देहरादून: उत्तराखंड के राज्य विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों को इस वर्ष सयुंक्त प्रवेश परीक्षा (Central Universities Common Entrance Test) से बाहर रखा गया है. हालांकि, प्रदेश की केंद्रीय विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों में संयुक्त प्रवेश परीक्षा को लागू किया है. लेकिन प्रदेश के 11 राज्य विश्वविद्यालय और 119 महाविद्यालय में यह प्रणाली इस सत्र में लागू नहीं होगी.
उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार संयुक्त प्रवेश परीक्षा के तहत राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अभी इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई है. इसलिए इस व्यवस्था के तहत छात्र-छात्राओं को भी परेशानी हो सकती है. वहीं राज्य के महाविद्यालयों में इस प्रणाली के लिए आगामी सत्र से विचार किया जा सकता है.
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Higher Education Minister Dhan Singh Rawat) ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस साल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उस निर्देश को स्थगित रखा है, जिसमें सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिले के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा कि आगामी सत्र से इस पर विचार किया जा सकता है. केंद्रीय विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी) के आधार पर ग्रेजुएशन में दाखिले की तैयारी है. वहीं, जो छात्र प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश नहीं ले पाएंगे, उनके सामने राज्य विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध महाविद्यालय में प्रवेश का विकल्प रहेगा.
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धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं होगा. वहीं, केंद्रीय विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध महाविद्यालय में प्रवेश परीक्षा के बाद छात्र-छात्राओं को ग्रेड दिया जाएगा और इसके आधार पर वह कॉलेज में प्रवेश ले पाएंगे. प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं के इंटरमीडिएट के अंक नहीं देखे जाएंगे. कॉलेजों में जुलाई 2022 में नया सत्र शुरू होगा, जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय में सयुंक्त प्रवेश परीक्षा का नियम लागू होगा लेकिन प्रदेश के 11 राज्य विश्वविद्यालय और 119 महाविद्यालय में यह प्रणाली इस सत्र में लागू नहीं होगी.