ETV Bharat / state

UKSSSC पेपर लीक मामला: मास्टरमाइंड तक पहुंचने की जद्दोजहद में जुटी STF, सितारगंज और लखनऊ रवाना हुई टीम

UKSSSC पेपर लीक मामले में एसटीएफ लगातार मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. इसके लिए गिरफ्तार किये गये लोगों से पूछताछ की जा रही है. इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर जाकर भी एसटीएफ सबूत जुटाने के प्रयासों में लगी है. आज एसटीएफ की दो टीमें मामले में पकड़े गये अभियुक्तों को लेकर सितारगंज और लखनऊ रवाना हुई.

stf-teams-left-for-sitarganj-and-kashipur-for-those-caught-in-uksssc-paper-leak-case
मास्टरमाइंड तक पहुंचने की जद्दोजहद में जुटी STF
author img

By

Published : Jul 28, 2022, 9:47 PM IST

देहरादून: UKSSSC पेपर लीक मामले में भले ही STF ने अभी तक लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सहित 7 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हो, लेकिन इस पूरे मामले में बड़ी मछलियों के साथ ही मास्टरमाइंड तक पहुंचना एसटीएफ के लिए आसान नहीं है. STF के मुताबिक अभी उन लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है जिनके द्वारा लाखों रुपये लेकर पेपर लीक किया और फिर उसके बाद मोटी रकम वसूल कर क्वेश्चन पेपर को अभ्यर्थियों तक पहुंचाया गया. STF एसएसपी अजय सिंह भी मान रहे हैं कि UKSSSC पेपर लीक मामले में आयोग के किसी कर्मचारी का हाथ भी हो सकता है. जिस पर जांच चल रही है. साथ ही एसटीएफ मामले में शुरुआती नेटवर्क वाली कड़ियों को जोड़ रही है.

सितारगंज और लखनऊ रवाना हुई टीमें: वहीं, इस परीक्षा पेपर लीक धांधली में गिरफ्तार किये गए कुल 7 लोगों में से दो अभियुक्तों को एसटीएफ की टीम सितारगंज लेकर रवाना हुई है. जहां इनके द्वारा पेपर लीक करने के लिए किन-किन अभ्यर्थियों के नेटवर्क तक पहुंचा गया इसकी जानकारियां जुटाई जा रही हैं. दूसरी तरफ UKSSSC परीक्षा पेपर प्रिंटिंग प्रेस के अभियुक्त अभिषेक वर्मा को एसटीएफ की दूसरी टीम लखनऊ लेकर रवाना हुई है. लखनऊ की जिस प्रिंटिंग प्रेस में पेपर पर छपता है, वहां से इस गोरखधंधे की और कड़ियों को भी खंगाला जा सके.

मास्टरमाइंड तक पहुंचने की जद्दोजहद में जुटी STF.

पढे़ं-UKSSSC पेपर लीक मामले से छात्रों का मनोबल टूटा, शिक्षक भी हुए हतोत्साहित

सरकारी नौकरियों के परीक्षा पेपर ब्लैंक चेक की तरह: उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, सरकारी नौकरियों का परीक्षा पेपर लीक होना एक ब्लैंक चेक होता है. जिसके चलते इस गड़बड़ी में लिप्त लोग अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच कर ज्यादा से ज्यादा धन अर्जित करने के प्रयास में रहते हैं. इस खेल में कितने लोग शामिल हैं इसकी छानबीन कर जांच को अंजाम तक पहुंचाना बड़ी चुनौती का विषय है. जिस पर तेजी से काम चल रहा है.

पढे़ं- UKSSSC पेपर लीक: अधर में 916 अभ्यर्थियों का भविष्य, आयोग के सचिव ने परीक्षा को लेकर कही ये बात

उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, अभी इस केस में सबसे पहले उन लोगों की तलाश की जा रही है, जिन्होंने परीक्षा पेपर को एक नेटवर्क के जरिए बड़ी रकम वसूल कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाया. इस कार्रवाई के बाद उन अभ्यर्थियों की भी तलाश की जाएगी, जिन्होंने सैकड़ों की तादात में ग्रुप बनाकर अलग-अलग परीक्षार्थियों से रुपए लेकर पेपर लीक करवाया.

बता दें वर्ष 2015 में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग अस्तित्व में आया. जिसके बाद लगभग 90 सरकारी नौकरियों के लिए आयोग परीक्षाएं करा चुका है. कई विभागों के रिक्त पदों की परीक्षाओं के पेपर लीक करने से लेकर मेरिट लिस्ट परिणाम को बदलने जैसे आरोपों और के मामले में 2017 से 2021 तक सामने आये, मगर अभी तक आयोग के किसी कर्मचारी या अधिकारी पर कानूनी शिकंजा नहीं कसा है, जबकि यह बात भी साफ है कि बिना आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के कैसे पेपर लीक और मेरिट लिस्ट के परिणाम को बदले जा सकते हैं?

पढे़ं- UKSSSC भर्ती परीक्षा धांधली का एसटीएफ ने किया खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार, रिसोर्ट में होता था 'खेल'

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वार 2017 से 2021 तक आयोजित परीक्षाओं में सबसे ज्यादा विवाद और गड़बड़ियों में एलटी पेपर, वन दरोगा भर्ती, ग्राम विकास अधिकारी, 2021 स्नातक स्तर की परीक्षा रही. जिसमें ग्राम विकास अधिकारी, सुपरवाइजर, असिस्टेंट मैनेजर, पंचायत अधिकारी, डाटा एंट्री जैसे 854 पदों वाली भर्ती सबसे ज्यादा विवादों में रही.हालांकि, इन गड़बड़ियों वाली परीक्षाओं के विषय में मुकदमा दर्ज कर कई लोगों को जेल भेजा जा चुका है, मगर अभी तक आयोग से संबंधित किसी बड़े कर्मचारी या इस तरह के मामलो ंके मास्टरमाइंड पर शिकंजा नहीं कसा गया है.

