमें नौकरी से निकाला जा रहा है.
कर्मचारियों ने डीएम पिथौरागढ़ को सौंपा ज्ञापन
पिथौरागढ़: कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग को सेवाएं दे रहे कर्मचारियों का अनुबंध इस महीने खत्म होने जा रहा है. जिससे नाराज कर्मचारियों ने पिथौरागढ़ डीएम ऑफिस में प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोरोना संकट के दौर में अपनी सेवाएं दी थीं. लेकिन अब विभाग उन्हें हटा रहा है. जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग को सेवाएं दे रहे कर्मचारियों ने सेवा विस्तार की मांग को लेकर डीएम पिथौरागढ़ को ज्ञापन सौंपा. कर्मचारियों का कहना है कि उनका अनुबंध 28 फरवरी को खत्म होने वाले है जिसके बाद उनका भविष्य अधर में लटक जाएगा. कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना काल के दौरान उन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना कोरोना मरीजों की सेवा करने का काम किया. मगर अब स्वास्थ्य विभाग उन्हें कार्यमुक्त कर रहा है. कर्मचारियों ने मांग की है कि उनकी पिछली सेवाओं को देखते हुए अनुबंध को विस्तारित किया जाए. गौरतलब है कि पिथौरागढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से बचाव के लिए पिछले साल अक्टूबर में 4 माह के अनुबंध पर कर्मचारियों की नियुक्ति की थी. इनमें टेक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर, वार्ड बॉय, स्टाफ नर्स, पर्यावरण मित्र और वाहन चालक शामिल किए गए थे.