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दून की सड़क पर नमकीन बेच रही अंतरराष्ट्रीय पैरा शूटर दिलराज कौर से मिलेंगे खेल मंत्री - para shooter Dilraj Kaur in problem

उत्तराखंड की पहली अंतरराष्ट्रीय पैरा शूटर दिलराज कौर सड़क पर दुकान लगाने को मजबूर हैं. आर्थिक संकट से जूझ रही इस खिलाड़ी की आर्थिक हालत खराब है. मामला संज्ञान में आने पर खेल मंत्री अरविंद पांडे दिलराज से मुलाकात करेंगे.

नमकीन बेचने को मजबूर खिलाड़ी
नमकीन बेचने को मजबूर खिलाड़ी
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Published : Jun 22, 2021, 6:01 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 6:38 PM IST

देहरादून: आर्थिक तंगी से जूझ रही उत्तराखंड की पहली अंतरराष्ट्रीय पैरा शूटर दिलराज सड़क पर दुकान लगाने को मजबूर हैं. पारिवारिक समस्या और आर्थिक तंगी से जूझ रही प्रदेश की पहली महिला पैरा ओलंपिक शूटर दिलराज ने जब गांधी पार्क के आगे नमकीन, बिस्कुट बेच कर अपने परिवार का गुजारा करने की कोशिश की तो पूरे प्रदेश की मीडिया की नजर उन पर पड़ी. वहीं, मामला संज्ञान में आने पर खबर है कि खेल मंत्री अरविंद पांडे दिलराज कौर से मुलाकात करेंगे.

खेल मंत्री करेंगे दिलराज से मुलाकात

कल से गांधी पार्क के बाहर बैठी पैरा शूटर दिलराज कौर से मिलने के लिए तमाम राजनीतिक दलों के लोग पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की पुत्री नेहा जोशी ने भी उनसे मुलाकात की. नेहा जोशी ने बताया कि दिलराज कौर की लड़ाई खुद की लड़ाई नहीं है, बल्कि उनकी तरह आर्थिक तंगी से जूझ रहे अन्य राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की भी लड़ाई है.

यह समस्या प्रदेश की खेल नीति से जुड़ी हुई है. इस संबंध में खेल मंत्री अरविंद पांडे दिलराज कौर से मुलाकात करेंगे और कुछ स्थाई समाधान को लेकर बातचीत करेंगे.

नमकीन बेचने को मजबूर खिलाड़ी

सड़क पर दुकान लगाने को मजबूर

वहीं, दिलराज कौर ने बताया कि उन्होंने जीवन में कई मुकाम हासिल किए हैं. कई बार ओलंपिक में पदक जीते हैं. इसके अलावा कई अलग-अलग मौकों पर सम्मान भी पाया. उनका घर पूरी तरह से अवार्ड और ट्रॉफी से भरा हुआ है, लेकिन घर में खाने के लिए तंगी आ चुकी है. उनके पिता और भाई जिन पर पूरा परिवार आश्रित था, उन्हें वह खो चुकी हैं. अब उनके पास सड़क पर दुकान लगाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था.

ये भी पढ़ें: डॉ. ऐश्वर्या कांडपाल ने ली 4 छात्राओं की शिक्षा की जिम्मेदारी, दिया बड़ा संदेश

खिलाड़ियों के लिए पॉलिसी नहीं: दिलराज

दिलराज कौर ने कहा कि उत्तराखंड में सभी खिलाड़ियों के यही हाल हैं. जबकि देश के अन्य राज्यों में खिलाड़ियों के लिए बेहतर पॉलिसी है. उनके जीवन यापन के लिए सरकार द्वारा बेहतर व्यवस्थाएं की जाती हैं. जब वह अपने प्रदेश और देश का प्रतिनिधित्व करते हैं तो उस समय पूरा देश और प्रदेश उन पर गौरव करता है, लेकिन बाद में एक समय ऐसा आता है जब ना तो उन्हें कोई याद रखता है और ना उनके योगदान को याद किया जाता है.

'खिलाड़ियों के साथ न्याय हो'

उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनके इस योगदान को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी खिलाड़ियों के साथ न्याय होना चाहिए और उनके लिए कोई उचित व्यवस्था होनी चाहिए.

