देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत जैविक खेती को बढ़ावा देने की पहल करते रहते हैं, जिसके लिए वो भी आगे आते रहते हैं. कभी हरीश रावत नींबू पार्टी तो कभी काफल पार्टी के साथ ही भट्ट की दाल, गहत की दाल और झंगोरे की खीर लोगों को परोसते दिखाई देते हैं. नींबू पार्टी का तो हरीश रावत समेत कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खूब आनंद लिया. जिसके माध्यम से वो लोगों को लोकल उत्पाद के लिए प्रेरित भी करते दिखते हैं. साथ ही उन्होंने कुछ व्यथा सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की है.
हरीश रावत ने ताजा ट्वीट लिखा है कि पिछली बार मुझसे एक त्रुटि रह गई थी. मैंने पर्यटन विभाग पर ज्यादा भरोसा किया और उनको अपने नेशनल हाईवेज में फूड सराय, फूड कोर्ट्स और क्राफ्ट कोर्ट्स विकसित करने का दायित्व सौंपा, जिसमें प्रारंभिक सर्वेक्षण के बाद पर्यटन विभाग आगे नहीं बढ़ पाया. इस बार मैं समझता हूं यह काम मंडी को सौंपा जाये. नई सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और हर बाजार में एक फड़ बाजार भी विकसित करना चाहिए.
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फड़ बाजार में निकट के गांवों के लोग अपने उत्पादों को लाकर बेच सकें और उस स्थान की सुरक्षा आदि का दायित्व मंडी करे और ऐसे बाजारों को मंडी सिस्टम के साथ जोड़ा जाए. ताकि धीरे-धीरे दूरदराज के गांवों में भी मंडी सिस्टम विकसित किया जा सके और स्थानीय उत्पादों को मंडी में लाकर और मंडी के माध्यम से बड़े बाजार में पहुंचाया जा सके. मैं समझता हूं कि जैविक खेती की तरफ जब हम बढ़ेंगे तो यह तंत्र हमारे लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है.