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मनीषा अब दे पाएगी बोर्ड एग्जाम, दूसरे छात्रों के लिए क्या होगा समाधान ?

ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने मनीषा की समस्या तो दूर कर दी, लेकिन अभी उसकी जैसी ही समस्या से कई छात्र घिरे हैं. उनकी समस्या का हल शिक्षा विभाग कब और कैसे करेगा ये बड़ा सवाल है.

बोर्ड एग्जाम
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Published : Jun 12, 2020, 3:08 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड बोर्ड के एग्जाम की तिथि घोषित होने के बाद मनीषा जैसे कई और छात्र परीक्षा कक्ष तक पहुंचने को लेकर चिंतित होंगे. ईटीवी भारत के खबर प्रकाशित करने के बाद मनीषा को तो शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दे दिया, लेकिन बाकी छात्रों को कैसे परीक्षा कक्ष तक शिक्षा मंत्री पहुंचाएंगे ये एक बड़ा सवाल है.

ईटीवी भारत ने उठाया था मनीषा का मामला

राज्य में 22 जून से 25 जून तक होने वाली बोर्ड परीक्षा में अब मनीषा शामिल हो सकेगी. मनीषा खुश किस्मत है कि खुद शिक्षा मंत्री ने उसे परीक्षा कक्ष तक पहुंचाने का बीड़ा उठा लिया है. लेकिन अब मनीषा जैसे बाकी छात्रों को लेकर शिक्षा विभाग क्या करेगा जो अपनी खराब आर्थिक हालत के चलते दूसरे जिलों में फंस गए हैं. ऐसे छात्रों को चिन्हित करना काफी मुश्किल काम है. यदि महकमा प्रयास करे तो कई छात्रों को राहत तो दी ही जा सकती है.

पढ़ें-शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने लिया ETV BHARAT की खबर का संज्ञान, मनीषा की मदद का जताया भरोसा

शिक्षा निदेशक ने झाड़ा पल्ला

इस बारे में जब ईटीवी भारत ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से सवाल किया तो वो जवाब देने से बचते हुए नजर आए. उन्होंने साफ किया कि केंद्रीय गाइड लाइन के अनुसार सिर्फ कंटेनमेंट जोन के छात्रों की ही बोर्ड परीक्षा बाद में कराई जाएगी. यानी साफ है कि ऐसे छात्र जो कहीं दूसरी जगह फंस गए हैं उनके लिए शिक्षा विभाग कोई पहल नहीं करेगा.

पढ़ें- हाय ये बेबसी! आर्थिक तंगी के कारण गांव में फंसी मनीषा, सिसकियों में छलका साल बर्बाद होने का 'डर'

दूसरे जिलों में फंसे छात्रों को भी चाहिए शिक्षा मंत्री का साथ

बता दें कि राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं जो दूसरे जिलों में पढ़ाई करते थे. लॉकडाउन से पहले किसी कारणवश वे अपने जिलों में चले गए थे. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को शिक्षा विभाग चाहे तो राहत दे सकता है. शिक्षा मंत्री की परीक्षा को लेकर पहल के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि बाकी छात्रों के लिए भी ऐसे ही कोई कदम उठाए जाएंगे.

देहरादून: उत्तराखंड बोर्ड के एग्जाम की तिथि घोषित होने के बाद मनीषा जैसे कई और छात्र परीक्षा कक्ष तक पहुंचने को लेकर चिंतित होंगे. ईटीवी भारत के खबर प्रकाशित करने के बाद मनीषा को तो शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दे दिया, लेकिन बाकी छात्रों को कैसे परीक्षा कक्ष तक शिक्षा मंत्री पहुंचाएंगे ये एक बड़ा सवाल है.

ईटीवी भारत ने उठाया था मनीषा का मामला

राज्य में 22 जून से 25 जून तक होने वाली बोर्ड परीक्षा में अब मनीषा शामिल हो सकेगी. मनीषा खुश किस्मत है कि खुद शिक्षा मंत्री ने उसे परीक्षा कक्ष तक पहुंचाने का बीड़ा उठा लिया है. लेकिन अब मनीषा जैसे बाकी छात्रों को लेकर शिक्षा विभाग क्या करेगा जो अपनी खराब आर्थिक हालत के चलते दूसरे जिलों में फंस गए हैं. ऐसे छात्रों को चिन्हित करना काफी मुश्किल काम है. यदि महकमा प्रयास करे तो कई छात्रों को राहत तो दी ही जा सकती है.

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शिक्षा निदेशक ने झाड़ा पल्ला

इस बारे में जब ईटीवी भारत ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से सवाल किया तो वो जवाब देने से बचते हुए नजर आए. उन्होंने साफ किया कि केंद्रीय गाइड लाइन के अनुसार सिर्फ कंटेनमेंट जोन के छात्रों की ही बोर्ड परीक्षा बाद में कराई जाएगी. यानी साफ है कि ऐसे छात्र जो कहीं दूसरी जगह फंस गए हैं उनके लिए शिक्षा विभाग कोई पहल नहीं करेगा.

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दूसरे जिलों में फंसे छात्रों को भी चाहिए शिक्षा मंत्री का साथ

बता दें कि राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं जो दूसरे जिलों में पढ़ाई करते थे. लॉकडाउन से पहले किसी कारणवश वे अपने जिलों में चले गए थे. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को शिक्षा विभाग चाहे तो राहत दे सकता है. शिक्षा मंत्री की परीक्षा को लेकर पहल के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि बाकी छात्रों के लिए भी ऐसे ही कोई कदम उठाए जाएंगे.

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