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दून की ये दूरबीन असॉल्ट राइफल के रेंज को करेगी दोगुना, युद्ध में बड़े काम की

भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाने में Ordnance Factory Dehradun बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है. अमेरिका में बनी असॉल्ट राइफल (American Assault Rifle) की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए उसमें एक खास तरह की स्वदेशी दूरबीन (Special telescope) लगाई जा रही है, जिसका निर्माण आयुध निर्माणी देहरादून में किया गया है. असॉल्ट राइफल में इस विशेष दूरबीन के लग जाने से इसकी मारक क्षमता 600 मीटर के लगभग हो जाएगी.

Ordnance Factory Dehradun
Ordnance Factory Dehradun
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Published : Oct 18, 2022, 5:16 PM IST

देहरादून: भारतीय सेना को और मजबूत बनाने की दिशा में अमेरिका से खरीदी गई असॉल्ट राइफल (American Assault Rifle) की मारक क्षमत को बढ़ाने के लिए इसमें दूरबीन (Special telescope) लगाई जाएगी, जिसका निर्माण आयुध निर्माणी देहरादून (Ordnance Factory Dehradun) में किया गया है. इस दूरबीन को तैयार करने के लिए देश में 6 बड़ी कंपनियों के बीच हुई प्रतिस्पर्धा में दून आयुष निर्माणी में तैयार होने वाली दूरबीन ने अपनी सबसे खास पहचान बनाई है. यही कारण है कि अब अमेरिका से खरीदी गई असॉल्ट राइफल को दूर तक मार करने के लिए दूरबीन बनाने का कार्य आयुष निर्माण विभाग करेगा.

असॉल्ट राइफल में इस विशेष दूरबीन के लग जाने से इसकी मारक क्षमता 600 मीटर के लगभग हो जाएगी, जबकि दूरबीन के लगने से हथियार वजन 540 ग्राम बढ़ जाएगा. इस विशेष दूरबीन को एके-47 और (एलएमजी) लाइट मशीनगन जैसे अन्य हथियारों में भी लगाया जा सकेगा. असॉल्ट राइफल में इस विशेष दूरबीन के लगने से ना सिर्फ सटीक मारक क्षमता बढ़ जाएगी, बल्कि ये हथियार बेहद घातक रूप में पहचान बना सकेगी.

Special telescope
आयुध निर्माणी देहरादून नें बनी विशेष दूरबीन का खासियत
पढ़ें- 90वीं इंटरपोल महासभा : पीएम मोदी ने कहा-भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक

जानकारी के अनुसार सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए अमेरिका से 72 हजार एडवांस तकनीक की असॉल्ट राइफल खरीदी गई है. हालांकि इसमें लगने वाली दूरबीन को अमेरिका से नहीं खरीदा गया. इस दूरबीन को स्वदेशी के रूप में तैयार करने के लिए देश की अलग-अलग कंपनियों को अवसर दिया गया है. जिसमें सबसे अग्रिम पंक्तियों में इंडिया ऑप्टल लिमिटेड के अंतर्गत आने वाली देहरादून आयुष निर्माणी ने सबसे बड़ी जगह बनाई हैं.

बता दें कि सेना के हथियारों पर लगने वाली इस विशेष दूरबीन को दून आयुष निर्माणी में वर्ष 2020 में तैयार किया था. इस दूरबीन पर अलग-अलग मौसम में विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों के दिन और रात के समय परखा गया है और ये दूरबीन हर कसौटी पर खरी उतरी है.
पढ़ें- चिनूक हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ पहुंचाया ATV, 21 को पीएम मोदी के स्वागत की तैयारी जोरों पर

दिसंबर से मार्च के बीच सेना से मिलेगा आर्डर: आयुष निर्माणी संयुक्त महाप्रबंधक शर्मिष्ठा कौल के मुताबिक इस विशेष दूरबीन निर्माण के लिए भारतीय सेना आगामी दिसंबर या मार्च 2023 तक ऑर्डर दे सकती है. महाप्रबंधक कौल के अनुसार असॉल्ट राइफल में लगने वाली इस दूरबीन कीमत और गुणवत्ता में विदेशी दूरबीनों को मात देगी. गुजरात में शुरू हुए डिफेंस एक्सप्रो आयोजन कार्यक्रम में इंडिया ऑप्टिकल लिमिटेड की तरफ से इस दूरबीन सहित अन्य प्रोडक्ट को दर्शाया गया था.

