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उत्तराखंड: लॉकडाउन में बढ़े खुदकुशी के मामले, 4 महीने में 187 ने की आत्महत्या

कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से चार दीवारियों में कैद लोगों की जिंदगी में तनाव बढ़ने लगा है. अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में आए अचानक बदलाव के कारण लोग घरों में कैद होने के चलते तनाव का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में कई लोग तनावग्रस्त होकर आत्महत्या कर रहे हैं. प्रदेश में आंकड़ों पर नजर डालें तो कोरोना काल के दौरान आत्महत्या के मामलों में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.

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बढ़े खुदकुशी के मामले
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Published : Jun 17, 2020, 9:42 AM IST

Updated : Jun 17, 2020, 2:27 PM IST

देहरादून: कोरोना महामारी ने देश दुनिया की रफ्तार पर लगाम लगा दी है. इसकी मार से विश्व का कोई भी देश अछूता नहीं है. कोरोना महामारी के बीच लगे लॉकडाउन में लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए. वहीं, चार दीवारियों के बीच लोगों को अपने भविष्य की चिंता, जान का खतरा, आर्थिक तंगी और रोजगार की चिंता पल-पल सताने लगी है. इसकी वजह से लोग इन दिनों काफी तनाव महसूस कर रहे हैं. कई लोग तनाग्रस्त होकर आत्महत्या कर रहे हैं. प्रदेश में कोरोना काल में आत्महत्या के मामलों में करीब 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. अबतक प्रदेश में आत्महत्या के 187 मामले सामने आए हैं.

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार

विगत वर्षों की तुलना में कोरोना काल के दौरान एकाएक आत्महत्याओं के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है. प्रदेश में हर साल करीब 400 से 450 के खुदकुशी के मामले सामने आते थे. यानी साल के 4 महीनों की बात करें तो यह आंकड़ा 150 के करीब रहता था. लेकिन इस बार जनवरी से लेकर अप्रैल माह तक लॉकडाउन के दौरान करीब 187 खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं. यानी विगत वर्षों की तुलना में इन 4 महीनों में आत्महत्या का आंकड़ा 20 प्रतिशत बढ़ा है.

आत्महत्या करने में महिलाओं से आगे पुरुष

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीती 1 जनवरी से लेकर 30 अप्रैल तक लॉकडाउन के दौरान राज्य में सबसे अधिक 117 पुरुषों ने आत्महत्या की है, जबकि 60 महिलाओं और 10 नाबालिगों ने खुदकुशी की है.

लॉकडाउन में कई कारणों से तनाव बढ़ा: पुलिस

आत्महत्या के मामले में पुलिस के आला अधिकारियों का भी मानना है कि लॉकडाउन के कारण घर पर रहने के दौरान कई तरह के तनाव बढ़े हैं. तमाम तरह के रोजगार के साधन बंद होने से लेकर नौकरीपेशा और व्यापार जैसे अन्य कार्य बंद होने से लोगों में नकारात्मकता पैदा हुई है. इसके साथ ही बाहर जाने की आजादी नहीं मिलने से भी लोगों में तनाव बढ़ा है. इसकी वजह से डिप्रेशन में आकर खुदकुशी के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.

जनवरी से अप्रैल के बीच आत्महत्या के मामले

जनपदनाबालिग बालकनाबालिग बालिका पुरुष महिला
देहरादून421820
हरिद्वार102713
पौड़ी गढ़वाल00103
टिहरी गढ़वाल0045
रुद्रप्रयाग0034
चमोली0030
ऊधम सिंह नगर0010
नैनीताल20265
चंपावत0041
पिथौरागढ़0085
बागेश्वर0013

तनाव रोकने के लिए मिलकर काम करना होगा: डीजी

लॉकडाउन के दौरान बढ़े आत्महत्या के मामलों पर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने चिंता जताई है. डीजी ने कहा कि लॉकडाउन में आजादी बाधित होने के कारण लोग लोगों में कई तरह की समस्याओं को लेकर तनाव बढ़ा है. जिसके कारण लोगों में नकारात्मक भावना पैदा हुई है. हालांकि, हम सबको मिलकर सामाजिक तनाव को दूर करने का काम करना होगा, इसे सिर्फ पुलिस के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है.

