ऋषिकेश: राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गन्ना और चीनी उद्योग विकास बोर्ड के अध्यक्ष भगत राम कोठारी ने सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाएं, मानदेय और भत्ते छोड़ने का फैसला लिया है. कोठरी के इस फैसले की सब सराहना कर रहे है. सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कोठारी के इस फैसले का स्वागत करते हुए उनकी तारीफ की है.
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भगत राम कोठारी बीती 7 मार्च को ही गन्ना और चीनी उद्योग विकास बोर्ड का अध्यक्ष बने थे. ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए कोठारी ने कहा कि उत्तराखंड एक नया राज्य है. इसकी आर्थिक मजबूत नहीं हो पाई है. प्रदेश काफी कर्जे में डूबा हुआ है. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पद के अनुरूप मिलने वाले मानदेय समेत अन्य सुविधाएं छोड़ने का फैसला लिया है.
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कोठारी ने बताया कि उन्हें उत्तराखंड सरकार की ओर से जो सुविधाएं मिल रही हैं. उन पर हर महीने एक से डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है. इस पैसे का उपयोग प्रदेश के हित में हो सकते इसलिए उन्होंने ये सारी सुविधाएं छोड़ी हैं.
इन सुविधाओं का किया त्याग
- मानदेय के रूप में एक दर्जाधारी राज्य मंत्री को प्रतिमाह15 हजार रुपए मिलते है.
- राज्य मंत्री को शासकीय वाहन में खर्च के लिए 50 हजार रुपए दिए जाते हैं.
- राज्य मंत्री को मुख्यालय से बाहर की यात्राओं हेतु 700 रुपए प्रतिदिन दैनिक भत्ता दिया जाता है.
- शासकीय आवास न मिलने पर राज्य मंत्री को 15 हजार रुपए प्रतिमाह भत्ता दिया जाता है.
- राज्य मंत्री को प्रतिमाह 2 हजार रुपए टेलीफोन और मोबाइल की सुविधा के लिए दिए जाते हैं.
- राज्य मंत्री को रेल द्वारा यात्रा करने के लिए उच्चतम श्रेणी का टिकट मिलता है.
- वहीं हवाई सेवाओं के लिए एक माह में दो यात्रा टिकट मिलते हैं.
- राज्य मंत्री को चतुर्थ श्रेणी का एक कर्मचारी उपलब्ध कराया जाता है. जिसका वेतन कम से कम 12000 रुपए प्रतिमाह होता है.