देहरादून: कोरोना काल में लॉकडाउन होने के बाद से ही उत्तराखंड राज्य महिला आयोग में दर्ज शिकायतों पर सुनवाई और काउंसलिंग का कार्य लंबित चल रहा था. लेकिन अब अनलॉक के बाद जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह से राज्य महिला आयोग में एक बार फिर से सुनवाई और काउंसलिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है.
बता दें, वर्तमान में राज्य महिला आयोग में सप्ताह में महज 3 दिन ही दर्ज शिकायतों पर सुनवाई और काउंसलिंग का कार्य किया जा रहा है. फिलहाल, देहरादून जनपद से दर्ज शिकायतों पर ही सुनवाई और काउंसलिंग की जा रही है.
ईटीवी भारत के साथ जानकारी साझा करते हुए उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की सदस्य कामिनी गुप्ता ने बताया की कोरोना संकट काल में मई और जून माह में प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से कुल 458 शिकायतें आयोग में दर्ज की गई थीं. सबसे अधिक शिकायतें जानमाल की सुरक्षा से जुड़ी थीं.
गौर हो, बीते 4 सालों में प्रदेश में महिला अपराध से जुड़े मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. जहां, पहले घरेलू हिंसा से जुड़े सबसे अधिक मामले सामने आते थे. वहीं बीते कुछ सालों में जानमाल सुरक्षा, मानसिक उत्पीड़न और दहेज हत्या से जुड़े मामले दर्ज हो रहे हैं.
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वहीं, राज्य महिला आयोग के अनुसार महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों में पहले पायदान पर देहरादून का नाम आता है. उसके बाद दूसरे स्थान पर धर्मनगरी हरिद्वार, तीसरे स्थान पर उधम सिंह नगर और चौथे स्थान पर नैनीताल का नाम शामिल है.