देहरादून: कोरोना महामारी ने देश दुनिया की रफ्तार पर लगाम लगा दी है. इसकी मार से विश्व का कोई भी देश अछूता नहीं है. कोरोना महामारी के बीच लगे लॉकडाउन में लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए. वहीं, चार दीवारियों के बीच लोगों को अपने भविष्य की चिंता, जान का खतरा, आर्थिक तंगी और रोजगार की चिंता पल-पल सताने लगी है. इसकी वजह से लोग इन दिनों काफी तनाव महसूस कर रहे हैं. कई लोग तनाग्रस्त होकर आत्महत्या कर रहे हैं. प्रदेश में कोरोना काल में आत्महत्या के मामलों में करीब 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. अबतक प्रदेश में आत्महत्या के 187 मामले सामने आए हैं.

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार

विगत वर्षों की तुलना में कोरोना काल के दौरान एकाएक आत्महत्याओं के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है. प्रदेश में हर साल करीब 400 से 450 के खुदकुशी के मामले सामने आते थे. यानी साल के 4 महीनों की बात करें तो यह आंकड़ा 150 के करीब रहता था. लेकिन इस बार जनवरी से लेकर अप्रैल माह तक लॉकडाउन के दौरान करीब 187 खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं. यानी विगत वर्षों की तुलना में इन 4 महीनों में आत्महत्या का आंकड़ा 20 प्रतिशत बढ़ा है.

आत्महत्या करने में महिलाओं से आगे पुरुष

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीती 1 जनवरी से लेकर 30 अप्रैल तक लॉकडाउन के दौरान राज्य में सबसे अधिक 117 पुरुषों ने आत्महत्या की है, जबकि 60 महिलाओं और 10 नाबालिगों ने खुदकुशी की है.

लॉकडाउन में कई कारणों से तनाव बढ़ा: पुलिस

आत्महत्या के मामले में पुलिस के आला अधिकारियों का भी मानना है कि लॉकडाउन के कारण घर पर रहने के दौरान कई तरह के तनाव बढ़े हैं. तमाम तरह के रोजगार के साधन बंद होने से लेकर नौकरीपेशा और व्यापार जैसे अन्य कार्य बंद होने से लोगों में नकारात्मकता पैदा हुई है. इसके साथ ही बाहर जाने की आजादी नहीं मिलने से भी लोगों में तनाव बढ़ा है. इसकी वजह से डिप्रेशन में आकर खुदकुशी के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.

जनवरी से अप्रैल के बीच आत्महत्या के मामले

जनपदनाबालिग बालकनाबालिग बालिका पुरुष महिला
देहरादून421820
हरिद्वार102713
पौड़ी गढ़वाल00103
टिहरी गढ़वाल0045
रुद्रप्रयाग0034
चमोली0030
ऊधम सिंह नगर0010
नैनीताल20265
चंपावत0041
पिथौरागढ़0085
बागेश्वर0013

तनाव रोकने के लिए मिलकर काम करना होगा: डीजी

लॉकडाउन के दौरान बढ़े आत्महत्या के मामलों पर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने चिंता जताई है. डीजी ने कहा कि लॉकडाउन में आजादी बाधित होने के कारण लोग लोगों में कई तरह की समस्याओं को लेकर तनाव बढ़ा है. जिसके कारण लोगों में नकारात्मक भावना पैदा हुई है. हालांकि, हम सबको मिलकर सामाजिक तनाव को दूर करने का काम करना होगा, इसे सिर्फ पुलिस के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है.

Last Updated : Jun 17, 2020, 2:27 PM IST
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