देहरादून: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को जल्द से जल्द धरातल पर लागू किए जाने की मांग की है. राज्य आंदोलनकारियों ने आरक्षण मिलने में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये हैं.
आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री धामी से अपील की है कि वह जल्द से जल्द क्षैतिज आरक्षण को धरातल पर उतारें. राज्य आंदोलनकारी रहे क्रांति कुकरेती ने कहा राज्य के बनने के बाद से आंदोलनकारियों की लगातार अनदेखी की जा रही है. उन्होंने कहा हजारों आंदोलनकारियों के बलिदान को सरकार बार-बार व्यर्थ साबित कर देती है. उन्होंने बताया 2012 में 127 आंदोलनकारियों को नियुक्ति पत्र बांटे गए थे. जिसमें 120 को ज्वाइनिंग दी गई थी. 7 आंदोलनकारी आज भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. उन्होंने कहा अगर सरकार जल्द से जल्द आरक्षण को लागू नहीं करती है तो उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
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क्रांति कुकरेती ने कहा वर्ष 2013 से 2023 तक क्षैतिज आरक्षण का मसला सरकारी अधिवक्ताओं की लापरवाही के कारण ही निरस्त हुआ. ऐसे में सरकारी वकीलों की गलती राज्य आंदोलनकारियों को भुगतनी पड़ रही है. उन्होंने कहा बीते 10 वर्षों से लगातार राज्य आंदोलनकारी इस मसले को लेकर सड़कों पर अपनी लड़ाई लड़ने के साथ ही सरकारों से वार्ता कर रहे हैं, लेकिन वास्तविक धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कैबिनेट के ऑर्डर के बाद एत माह से अधिक समय बीत गया है, तब भी इस मामले पर कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा जो आंदोलनकारी पिछले 12 सालों से अपनी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनका इंतजार आखिर कब तक चलता रहेगा.