देहरादून: भारतीय सेना को और मजबूत बनाने की दिशा में अमेरिका से खरीदी गई असॉल्ट राइफल (American Assault Rifle) की मारक क्षमत को बढ़ाने के लिए इसमें दूरबीन (Special telescope) लगाई जाएगी, जिसका निर्माण आयुध निर्माणी देहरादून (Ordnance Factory Dehradun) में किया गया है. इस दूरबीन को तैयार करने के लिए देश में 6 बड़ी कंपनियों के बीच हुई प्रतिस्पर्धा में दून आयुष निर्माणी में तैयार होने वाली दूरबीन ने अपनी सबसे खास पहचान बनाई है. यही कारण है कि अब अमेरिका से खरीदी गई असॉल्ट राइफल को दूर तक मार करने के लिए दूरबीन बनाने का कार्य आयुष निर्माण विभाग करेगा.

असॉल्ट राइफल में इस विशेष दूरबीन के लग जाने से इसकी मारक क्षमता 600 मीटर के लगभग हो जाएगी, जबकि दूरबीन के लगने से हथियार वजन 540 ग्राम बढ़ जाएगा. इस विशेष दूरबीन को एके-47 और (एलएमजी) लाइट मशीनगन जैसे अन्य हथियारों में भी लगाया जा सकेगा. असॉल्ट राइफल में इस विशेष दूरबीन के लगने से ना सिर्फ सटीक मारक क्षमता बढ़ जाएगी, बल्कि ये हथियार बेहद घातक रूप में पहचान बना सकेगी.

Special telescope
आयुध निर्माणी देहरादून नें बनी विशेष दूरबीन का खासियत
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जानकारी के अनुसार सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए अमेरिका से 72 हजार एडवांस तकनीक की असॉल्ट राइफल खरीदी गई है. हालांकि इसमें लगने वाली दूरबीन को अमेरिका से नहीं खरीदा गया. इस दूरबीन को स्वदेशी के रूप में तैयार करने के लिए देश की अलग-अलग कंपनियों को अवसर दिया गया है. जिसमें सबसे अग्रिम पंक्तियों में इंडिया ऑप्टल लिमिटेड के अंतर्गत आने वाली देहरादून आयुष निर्माणी ने सबसे बड़ी जगह बनाई हैं.

बता दें कि सेना के हथियारों पर लगने वाली इस विशेष दूरबीन को दून आयुष निर्माणी में वर्ष 2020 में तैयार किया था. इस दूरबीन पर अलग-अलग मौसम में विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों के दिन और रात के समय परखा गया है और ये दूरबीन हर कसौटी पर खरी उतरी है.
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दिसंबर से मार्च के बीच सेना से मिलेगा आर्डर: आयुष निर्माणी संयुक्त महाप्रबंधक शर्मिष्ठा कौल के मुताबिक इस विशेष दूरबीन निर्माण के लिए भारतीय सेना आगामी दिसंबर या मार्च 2023 तक ऑर्डर दे सकती है. महाप्रबंधक कौल के अनुसार असॉल्ट राइफल में लगने वाली इस दूरबीन कीमत और गुणवत्ता में विदेशी दूरबीनों को मात देगी. गुजरात में शुरू हुए डिफेंस एक्सप्रो आयोजन कार्यक्रम में इंडिया ऑप्टिकल लिमिटेड की तरफ से इस दूरबीन सहित अन्य प्रोडक्ट को दर्शाया गया था.

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