देहरादून: UKSSSC पेपर लीक मामले में भले ही STF ने अभी तक लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सहित 7 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हो, लेकिन इस पूरे मामले में बड़ी मछलियों के साथ ही मास्टरमाइंड तक पहुंचना एसटीएफ के लिए आसान नहीं है. STF के मुताबिक अभी उन लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है जिनके द्वारा लाखों रुपये लेकर पेपर लीक किया और फिर उसके बाद मोटी रकम वसूल कर क्वेश्चन पेपर को अभ्यर्थियों तक पहुंचाया गया. STF एसएसपी अजय सिंह भी मान रहे हैं कि UKSSSC पेपर लीक मामले में आयोग के किसी कर्मचारी का हाथ भी हो सकता है. जिस पर जांच चल रही है. साथ ही एसटीएफ मामले में शुरुआती नेटवर्क वाली कड़ियों को जोड़ रही है.

सितारगंज और लखनऊ रवाना हुई टीमें: वहीं, इस परीक्षा पेपर लीक धांधली में गिरफ्तार किये गए कुल 7 लोगों में से दो अभियुक्तों को एसटीएफ की टीम सितारगंज लेकर रवाना हुई है. जहां इनके द्वारा पेपर लीक करने के लिए किन-किन अभ्यर्थियों के नेटवर्क तक पहुंचा गया इसकी जानकारियां जुटाई जा रही हैं. दूसरी तरफ UKSSSC परीक्षा पेपर प्रिंटिंग प्रेस के अभियुक्त अभिषेक वर्मा को एसटीएफ की दूसरी टीम लखनऊ लेकर रवाना हुई है. लखनऊ की जिस प्रिंटिंग प्रेस में पेपर पर छपता है, वहां से इस गोरखधंधे की और कड़ियों को भी खंगाला जा सके.

मास्टरमाइंड तक पहुंचने की जद्दोजहद में जुटी STF.

पढे़ं-UKSSSC पेपर लीक मामले से छात्रों का मनोबल टूटा, शिक्षक भी हुए हतोत्साहित

सरकारी नौकरियों के परीक्षा पेपर ब्लैंक चेक की तरह: उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, सरकारी नौकरियों का परीक्षा पेपर लीक होना एक ब्लैंक चेक होता है. जिसके चलते इस गड़बड़ी में लिप्त लोग अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच कर ज्यादा से ज्यादा धन अर्जित करने के प्रयास में रहते हैं. इस खेल में कितने लोग शामिल हैं इसकी छानबीन कर जांच को अंजाम तक पहुंचाना बड़ी चुनौती का विषय है. जिस पर तेजी से काम चल रहा है.

पढे़ं- UKSSSC पेपर लीक: अधर में 916 अभ्यर्थियों का भविष्य, आयोग के सचिव ने परीक्षा को लेकर कही ये बात

उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, अभी इस केस में सबसे पहले उन लोगों की तलाश की जा रही है, जिन्होंने परीक्षा पेपर को एक नेटवर्क के जरिए बड़ी रकम वसूल कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाया. इस कार्रवाई के बाद उन अभ्यर्थियों की भी तलाश की जाएगी, जिन्होंने सैकड़ों की तादात में ग्रुप बनाकर अलग-अलग परीक्षार्थियों से रुपए लेकर पेपर लीक करवाया.

बता दें वर्ष 2015 में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग अस्तित्व में आया. जिसके बाद लगभग 90 सरकारी नौकरियों के लिए आयोग परीक्षाएं करा चुका है. कई विभागों के रिक्त पदों की परीक्षाओं के पेपर लीक करने से लेकर मेरिट लिस्ट परिणाम को बदलने जैसे आरोपों और के मामले में 2017 से 2021 तक सामने आये, मगर अभी तक आयोग के किसी कर्मचारी या अधिकारी पर कानूनी शिकंजा नहीं कसा है, जबकि यह बात भी साफ है कि बिना आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के कैसे पेपर लीक और मेरिट लिस्ट के परिणाम को बदले जा सकते हैं?

पढे़ं- UKSSSC भर्ती परीक्षा धांधली का एसटीएफ ने किया खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार, रिसोर्ट में होता था 'खेल'

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वार 2017 से 2021 तक आयोजित परीक्षाओं में सबसे ज्यादा विवाद और गड़बड़ियों में एलटी पेपर, वन दरोगा भर्ती, ग्राम विकास अधिकारी, 2021 स्नातक स्तर की परीक्षा रही. जिसमें ग्राम विकास अधिकारी, सुपरवाइजर, असिस्टेंट मैनेजर, पंचायत अधिकारी, डाटा एंट्री जैसे 854 पदों वाली भर्ती सबसे ज्यादा विवादों में रही.हालांकि, इन गड़बड़ियों वाली परीक्षाओं के विषय में मुकदमा दर्ज कर कई लोगों को जेल भेजा जा चुका है, मगर अभी तक आयोग से संबंधित किसी बड़े कर्मचारी या इस तरह के मामलो ंके मास्टरमाइंड पर शिकंजा नहीं कसा गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.