देहरादून: उत्तराखंड में आयुष्मान योजना में हो फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग तकनीक का सहारा लेने जा रहा है. इसके लिए जल्द ही एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है. जिससे इस तरह के मामलों पर अंकुश लग सकेगा.
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उत्तराखंडवासियों के स्वास्थ्य की चिंता करने वाली आयुष्मान योजना खुद फर्जीवाडों में फंस गई है. योजना में लगातार बढ़ रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए अब राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने सॉफ्टवेयर के जरिए इनको रोकने की तैयारी की है. जल्द सॉफ्टवेयर को आयुष्मान योजना में जारी कर योजना से फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा.
दरअसल, इससे पहले उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना के तहत लगातार फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे थे. इस मामले में कई निजी हॉस्पिटलों को अटल आयुष्मान योजना की सूची से बाहर भी किया गया है. हालांकि, अटल आसमान में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एंटी फ्रॉड कमेटी राज्य स्तर पर बनाई गई है लेकिन इस सबके बावजूद भी राज्य सरकार की तरफ से भुगतान होने के बाद फर्जीवाड़े पकड़ में आ रहे थे.
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खास बात यह है कि अब राज्य स्तर पर बनाए गए एंटी फ्रॉड कमेटी पर दबाव बढ़ने से जिला स्तर पर भी एंटी फ्रॉड कमेटी बनाई जा रही है, जबकि इसके साथ ही जल्दी सॉफ्टवेयर भी इसमें तैयार किया जाएगा ताकि सॉफ्टवेयर के जरिए ही अस्पतालों के फर्जीवाड़े को पकड़ा जा सके.
बता दें कि उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के तहत फर्जीवाड़े बढ़ने से सरकार परेशान हैं और इसी के तहत सॉफ्टवेयर के जरिए तकनीकी सहारा लेकर सरकार इन फर्जीवाड़े से बचने का रूपरेखा तैयार कर रही है.