देहरादून: उत्तराखंड में वैसे तो कोरोना के आंकड़े काफी तेजी से घट रहे हैं, लेकिन फिर भी एतियाहत के तौर पर सरकार के कोरोना कर्फ्यू (corona curfew uttarakhand ) अगले एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है. दौरान कुछ दुकानों को अतिरिक्त छूट दी गई है. खास बात ये है कि शराब की दुकानें (liquor shops open in uttarakhand) 3 दिन खोलने के निर्णय लिया गया है, जिसका कड़ा विरोध भी हो रहा है. हालांकि सरकार ने कोरोना के आंकड़ों के लिहाज से निर्णय लेने और किसी भी दबाव में नहीं आने के संकेत भी दे दिए हैं.
प्रदेश में 8 जून से अगले एक हफ्ते यानी 15 जून सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू बढ़ाने की गाइडलाइन जारी कर दी है, लेकिन व्यापारी इससे खुश नहीं है. बल्कि उनकी नाराजगी सरकार के खिलाफ और बढ़ गई है. दरअसल, सरकार ने कपड़े की दुकान, परचून, दर्जी की दुकान, चश्मे की दुकान, साइकिल स्टोर, औद्योगिक मशीनरी, मोटर पार्ट्स की दुकान, ड्राई क्लीनर और फोटो कॉपी की दुकानें खोलने के भी इस बार निर्देश दिए हैं, लेकिन इसके साथ शराब की दुकानें खोले (wine shop open in uttarakhand) जाने के फैसले को लेकर जबरदस्त विरोध हो रहा है.
पढ़ें- डोईवाला के एक परिवार पर बरपा कोरोना का कहर, एक महीने में तीन लोगों की मौत
आठ से 15 जून तक एक हफ्ते का जो कोरोना कर्फ्यू बढ़ाया गया है, उसमें 3 दिन शराब की दुकाने खोलने की गाइडलाइन भी जारी की गई है. जबकि बाकि दुकानों को एक या 2 दिन ही खोले जाने का फैसला लिया गया है. ऐसे में व्यापारी राज्य में शराब को प्रमुखता देने के सरकार के निर्णय पर विरोध कर रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध ने बातचीत की. इस दौरान प्रवक्ता सुबोध उनियाल (subodh uniyal) ने कहा कि शराब की दुकानें खोलने का मकसद सरकार का राजस्व कमा नहीं, बल्कि राज्य में अवैध तस्करी की संभावनाओं को खत्म करना है.
यदि राज्य सरकार राजस्व के बारे में सोचती तो 25 अप्रैल से अब तक शराब की दुकानें सरकार की तरफ से क्यों बंद की जाती? सुबोध उनियाल ने साफ किया कि मौजूदा परिस्थितियों और आंकड़ों के लिहाज से जरूरी निर्णय लिए गए हैं और इसको इंप्लीमेंट भी कराया जाएगा. पिछले साल की तरह क्या इस बार भी शराब कारोबारियों का अधिभार माफ किया जाएगा. क्योंकि पिछले साल भी कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगाया गया था और शराब की दुकानें काफी दिनों तक बंद रही थी. तब भी अधिभार माफ करने की मांग की गई थी.
पढ़ें- गजबः आपदा सचिव को नहीं 'माननियों' की जानकारी, खुद मंत्री ने कराया परिचय
ऐसे में इस साल भी अब 25 अप्रैल से लगातार कर्फ्यू होने के कारण शराब की दुकानें बंद हैं. ऐसे में शराब कारोबारियों ने एक बार फिर अधिभार को माफ करने की मांग की है. हालांकि सरकार ने कहा है कि इस पर निर्णय कोरोना कर्फ्यू पूरी तरह खत्म होने के बाद ही लिया जाएगा. शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने यह भी साफ किया है कि सरकार संक्रमण के लिहाज से फैसले ले रही है और पूरे आंकड़ों पूर नजर बनाए हुए हैं. ऐसे में सरकार किसी भी दबाव में काम नहीं करेगी, बल्कि कोरोना का कम करने के लिए जो भी जरूरी निर्णय होगा उसको लागू करवाया जाएगा.