24 स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं दिलराज

दिलराज कौर के नाम विभिन्न प्रतियोगिताओं में 24 स्वर्ण, आठ रजत और तीन कांस्य पदक हैं. उन्होंने उत्तराखंड स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में 2016 से 2021 तक चार स्वर्ण पदक जीते थे. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी एक रजत पदक हासिल किया था.

देहरादून: आर्थिक तंगी से जूझ रही उत्तराखंड की पहली अंतरराष्ट्रीय पैरा शूटर दिलराज सड़क पर दुकान लगाने को मजबूर हैं. पारिवारिक समस्या और आर्थिक तंगी से जूझ रही प्रदेश की पहली महिला पैरा ओलंपिक शूटर दिलराज ने जब गांधी पार्क के आगे नमकीन, बिस्कुट बेच कर अपने परिवार का गुजारा करने की कोशिश की तो पूरे प्रदेश की मीडिया की नजर उन पर पड़ी. वहीं, मामला संज्ञान में आने पर खबर है कि खेल मंत्री अरविंद पांडे दिलराज कौर से मुलाकात करेंगे.

खेल मंत्री करेंगे दिलराज से मुलाकात

कल से गांधी पार्क के बाहर बैठी पैरा शूटर दिलराज कौर से मिलने के लिए तमाम राजनीतिक दलों के लोग पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की पुत्री नेहा जोशी ने भी उनसे मुलाकात की. नेहा जोशी ने बताया कि दिलराज कौर की लड़ाई खुद की लड़ाई नहीं है, बल्कि उनकी तरह आर्थिक तंगी से जूझ रहे अन्य राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की भी लड़ाई है.

यह समस्या प्रदेश की खेल नीति से जुड़ी हुई है. इस संबंध में खेल मंत्री अरविंद पांडे दिलराज कौर से मुलाकात करेंगे और कुछ स्थाई समाधान को लेकर बातचीत करेंगे.

नमकीन बेचने को मजबूर खिलाड़ी

सड़क पर दुकान लगाने को मजबूर

वहीं, दिलराज कौर ने बताया कि उन्होंने जीवन में कई मुकाम हासिल किए हैं. कई बार ओलंपिक में पदक जीते हैं. इसके अलावा कई अलग-अलग मौकों पर सम्मान भी पाया. उनका घर पूरी तरह से अवार्ड और ट्रॉफी से भरा हुआ है, लेकिन घर में खाने के लिए तंगी आ चुकी है. उनके पिता और भाई जिन पर पूरा परिवार आश्रित था, उन्हें वह खो चुकी हैं. अब उनके पास सड़क पर दुकान लगाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था.

ये भी पढ़ें: डॉ. ऐश्वर्या कांडपाल ने ली 4 छात्राओं की शिक्षा की जिम्मेदारी, दिया बड़ा संदेश

खिलाड़ियों के लिए पॉलिसी नहीं: दिलराज

दिलराज कौर ने कहा कि उत्तराखंड में सभी खिलाड़ियों के यही हाल हैं. जबकि देश के अन्य राज्यों में खिलाड़ियों के लिए बेहतर पॉलिसी है. उनके जीवन यापन के लिए सरकार द्वारा बेहतर व्यवस्थाएं की जाती हैं. जब वह अपने प्रदेश और देश का प्रतिनिधित्व करते हैं तो उस समय पूरा देश और प्रदेश उन पर गौरव करता है, लेकिन बाद में एक समय ऐसा आता है जब ना तो उन्हें कोई याद रखता है और ना उनके योगदान को याद किया जाता है.

'खिलाड़ियों के साथ न्याय हो'

उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनके इस योगदान को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी खिलाड़ियों के साथ न्याय होना चाहिए और उनके लिए कोई उचित व्यवस्था होनी चाहिए.

24 स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं दिलराज

दिलराज कौर के नाम विभिन्न प्रतियोगिताओं में 24 स्वर्ण, आठ रजत और तीन कांस्य पदक हैं. उन्होंने उत्तराखंड स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में 2016 से 2021 तक चार स्वर्ण पदक जीते थे. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी एक रजत पदक हासिल किया था.

Last Updated : Jun 22, 2021, 6:38 PM IST
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