देहरादून: राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि 15 दिन के भीतर उनकी मांगों का समाधान नहीं होता है तो उन्हें आंदोलन का बिगुल फूंकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मोर्चा ने सोमवार को शहीद स्मारक कचहरी रोड पर अपनी मांगों को लेकर मीडिया से वार्ता की. इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से आग्रह किया है कि उनकी मांगों पर सरकार गंभीरता पूर्वक विचार करे. ताकि राज्य आंदोलनकारियों में उत्पन्न हो रहे आक्रोश को रोका जा सके.
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उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक नवनीत गोसाईं ने कहा कि सरकार को उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए शासनादेश जारी करना चाहिए. अपनी मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारी बीते कई दिनों से लामबंद हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना करने में लगी हुई है. यदि 15 दिन के भीतर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ तो सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.
राज्य आंदोलनकारियों की मांगें
- राज्य आंदोलनकारियों ने एक समान पेंशन देने के साथ मृतक आश्रितों को भी पेंशन के दायरे में लाने की मांग की है.
- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाए.
- राज्य आंदोलनकारियों के लंबित मामलों का निस्तारण करने और उनके आश्रितों को उपनल, पीआरडी व अन्य आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से कोटा निर्धारित करने के अलावा उत्तराखंड के मूल निवासियों को सरकारी विभागों में प्राथमिकता दिए जाने जैसी प्रमुख मांगें हैं.