ETV Bharat / state

दौलतराम ट्रस्ट भूमि घोटाला: पुलिस की जांच फिर सवालों में, SSP ने पुलिस मुख्यालय को लिखा पत्र - Advocate Rajesh Suri

बहुचर्चित दौलत राम ट्रस्ट भूमि घोटाले मामले में पुलिस की जांच पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं. शिकायतकर्ता का कहना है कि मामले को लगातार दबाने का प्रयास जारी है. ऐसे में जांच आगे बढ़ाने के लिए देहरादून एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा है.

Daulatram Trust land scam
देहरादून एसएसपी
author img

By

Published : Jul 1, 2021, 12:34 PM IST

देहरादून: देहरादून के बहुचर्चित दौलत राम ट्रस्ट की 700 बीघा जमीन घोटाले की जांच एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. इस बार जमीन घोटाले में जून 2020 गठित की गई एसआईटी के अधिकारी कहीं नजर नहीं आ रहे हैx. एसआईटी के आईपीएस अफसर सहित टीम के अन्य अधिकारी ट्रांसफर होने के चलते अलग-अलग जगह पर तैनात हैं. ऐसे में यह जांच फिलहाल ठंडे बस्ते में नजर आ रही है.

देहरादून एसएसपी डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी मांगी है कि मुख्यालय एसआईटी के तीन अधिकारी अधिकारियों का पहले ही ट्रांसफर किया जा चुका है, ऐसे में इस हाईप्रोफाइल जमीन फर्जीवाड़े की जांच कैसे आगे बढ़ाई जाए और अब जांच टीम में किस अधिकारी को शामिल किया जाए.

Uttarakhand Police Headquarters
एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय को लिखा पत्र.

बता दें, जानकारी के मुताबिक माजरा आईएसबीटी के पास साल 1980 से 82 के बीच दौलत राम ट्रस्ट की भूमि को एक षड्यंत्र के तहत खुर्दबुर्द किया गया था. अधिवक्ता राजेश सूरी ने देहरादून के दौलत राम ट्रस्ट भूमि घोटाले का पर्दाफाश किया था.

पढ़ें- गृहमंत्री अमित शाह के घर पर सीएम तीरथ के साथ बैठक, जेपी नड्डा समेत कई नेता रहे मौजूद

इस मामले में उन्होंने साल 2002 में एडीएम देहरादून के समक्ष बयान भी दर्ज कराए थे. इस घोटाले का मुकदमा दर्ज कराने के बाद 30 नवंबर 2014 को सूरी हाईकोर्ट नैनीताल से दून लौट रहे थे, इसी दौरान उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया गया था, जबकि उनकी बहन रीता का आरोप था कि अधिवक्ता सूरी को जहर देकर मारा गया है.

गठित SIT को दिया था 3 महीने का समय: शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता रीता सूरी के अनुसार नैनीताल हाईकोर्ट ने 8 जून, 2020 को उत्तराखंड शासन ने इस मामले को 3 महीने में निस्तारण का आदेश दिए था. तत्कालीन देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी के नेतृत्व में चार एसपी लोक जीत सिंह, सीओ सिटी शेखर सुयाल, इंस्पेक्टर नत्थी लाल उनियाल और LIU इंस्पेक्टर महेश प्रसाद पूर्ववाल की टीम बनाई गई थी.

वर्तमान में सीओ सिटी को छोड़कर सभी अधिकारियों का ट्रांसफर हो चुका है. रीता सूरी के मुताबिक इस हाईप्रोफाइल मामले को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में उत्तराखंड गृह विभाग ने इस केस को देहरादून पुलिस को जल्द से जल्द निस्तारित करने के आदेश दिए हैं.

देहरादून: देहरादून के बहुचर्चित दौलत राम ट्रस्ट की 700 बीघा जमीन घोटाले की जांच एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. इस बार जमीन घोटाले में जून 2020 गठित की गई एसआईटी के अधिकारी कहीं नजर नहीं आ रहे हैx. एसआईटी के आईपीएस अफसर सहित टीम के अन्य अधिकारी ट्रांसफर होने के चलते अलग-अलग जगह पर तैनात हैं. ऐसे में यह जांच फिलहाल ठंडे बस्ते में नजर आ रही है.

देहरादून एसएसपी डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी मांगी है कि मुख्यालय एसआईटी के तीन अधिकारी अधिकारियों का पहले ही ट्रांसफर किया जा चुका है, ऐसे में इस हाईप्रोफाइल जमीन फर्जीवाड़े की जांच कैसे आगे बढ़ाई जाए और अब जांच टीम में किस अधिकारी को शामिल किया जाए.

Uttarakhand Police Headquarters
एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय को लिखा पत्र.

बता दें, जानकारी के मुताबिक माजरा आईएसबीटी के पास साल 1980 से 82 के बीच दौलत राम ट्रस्ट की भूमि को एक षड्यंत्र के तहत खुर्दबुर्द किया गया था. अधिवक्ता राजेश सूरी ने देहरादून के दौलत राम ट्रस्ट भूमि घोटाले का पर्दाफाश किया था.

पढ़ें- गृहमंत्री अमित शाह के घर पर सीएम तीरथ के साथ बैठक, जेपी नड्डा समेत कई नेता रहे मौजूद

इस मामले में उन्होंने साल 2002 में एडीएम देहरादून के समक्ष बयान भी दर्ज कराए थे. इस घोटाले का मुकदमा दर्ज कराने के बाद 30 नवंबर 2014 को सूरी हाईकोर्ट नैनीताल से दून लौट रहे थे, इसी दौरान उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया गया था, जबकि उनकी बहन रीता का आरोप था कि अधिवक्ता सूरी को जहर देकर मारा गया है.

गठित SIT को दिया था 3 महीने का समय: शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता रीता सूरी के अनुसार नैनीताल हाईकोर्ट ने 8 जून, 2020 को उत्तराखंड शासन ने इस मामले को 3 महीने में निस्तारण का आदेश दिए था. तत्कालीन देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी के नेतृत्व में चार एसपी लोक जीत सिंह, सीओ सिटी शेखर सुयाल, इंस्पेक्टर नत्थी लाल उनियाल और LIU इंस्पेक्टर महेश प्रसाद पूर्ववाल की टीम बनाई गई थी.

वर्तमान में सीओ सिटी को छोड़कर सभी अधिकारियों का ट्रांसफर हो चुका है. रीता सूरी के मुताबिक इस हाईप्रोफाइल मामले को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में उत्तराखंड गृह विभाग ने इस केस को देहरादून पुलिस को जल्द से जल्द निस्तारित करने के आदेश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.