देहरादूनः सीएम तीरथ सिंह रावत को अगले 3 महीने में चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचना जरूरी है. सितंबर महीने तक की डेडलाइन के बावजूद प्रदेश में अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि सीएम तीरथ आखिरकार किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. सल्ट विधानसभा चुनाव पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा से पहले विपक्ष भी मुख्यमंत्री को इस सीट पर लड़ने के लिए ललकार रहा था. राजनीतिक रूप से इस पर कई समीकरण भी देखे गए थे. लेकिन इस सीट पर विधायक रहे स्व. सुरेंद्र सिंह जीना के भाई को टिकट देकर भाजपा ने यह तय कर दिया कि तीरथ सिंह रावत किसी सुरक्षित सीट पर ही चुनाव लड़ेंगे.
उत्तरकाशी, पौड़ी जिले पर नजर!
फिलहाल मुख्यमंत्री के उत्तरकाशी दौरे से चर्चाएं गर्म हैं. चर्चा ये है कि वह गंगोत्री सीट से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. उधर जानकार कहते हैं कि सीएम तीरथ अपने गृह जनपद पौड़ी की ही किसी सीट पर चुनाव लड़ने का अंतिम फैसला करेंगे. हालांकि इन तमाम बयानबाजी और कयासबाजी के बीच कांग्रेस का अपना एक तीसरा ही तर्क है.
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कांग्रेस का तर्क
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि कांग्रेस हर सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. लेकिन उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत चुनाव नहीं लड़ेंगे. बल्कि भाजपा सरकार तय समय से पहले ही विधानसभा भंग कर देगी.
भाजपा की रणनीति
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को चुनाव लड़ाने के मामले पर भाजपा फिलहाल जल्दबाजी नहीं करना चाहती. दरअसल उत्तराखंड में कई दिग्गज पहले भी नई सीट चुनकर हार का मुंह देख चुके हैं. लिहाजा सोच समझकर ही मुख्यमंत्री सीट का चयन करेंगे. सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि मुख्यमंत्री को लेकर लोगों का बहुमत सरकार के प्रति होता है.