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सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक आयोजन करना पड़ेगा महंगा, बनाया जा रहा ये प्लान

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Published : Jun 19, 2019, 11:23 PM IST

उत्तराखंड में सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक आयोजन के नाम पर गंदगी करने वाले लोगों के खिलाफ पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सख्त हो गई है. अब सेवा भाव से लोगों को मीठा पानी और भंडारा कराया तो मंहगा पड़ सकता है. इसमें गंदगी और सफाई की जिम्मेदारी आयोजनकर्ता की होगी. उधर, सभी जिलाधिकारियों को ऐसे आयोजनों पर निगाह रखने के निर्देश दिए गए हैं.

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत.

देहरादूनः उत्तराखंड में धार्मिक आयोजन के तहत भंडारा करवाना और पानी पिलाना आयोजनकर्ताओं के लिए मंहगा पड़ सकता है. अब उत्तराखंड पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है. ये कदम आयोजन स्थलों पर होने वाले प्रदूषण को लेकर उठाया जा रहा है. वहीं, किसी भी धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन से पहले प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य होगा.

जानकारी देते कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत.


दरअसल, बीते कुछ समय से देहरादून समेत प्रदेश भर में मीठा पानी पिलाने के कई कार्यक्रम चल रहे हैं. जिसके तहत सेवा भाव से लोगों को प्याऊ लगाकर मीठा पानी तो पिलाया जाता है, लेकिन आसपास के पूरे क्षेत्र में काफी गंदगी फैला दी जाती है. इसमें प्लास्टिक के गिलास, डिस्पोजल समेत अन्य दूसरे सामान फेंक दिए जाते हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए अब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ऐसे आयोजनों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत प्रदेश भर के सभी जिलाधिकारियों को नजर रखने के निर्देश दिए हैं. इन धार्मिक आयोजनों में भंडारा करवाना और पानी पिलाना भी शामिल है. जिसमें पूरी तरह से प्लास्टिक का उपयोग को वर्जित करने की तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः अनोखा प्रदर्शनः जूतों की माला पहनकर जताया विरोध, लोग कर रहे प्रशंसा, जानिए क्या है मामला


कैबिनेट मंत्री हरक सिंह की मानें तो किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन करने से पहले आयोजनकर्ता को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्पष्ट करना होगा कि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की गंदगी ना फैले. गंदगी पाए जाने पर सफाई की जिम्मेदारी भी उसी की होगी. धार्मिक आयोजन से पहले बोर्ड के नियमों का पालन करना होगा, जिसके बाद ही उन्हें इजाजत दी जाएगी. वहीं, अधिकारियों को अनुमति को लेकर नियम तय करने के भी आदेश दिए हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड में धार्मिक आयोजन के तहत भंडारा करवाना और पानी पिलाना आयोजनकर्ताओं के लिए मंहगा पड़ सकता है. अब उत्तराखंड पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है. ये कदम आयोजन स्थलों पर होने वाले प्रदूषण को लेकर उठाया जा रहा है. वहीं, किसी भी धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन से पहले प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य होगा.

जानकारी देते कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत.


दरअसल, बीते कुछ समय से देहरादून समेत प्रदेश भर में मीठा पानी पिलाने के कई कार्यक्रम चल रहे हैं. जिसके तहत सेवा भाव से लोगों को प्याऊ लगाकर मीठा पानी तो पिलाया जाता है, लेकिन आसपास के पूरे क्षेत्र में काफी गंदगी फैला दी जाती है. इसमें प्लास्टिक के गिलास, डिस्पोजल समेत अन्य दूसरे सामान फेंक दिए जाते हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए अब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ऐसे आयोजनों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत प्रदेश भर के सभी जिलाधिकारियों को नजर रखने के निर्देश दिए हैं. इन धार्मिक आयोजनों में भंडारा करवाना और पानी पिलाना भी शामिल है. जिसमें पूरी तरह से प्लास्टिक का उपयोग को वर्जित करने की तैयारी की जा रही है.

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कैबिनेट मंत्री हरक सिंह की मानें तो किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन करने से पहले आयोजनकर्ता को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्पष्ट करना होगा कि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की गंदगी ना फैले. गंदगी पाए जाने पर सफाई की जिम्मेदारी भी उसी की होगी. धार्मिक आयोजन से पहले बोर्ड के नियमों का पालन करना होगा, जिसके बाद ही उन्हें इजाजत दी जाएगी. वहीं, अधिकारियों को अनुमति को लेकर नियम तय करने के भी आदेश दिए हैं.

Intro:summary- उत्तराखंड में सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक आयोजनों को लेकर पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सख्ती के मूड में है.. बोर्ड ने धार्मिक आयोजन के नाम पर गंदगी करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बनाया है साथ ही सभी जिलाधिकारियों को ऐसे आयोजनों पर निगाह रखने के निर्देश दिए गए हैं...

उत्तराखंड में धार्मिक आयोजन के तहत भंडारा करवाना और पानी देना आयोजनकर्ताओं के लिए मुसीबत पैदा कर सकता है... दरअसल उत्तराखंड पर्यावरण प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ऐसे आयोजनों में होने वाले प्रदूषण को लेकर सख्ती के मूड में है... और इसी को लेकर बोर्ड धार्मिक आयोजन के नाम पर गंदगी फैलाने वालों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।



Body:उत्तराखंड में सभी जिलाधिकारियों को धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान किए जाने वाले प्रदूषण पर सख्ती बरतने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं... दरअसल पिछले कुछ समय से देहरादून समेत प्रदेश भर में मीठा पानी पिलाने के कार्यक्रम चल रहे हैं ... जिसमें सेवा भाव से लोगों को पियाऊ लगाकर मीठा पानी तो पिलाया जाता है लेकिन साथ ही आसपास के पूरे क्षेत्र में इससे गंदगी फैला दी जाती है इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ऐसे आयोजनों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत प्रदेश भर के सभी जिलाधिकारियों को नजर रखने के निर्देश दिए हैं। खास बात यह है कि ऐसे धार्मिक आयोजनों जिसमें भंडारा करवाना और पानी पिलाना शामिल है मैं प्लास्टिक का उपयोग वर्जित करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही धार्मिक आयोजन करने वालों से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यह भी स्पष्ट करेगा कि आयोजन के दौरान उनके द्वारा कोई गंदगी ना फैलाएं जाए और ऐसा होने पर सफाई की जिम्मेदारी भी उनके द्वारा ही करवाई जाए। धार्मिक आयोजन से पहले लोगों द्वारा इस बात के स्पष्ट करने के बाद ही उनको पियाऊ लगाने या भंडारा करवाने की इजाजत दी जाएगी।


Conclusion:यूं तो प्रदेशभर में किए जाने वाले यह धार्मिक आयोजन सेवा भाव से होते हैं लेकिन अक्सर सेवा भाव से हो रहे हैं इन आयोजनों में गंदगी फैला दी जाती है यही नहीं कार्यक्रम स्थल के आसपास के क्षेत्रों में प्लास्टिक के गिलास या दूसरे सामान भी फेंक दिए जाते हैं इन्हीं बातों को समझते हुए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत सभी जिलाधिकारियों को ऐसे आयोजनों में सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं साथ ही आयोजन करने से पहले प्रशासन द्वारा अनुमति लिए जाने का नियम तय करने के भी आदेश दिए गए हैं।
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