देहरादून: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से रुबरु कराने के लिए हर साल आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी की विभिन्न प्रयासों के बावजूद प्रदेश में भी साल दर साल महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों में इजाफा होता जा रहा है.
राज्य महिला आयोग की अप्रैल 2019 से लेकर फरवरी 2020 तक रिपोर्ट पर गौर करें तो प्रदेश के सभी 13 जनपदों से अब तक आयोग में कुल 1404 महिला उत्पीड़न से जुड़े मामले दर्ज किए गए हैं . इसमें महिलाओं के मानसिक उत्पीड़न, जानमाल सुरक्षा और घरेलू हिंसा के मामले सबसे अधिक हैं.
गौरतलब है कि राज्य महिला आयोग में अप्रैल 2019 से लेकर फरवरी 2020 तक दर्ज हुए मामलों में जानमाल सुरक्षा के 357 मानसिक उत्पीड़न के 243 घरेलू हिंसा के 200 और धोखाधड़ी के 54 मामले दर्ज हुए हैं. राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव कामिनी गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में आयोग में दर्ज होने वाले मामलों में हो रहे इजाफे का एक बड़ा कारण जागरूकता भी है. वर्तमान में महिलाएं काफी जागरुक हैं. इसलिए किसी भी तरह के उत्पीड़न का शिकार होने पर वह खुलकर आयोग में शिकायत दर्ज कराती हैं.
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वहीं, राज्य महिला आयोग से सामने आए महिला उत्पीड़न के आंकड़ों में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि चाहे मामले जान माल सुरक्षा के हो, महिलाओं के मानसिक उत्पीड़न के हो या घरेलू हिंसा और धोखाधड़ी के हो इन सभी मामलों में सबसे आगे देहरादून हरिद्वार और उधम सिंह नगर जनपद है. इसके अलावा बीते को चालू में नैनीताल और पौड़ी जनपद से भी महिला उत्पीड़न से जुड़े विभिन्न मामले आयोग में दर्ज हो रहे हैं.