देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में आखिरकार वन मुखिया (हॉफ) को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है. बुधवार को आईएफएस अफसर विनोद सिंघल ने वन विभाग के मुखिया का चार्ज संभाल लिया है. विनोद सिंघल को चार्ज देने के बाद राजीव भरतरी जैव विविधता बोर्ड की जिम्मेदारी संभालेंगे. इसी के साथ पिछले कई दिनों से वन विभाग में चल रही रस्साकशी फिलहाल खत्म हो गई है.
उत्तराखंड में वन विभाग के लिए वन मुखिया के तौर पर दो अधिकारियों के बीच चल रही लड़ाई फिलहाल थमती हुई नजर आ रही है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों पर स्टे लगाए जाने के बाद बुधवार को विनोद कुमार सिंघल ने हॉफ का चार्ज ले लिया. इस दौरान राजीव भरतरी भी मौजूद रहे. बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में पाखरो टाइगर सफारी निर्माण मामले में गड़बड़ी को लेकर पूर्व की सरकार ने राजीव भरतरी को उनके हॉफ पद से हटाकर उन्हें जैव विविधता बोर्ड की जिम्मेदारी दी थी.
पढे़ं- चार घंटे के इंतजार के बाद राजीव भरतरी ने लिया PCCF का चार्ज, हाईकोर्ट ने दिया था नियुक्ति का आदेश
इसके बाद राजीव भरतरी ने कैट का दरवाजा खटखटाया. कैट ने सरकार को राजीव भरतरी को दोबारा चार्ज दिए जाने के आदेश किए थे. इन आदेशों का पालन नहीं होने के बाद राजीव भरतरी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजीव भरतरी एक बार फिर वन विभाग में मुखिया बने. इसके खिलाफ विनोद सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर इस आदेश पर स्टे ले लिया. जिसके बाद अब एक बार फिर विनोद सिंघल ने वन विभाग में मुखिया के तौर पर चार्ज ले लिया है.
पढे़ं- सर्दी में हुई कम बर्फबारी से उड़ी वन विभाग की नींद, इस साल वनाग्नि की 178 घटनाएं, बचाव की ये है तैयारी
दूसरी तरफ पिछले लंबे समय से विभाग में चल रही रस्साकशी के बीच महकमे के कार्यों पर भी इसका सीधा असर पड़ा. उधर सरकार भी अफसरों की कोर्ट कचहरी से खासी परेशान दिखाई दे रही थी. इस मामले में अब सरकार ने भी राहत की सांस ली है. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा सरकार की छवि पर भले ही इससे कोई असर न पड़ा हो, लेकिन वन विभाग के कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ा है. विकास कार्यों में ऐसी स्थिति से दिक्कतें आती हैं हालांकि अब समस्याएं खत्म कर ली गई हैं.